भारतीय उद्योग जगत के दिग्गज रतन टाटा का निधन, मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में ली अंतिम सांस
Ratan Tata Passes Away: टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का निधन हो गया है। उन्होंने भारतीय उद्योग जगत में अमिट छाप छोड़ी है। उनके निधन से देश ने एक महान व्यक्तित्व को खो दिया है। आइए जानते हैं उनके जीवन और कार्यों के बारे में।
Ratan Tata Passes Away: भारतीय उद्योग जगत के जाने-माने व्यक्तित्व और टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का निधन हो गया है। मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में रतन टाटा ने बुधवार 9 अक्टूबर को अंतिम सांस ली। उन्हे ब्लड प्रेशर में अचानक हो रहे गिरावट के चलते ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट बनी रही।
देश के रत्न कहे जाने वाले रतन टाटा ने न सिर्फ भारतीय उद्योग जगत बल्कि विश्वस्तर पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। उनके निधन से देश ने एक महान व्यक्तित्व को खो दिया है।
रतन टाटा को भारतीय उद्योग जगत का एक चमकदार सितारा माना जाता था। उन्होंने अपने नेतृत्व और दूरदर्शिता से टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज जैसी कंपनियों को उन्होंने विश्व स्तर पर पहचान दिलाई।
रतन टाटा का जीवन और कार्य
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई भारत और अमेरिका से की। उन्होंने टाटा समूह में अपने करियर की शुरुआत एक साधारण इंजीनियर के रूप में की थी और धीरे-धीरे कंपनी के शीर्ष पद पर पहुंच गए।
रतन टाटा ने टाटा समूह को न केवल एक व्यावसायिक समूह बल्कि एक सामाजिक संस्था के रूप में विकसित किया। उन्होंने टाटा ट्रस्ट्स के माध्यम से देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में कई परियोजनाएं शुरू कीं।
रतन टाटा की विरासत
रतन टाटा की विरासत हमेशा याद रखी जाएगी। उन्होंने भारतीय उद्योग जगत को एक नई दिशा दी और देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके निधन से देश ने एक महान नेता को खो दिया है।
रतन टाटा के कुछ महत्वपूर्ण योगदान
टाटा समूह का विस्तार: रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने कई क्षेत्रों में विस्तार किया और भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक समूहों में से एक बन गया।
नई कंपनियों की स्थापना: उन्होंने टाटा टेलीसर्विसेज, टाटा स्काई जैसी कई नई कंपनियों की स्थापना की।
विदेशी कंपनियों का अधिग्रहण: उन्होंने विदेशी कंपनियों जैसे जगुआर और लैंड रोवर का अधिग्रहण करके टाटा समूह की वैश्विक पहुंच को बढ़ाया।
सामाजिक कार्यों में योगदान: उन्होंने टाटा ट्रस्ट्स के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में कई परियोजनाएं शुरू कीं।
रतन टाटा के निधन से पूरा देश शोक में है। उनके योगदान को देश और दुनिया भर में हमेशा याद रखा जाएगा।