Ratan Tata Vs Bill Ford: जब रतन टाटा ने बिल फोर्ड के अपमानजनक टिप्पणी का जवाब जगुआर-लैंड रोवर के अधिग्रहण से दिया

टाटा समूह के पूर्व चेयरपर्सन रतन टाटा का बुधवार की रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया है। उनके जीवन में कई उल्लेखनीय घटनाएं हुईं, जिनमें से एक थी अमेरिका में बिल फोर्ड से हुई मुलाकात। इस मुलाकात के बाद ही उन्होंने जगुआर-लैंड रोवर का अधिग्रहण किया। जानिए इस रोचक कहानी के बारे में...

Update: 2024-10-10 04:37 GMT

Bill Ford की अपमान के बाद Tata ने किया था जगुआर-लैंड रोवर का अधिग्रहण: रतन टाटा, जो टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन और भारत के प्रतिष्ठित उद्योगपति थे, ने 86 वर्ष की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से अस्पताल में भर्ती थे और सोमवार से आईसीयू में थे। अपने जीवनकाल में, रतन टाटा ने भारतीय उद्योग को कई क्षेत्रों में न केवल नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि अपनी दूरदर्शिता और साहसिक निर्णयों से कई महत्वपूर्ण सौदे भी किए। इनमें से सबसे दिलचस्प और महत्वपूर्ण अधिग्रहण में से एक था 2008 में जगुआर-लैंड रोवर का अधिग्रहण।

1999 में हुई बैठक और अपमानजनक टिप्पणी

यह कहानी 1999 में अमेरिका की है, जब रतन टाटा अपनी संघर्षरत कार व्यवसाय को बेचने के लिए फोर्ड कंपनी के चेयरमैन बिल फोर्ड से मिलने गए थे। उस समय टाटा की पैसेंजर कारें बाजार में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही थीं और रतन टाटा उन्हें बेचने पर विचार कर रहे थे। लेकिन यह बैठक रतन टाटा के लिए बेहद अपमानजनक साबित हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बिल फोर्ड ने रतन टाटा से कहा, "आपको कुछ भी पता नहीं है, आपने पैसेंजर कार डिवीजन शुरू क्यों किया? हम आपका बड़ा अहसान कर रहे हैं जो आपकी कार कंपनी खरीदने जा रहे हैं।"

रतन टाटा का साहसिक निर्णय

बिल फोर्ड की इस टिप्पणी ने रतन टाटा को आंतरिक रूप से झकझोर दिया। वह गहरे निराश हो गए और बिना सौदा किए भारत लौट आए। लेकिन इस अपमानजनक अनुभव ने उन्हें पीछे हटने के बजाय और भी मजबूत बना दिया। उन्होंने अपने कार व्यवसाय को जारी रखने का निश्चय किया और समय का इंतजार किया।

जगुआर-लैंड रोवर का अधिग्रहण

समय का चक्र नौ साल बाद पूरा हुआ। 2008 में, जब फोर्ड खुद आर्थिक संकट का सामना कर रही थी, उसने अपनी दो लग्जरी ब्रांड्स, जगुआर और लैंड रोवर को बेचने का निर्णय लिया। और इस बार, रतन टाटा ने वही कारोबार खरीदा जिसे बेचने में फोर्ड कभी गर्व महसूस कर रही थी। रतन टाटा ने USD 2.3 बिलियन में जगुआर-लैंड रोवर का अधिग्रहण किया। दिलचस्प बात यह है कि इस बार, जब बिल फोर्ड ने रतन टाटा से कहा, "आप हमारे लिए यह बड़ा उपकार कर रहे हैं जो जगुआर-लैंड रोवर खरीद रहे हैं, धन्यवाद।" यह बयान फोर्ड की स्थिति को पूरी तरह से उलट चुका था।

रतन टाटा का अद्भुत नेतृत्व और टाटा समूह की सफलता

रतन टाटा के नेतृत्व में Tata Group ने न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक मजबूत पहचान बनाई। उन्होंने कोरस, जगुआर-लैंड रोवर जैसे प्रतिष्ठित विदेशी ब्रांड्स का सफलतापूर्वक अधिग्रहण किया। उनका दृष्टिकोण हमेशा दीर्घकालिक विकास पर केंद्रित रहा और यही कारण है कि टाटा समूह आज भारत का सबसे बड़ा और प्रभावशाली व्यवसायिक समूह बन गया है।

रतन टाटा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई बड़े नेताओं ने शोक व्यक्त किया। उनका योगदान न केवल व्यापार जगत में बल्कि समाज सेवा में भी महत्वपूर्ण रहा। उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था, जो उनके अद्वितीय योगदान का प्रमाण है।

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