लोन लेने के लिए सिबिल स्कोर बेहतर रखना जरूरी, कैसे रख सकते हैं मेन्टेन जान लें

आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए लोगों को कभी-कभी लोन लेने की जरूरत पड़ ही जाती है। लोन लेने के बाद आपको अपना सिबिल स्कोर बेहतर रखना जरूरी है।

Update: 2022-12-19 07:25 GMT

आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए लोगों को कभी-कभी लोन लेने की जरूरत पड़ ही जाती है। आप कोई बिजनेस प्रारंभ करना चाहते हों और आपके पास इतनी पूंजी नहीं कि इसे शुरू कर सकें ऐसे में आप लोन ले सकते हैं। फाइनेंस के सेक्टर में जॉब के लिए कई कंपनियों ने केंडीडेट के लिए सिबिल स्कोर अच्छा होना भी जरूरी कर दिया है। जिसके चलते आपको अपना सिबिल स्कोर बेहतर रखना जरूरी है।

सिबिल स्कोर क्या है

भारतीय रिजर्व बैंक से लाइसेंस प्राप्त क्रेडिट स्कोर की सूचना देने वाली कंपनियों में से एक सिबिल (क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड) है। भारत में इक्विफैक्स, एक्सपेरियन और सीएफआई हाईमार्क भी कर्ज के बारे में जानकारी प्रदान करती है। सिबिल स्कोर जनरेट करने के लिए कम से कम एक बार कर्ज लेना आवश्यक है। एक दिन में सिबिल स्कोर नहीं बनता इसके लिए डेढ़ वर्ष से तीन वर्ष का समय लग जाता है। जिसके माध्यम से यह पता चलता है कि बैंक या नॉन बैंकिंग संस्थाओं के साथ उपभोक्ता का लेन-देना कैसा रहा है। यह व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री को प्रदर्शित करता है। सिबिल स्कोर 300 से 900 के बीच तीन अंकों का एक नंबर है।

लोन में निभाता है महत्वपूर्ण भूमिका

सिबिल स्कोर आपके लोन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। यदि आपका सिबिल स्कोर अच्छा है तो लोन अप्रूव होने में समस्या नहीं आती। जबकि सिबिल स्कोर कम होने पर लोन मिलने में मुश्किल पैदा हो सकती हैं। इतना ही नहीं अधिकतर बैंक या कंपनियां लोन देने से मना कर देती हैं। सबसे अच्छा सिबिल स्कोर 750 से 900 के बीच का माना जाता है। वहीं 300 से 550 तक कमजोर, 550 से 650 तक एवरेज, 650 से 750 तक सिविल स्कोर अच्छा माना जाता है। यदि आपका सिबिल स्कोर अच्छा है तो कम ब्याज पर लोन मिलने की संभावना अधिक रहती है।

सिबिल स्कोर ऐसे रख सकते हैं मेन्टेन

आपके द्वारा यदि लोन लिया गया है तो समय पर ईएमआई दें। इसके साथ ही क्रेडिट कार्ड का बिल समय पर न भरने पर भी सिबिल स्कोर कम होता है जिसके लिए आवश्यक हे कि इसका बिल समय पर अदा करें। आपको यह ध्यान रखना होगा कि बैंक या फाइनेंशियल कंपनी से उतना ही कर्ज लें जितना आसानी से चुका पाएं। अधिक कर्ज लेने पर ईएमआई ज्यादा रहेगी और यदि आप इसका समय पर भुगतान नहीं कर पाए तो इसका असर आपके सिबिल स्कोर पर पड़ेगा। बार-बार सिबिल स्कोर चेक करने से बचना चाहिए क्योंकि ऐसा करने पर यह डाउन होता है। इसके साथ ही किसी और के लोन का गारंट बनने से बचना चाहिए। क्योंकि आपके साथी द्वारा लेने लेने के बाद कोई भी चूक सीधे जॉइंट अकाउंट होल्डर के सिबिल स्कोर को भी प्रभावित करेगी।

सिबिल स्कोर कैसे करें चेक

कर्ज लेने के बाद आपको सिबिल स्कोर मेंटेन रखना आवश्यक है। सिबिल स्कोर को पेन नंबर की मदद से देखा जा सकता है। इसको आधिकारिक बेवसाइट पर भी मुफ्त में देखा जा सकता है किन्तु यह सुविधा साल भर में एक बार प्रदान की जाती है। कई बार सिबिल स्कोर चेक करने के लिए पेड सब्सक्रिप्शन प्लान लेना पड़ता है। 550 रुपए के मासिक सब्सक्रिप्शन प्लान के जरिए इसे चेक किया जा सकता है। बैंकिंग सेवा एग्रीगेटर्स या नॉन बैंकिंग संस्थान की वेबसाइट, मोबाइल एप के जरिए भी आप अपना सिबिल स्कोर चेक कर सकते हैं।

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