Business Idea: हर महीने करनी है लाखो-करोड़ो की कमाई, तो बनाए इस पेड़ से तेल और शहद, जानिए!

यूकेलिप्टस के तेल और शहद से होगी लाखों में कमाई.

Update: 2022-03-28 07:10 GMT

Business Idea: यूकेलिप्टस का पेड़ बिजनेस से भरपूर है और आप भी इस पेड़ को लगाकर लाखों रूपये की कमाई कर सकते है। जानकारी के तहत यह पेड़ एक दाम सीधा होने के कारण इसकी लकड़ी के दाम तो मिलते ही है, लेकिन सबसे खास बात यह है कि सफेद यूकेलिप्टस से निकलने वाला तेल और शहद सेहत के लिए उपयोगी है और कमाई का अच्छा माध्यम बन रहा है।

गोंडा का किसान कर रहा बिजनेस

खबरों के तहत गोंडा जिले के वजीर गंज इलाके में रहने वाले अरुण पांडेय इसके औषधीय गुणों के पहचान किए। वे इस पेड़ से निकलने वाले तेल के जारिए लोगों को स्वस्थ्य और समृद्ध बनाने में जुटे हुए हैं। इसका तेल और शहद सेहत के लिए संजीवनी साबित हो रहा है।

पत्तियों से तेल और फूल से बनता है शहद

अभी तक लोगो को यह जानकारी है कि यूकेलिप्टस की महज लकड़ी उपयोगी है। कंम ही लोगो को पता होगा कि इसके पत्तियों से तेल निकालकर दवा बनती है, तो इसके फूल से शहद भी बनता है। यह शहद बाल और स्किन के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है।

दिल्ली विवि के छात्र ने शुरू किया कारोबार

वजीरगंज के परसहवा निवासी अरुण कुमार पाण्डे दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं और आईएएस की तैयारी कर रहे हैं। इसके साथ ही यूकेलिप्टिस की पत्ती से तेल और फूल से शहद बनाने के कारोबार को भी उन्होने अपनाया। उनके लिए यह कारोबार वरदान साबित हो रहा है। वे अब तक इस बिजनेस से तकरीबन पचास लाख रुपये तक कमा चुके हैं और काफी लोगों को रोजगार भी दे चुके हैं।

लगा चुके है 5000 पौधे

अरुण पांडेय का कहना है कि इस बिजनेस को करने के लिए वर्ष 2018 में वे उतरे और इसके लिए अब तक में तकरीबन 5000 पौधो का रोपड़ कर चुके है। उन्होने बताया कि वे खुद कमाई करने के साथ ही इस क्षेत्र के लोगो को रोजगार मुहैया करा रहे है।

ऐसे तैयार करते तेल और शहद

श्री पांडे के मुताबिक वे सफेद पेड़ से तेल बनाने के लिए वे उसकी पत्तियों को टैंक में डालकर हीट करते हैं, जिससे तेल और भाप साथ निकलते हैं, साथ में लगे सेपरेटर में पानी और तेल अलग-अलग हो जाता है। बताते है कि यूकेलिप्टस से निकलने वाला तेल और शहद का स्वाद लोगों को बहुत पंसद आ रहा है। इस तेल की सप्लाई डाबर, पतंजलि और अन्य जगहों पर की जाती है।

अरूण पांडे का कहना है कि वे प्रति वर्ष में 50 से 60 क्विंटल तेल निकाल लेते हैं, जिसकी सप्लाई देशभर में होती है। इस बिजनेस से वे अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे है।

लिया था प्रशिक्षण

श्री पांडे ने इस बिजनेस को करने के लिए केन्द्रीय औषधीय एवं सुगंध पौधा संस्थान में इसका प्रशिक्षण ले चुके हैं, इसके तेल का नाम यूकेलिप्टाल रखा गया है। उनका कहना है कि सीमैप में उन्होने देखा था किस तरह की पत्तियों में कितना कंटेंट लेवल है।

पर्यावरण के लिए है उपयोगी

अरुण पांडेय का कहना है कि पर्यावरण के लिए यह पौधो उपयोगी है। हाइब्रिड यूकेलिप्टस ज्यादा पानी बर्दाश्त नहीं कर पाता है। ज्यादा पानी में इसके सूखने का खतरा बढ़ जाता है। इस हिसाब से यह पौधा पर्यावरण हितैषी है और साथ ही औषधि के हिसाब से भी काफी महत्वपूर्ण है। दरअसल इस पेड़ को लेकर लोगो में जानकारी है कि यह पौधा पानी का शोषण बहुत ज्यादा करता है, जबकि यह पौधा कंम पानी में तैयार होता है।

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