The Diary Of West Bengal का ट्रेलर आया और ममता की पुलिस ने डायरेक्टर को नोटिस भेज दिया, Sanoj Mishra बोले- शायद नहीं बचूंगा
The Diary Of West Bengal Teaser: बंगाल की अशांति और तुष्टिकरण की राजनीति पर बेस्ड है फिल्म द डायरी ऑफ़ वेस्ट बंगाल
The Diary Of West Bengal Movie: फिल्म निर्देशक Sanoj Mishra को कोलकाता पुलिस ने समन भेजा है. Wasim Rizvi द्वारा पेश की गई और सनोज मिश्रा द्वारा लिखी और निर्देशित की गई फिल्म 'द डायरी ऑफ़ बंगाल' (The Diary Of Bengal) का ट्रेलर रिलीज होने के 1 महीने बाद बवाल मच गया है. फिल्म के निर्देशक का कहना है कि हमले यह फिल्म रिसर्च करने के बाद फैक्ट्स के आधार पर बनाई है जो पश्चिम बंगाल की अशांत और तुष्टिकरण की राजनीति से प्रेरित है. मुझे गिरफ्तार किया जा सकता है और इसका कोई ठिकाना नहीं है कि मैं वापस लौटूं
द डायरी ऑफ़ बंगाल ट्रेलर
The Diary Of Bengal Trailer: फिल्म के ट्रेलर को देखकर साफ़ होता है कि यह एक लो बजट फिल्म है. जिसमे ना तो अच्छे डायलॉग हैं, ना कास्टिंग और ना ही अच्छी एक्टिंग। लेकिन फिल्म का कंटेंट देखने-सुनने लायक समझ में आता है. मुस्लिम से हिन्दू बने वसीम रिज्वी इस फिल्म के प्रोड्यूसर और लीड एक्टर हैं.
यह फिल्म सीधा-सीधा बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर हमला करती है. फिल्म के टीजर से स्पष्ट होता है कि इस फिल्म में ममता को एंटी हिन्दू होना दिखाया गया है. टीजर की शुरुआत में कहा जाता है
'लोकतंत्र दुनिया में जनता द्वारा चुनी गई सरकार के राज को कहा गया है. लेकिन इसका एक दूसरा पहलु यह भी है कि अगर बहुमत मुसलमानों का हुआ तो कानून शरीयत का होगा'
इसके बाद बंगाल के एक गांव में 200 हिंदुओं के घर जलाने और उनके नरसंहार की बात बताई जाती है. कहा जाता है कि राज्य सरकार ने इस मामले को दबा दिया, यह राज्य ऐसा है जहां CBI को अरेस्ट कर लिया जाता है, हिन्दुओं को उन्ही के देश में त्यौहार मानाने से रोका जाता है. यहां कट्टरपंथी बांग्लादेशियों और रोहंगियों को बसाया जा रहा है.
डायरेक्टर को पुलिस का समन
इस फिल्म के टीजर रिलीज होने के बाद फिल्म निर्देशक Sanoj Mishra को कोलकाता पुलिस ने समन भेजा है. आरोप है कि इस फिल्म से पश्चिम बंगाल की छवि ख़राब की जा रही है. जबकि निर्माताओं का कहना है कि हम किसी राज्य की छवि खराब नहीं कर रहे बल्कि इसके लिए हमने 2 पहले से रिसर्च करना शुरू किया था. हमारी फिल्म बंगाल की अशांति और तुष्टिकरण की राजनीति पर आधारित है और यह बताती है कि कैसे वहां सामाजिक ढांचा टूट रहा है. यह फिल्म सच्ची घटनाओं पर आधारित है. हमने इस फिल्म का ट्रेलर एक महीने पहले रिलीज किया है. पुलिस ने मुझे समन भेजा है शायद में वापस ना लौट पाऊं