कादर खान ने कब्र पर बैठकर लिखे थे इस फिल्म के डायलॉग, पूरे देश में मच गया था हल्ला
कॉमेडियन और राइटर कादर खान (Kader Khan) के टैलेंट से बॉलीवुड ही नही पूरी दुनिया वाकिफ है। इन्होंने अपने अभिनय के बल पर जिंदगी में सब कुछ हासिल कर दिया था।
बॉलीवुड के जाने-माने और कॉमेडियन और राइटर कादर खान (Kader Khan) के टैलेंट से बॉलीवुड ही नही पूरी दुनिया वाकिफ है। इन्होंने अपने अभिनय के बल पर जिंदगी में सब कुछ हासिल कर दिया था। कादर खान ने बॉलीवुड में 45 साल तक का लंबा सफर तय किया। बी -टाउन में आज भी इस अभिनेता का नाम बड़े ही सम्मान से लिया जाता है। चलिए आज इस अभिनेता के बारे में और भी दिलचस्प बाते जानते है। हिंदी सिनेमा में कादर खान में 300 से भी अधिक फिल्में की। इन्होंने फिल्मों में कहानी के साथ- साथ उन्होंने फिल्मों के डायलॉग भी लिखे। कादर खान का जन्म काबुल अफगानिस्तान में हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक प्रोफेसर के रूप में की थी । इनका बचपना काफी गरीबी में बीता।उसका अंदाजा आप ऐसे लगा सकते हैं कि एक जमाने में इनके पास पहनने के लिए चप्पले भी नही थी।
भारत -पाकिस्तान के बटवारे के बाद कादर खान का परिवार भारत आकर यही का हो गया। अभिनेता कादर खान के दो भाई थे।जिनका बचपन में ही इंतकाल हो गया था। कादर के जन्म के दौरान उनकी मां मुंबई में आकर रहने लगी। कादर एक इंजीनियर के छात्र रहे है। पढ़ाई पूरी करते ही इन्होंने सिद्दिकी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में प्रोफेसर में प्रोफेसर के रूप में नौकरी की।
कादर खान को एक्टिंग करने का शौक था । वह अपने कॉलेज के दौरान भी अभिनय में हिस्सा लिया करते थे । उसी समय दिलीप कुमार ने इनका अभिनय देखा और उन्हें बेहद पसंद आया । इसके बाद दिलीप कुमार ने कादर खान से अपनी फिल्मों में काम करने के लिए कहा था। कदर खान की पहली फिल्म की माने तो वो 'दाग' थी। इस फिल्म में कादर खान एक वकील के तौर पर नजर आए थे। एक दौर की हिट फिल्म' रोटी 'के लिए डायलॉग कदर खान ने ही लिखे थे। इस फिल्म के लिए मनमोहन देसाई ने अभिनेता को 20 हजार रुपए फीस के तौर पर दिए थे। कादर खान ने हिंदी फिल्मों में ही नहीं बल्कि कई टीवी शो में भी काम किया है । उनका शो 'हंसना मत' काफी पॉपुलर हुआ था। इसी शो से कादर खान को एक कॉमेडियन के तौर पर जाना जाने लगा।
आप इससे वाकिफ नहीं होगे कि कादर खान को 9 बार बेस्ट कॉमेडियन अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था। कादर खान कब्रों के बीच बैठकर डायलॉग लिखने माहिर थे।कादर खान अश्लील और डबल मीनिंग के डायलॉग लिखने के लिए जाने जाते हैं । इस वजह से बहुत से लोग अभिनेता की आलोचना भी करते हैं। कुछ समय पहले कादर खान ने डायरेक्टर फौजिया अर्शी की फिल्म 'हो गया दही का दिमाग ' दिखाई पड़े थे। फौजिया ने एक इंटरव्यू के समय बताया कि कादर खान बहुत बीमार रहते हैं। वही उनकी फैमिली इनका जरा भी ख्याल नहीं रखती थी। उन्होंने बताया कि कादर खान इलाज के लिए बाबा रामदेव के आश्रम भी गए थे।वहां इनकी हालात में काफी सुधार होता देखा गया । इन्होंने व्हीलचेयर से उठकर चलना फिरना शुरू कर दिया था।
रामदेव ने उनके बेटों से कहा कि उन्हें थोड़ा और समय दें। वह उन्हें पूरी तरह से स्वस्थ कर देंगे, लेकिन कादर के बेटे उन्हें महज 15 दिनों के अंदर वापस ले गए । अभिनेता के तीन बेटे हैं।जिसमें सबसे छोटा बेटा कद्दुस ही कादर खान का बेहद ख्याल रखता था। वो इसी बेटे के साथ कनाडा में रहा करते थे । फौजिया ने बताया कि कादर का मानना था कि फिल्म इंडस्ट्री के लोग उन्हें पूरी तरह से भूल गए हैं। अभिनेता का कहना था कि उन्हें कोई फोन नहीं करता और ना ही उनका कोई हालचाल लेने की कोशिश ही करता । अभिनेता अमिताभ बच्चन ही उन्हें फोन किया करते थे । कादर खान को इस बात का बेहद दुख हुआ कि उन्होंने इंडस्ट्री को इतना समय दिया, लेकिन अभिनेता को अभी तक पद्दमश्री जैसे बड़े सम्मान का हकदार नहीं समझा गया। कादर ने अपने दिल के सारे दर्द को फौजिया के साथ बयां किया था।