Bollywood Story: फिल्मों के बाद बॉलीवुड के इस अभिनेता ने राजनीति में रखा था कदम, फिल्म में पहला रोल रेपिस्ट का मिला था
राज बब्बर के राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 1989 में हुई थी।
Bollywood Story: फिल्मों में आने से पहले राज बब्बर थिएटर किया करते थे। 80 दशक के ये अभिनेता हिंदी सिनेमा में असल में काफी अरसे तक राज किया था।ये आज भी फिल्मों में सक्रिय रुप से दिखाई देते हैं।राज अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी काफी सुर्खियों में छाए रहते हैं। फिल्मों के अलावा इन्होंने राजनीति में भी अपनी पहचान बनाई। इनके राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 1989 में हुई थी।खैर राज बब्बर कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं। 23 जून 1952 को इस अभिनेता का जन्म उत्तर प्रदेश के टूंडला में हुआ था ,तो चलिए आज हम बॉलीवुड के अभिनेता के बारे में कुछ दिलचस्प किस्से जानते हैं।
नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा से एक्टिंग सीखी
राज बब्बर ने स्कूली पढ़ाई की माने तो इन्होंने आगरा के फैज-ए-आलम इंटर कॉलेज से की थी।एक्टिंग में रुचि होने के कारण उन्होंने 1975 में दिल्ली में स्थित नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन ले लिया। दिल्ली में ये कई थियेटर ग्रुप से जुड़ गए और नाटकों में हिस्सा लेने लगे।आगे चलकर फिल्मों में काम करने के लिए राज बब्बर मुंबई जा पहुंचे।उनकी पहली फ़िल्म 'किस्सा कुर्सी का' 1977 में रिलीज की गई थी।
दुष्कर्म का सीन फिल्मानें के बाद डरे हुए थे राज
इसके बाद 'इंसाफ की तराजू' फिल्म में राज बब्बर को नेगेटिव किरदार निभाने के लिए दिया गया।इस किरदार को निभाने के बाद से दर्शक राज बब्बर को पहचानने लगे थे। फिल्म में राज बब्बर ने जीनत अमान के साथ दुष्कर्म के सीन फिल्माए थे।इससे ये बेहद घबरा गए थे अभिनेता को इस बात का डर था। कि वो फिल्म इंडस्ट्री में अभी नए हैं।और जीनत अमान उस समय की बड़ी अभिनेत्री गिनी जाती थी। ऐसे में राज फिल्मी कैरियर पर कही ग्रहण न लग जाए।
बीआर चोपड़ा के फेवरेट बन गए थे राज बब्बर
'इंसाफ की तराजू' फिल्म के बाद राज गब्बर निर्देशक बीआर चोपड़ा के फेवरेट अभिनेता की लिस्ट में आ गए थे। निर्देशक अपनी हर एक फिल्म में रोल ऑफर करने लगे। फिल्म इंडस्ट्री में राज बब्बर एक ऐसे अभिनेता माने जाते है जिन्होंने हीरो विलन से लेकर हीरो तक के सभी किरदारों को बखूबी रूप से निभाया।उन्होंने अपने फिल्मी करियर में 43 फ़िल्में की। उनमें से कई फिल्मे हिट भी रही।राज बब्बर के हिट फिल्मों के नाम 'प्रेम गीत', , 'अगर तुम ना होते',, 'मेहंदी', 'आज की आवाज', 'हकीकत', 'सलमा' 'निकाह'। 'उमराव जान'' मजदूर' जैसी फिल्में शामिल है।