MARIJUANA : क्या आपको पता है देश में बैन होने से पहले ठेकों में बिकता था गांजा
ऐसा क्या हुआ की गांजा भारत में बैन हो गया, और बुद्धिमान देश अमेरिका ने भारत के साथ इस मामले में खेल कर दिया।
गांजा : ये शब्द सुनते ही सभ्य समाज ऐसा मुँह बना लेता है जैसे उनकी नाक में मक्खी घुस गई हो, घर वालों के सामने गांजा का नाम लेना मतलब डंडे से सुताई होना तय हैं. लेकिन क्या आपको मालूम है भारत में बैन होने से पहले यहाँ ठेकों में वीड (WEED ) यानि के गांजा भी भांग की तरह बिकता था, कह लो की गांजा और भांग एक दूसरे के भाई बहन हैं। और अमेरिका ने इस मामले में ऐसी बुद्धि खेली की आज वो वीड से अरबों रूपए का मुनाफा कमा रहा है और यहाँ भारत का कानून उसे अभी भी एक अभिशाप मानता है. तो आखिर ऐसा हुआ क्या की भारत को गांजा बैन करना पड़ा , गांजा क्या वाकई में ये सिंथेटिक ड्रग है या सिर्फ यूनाइटेड नेशन की साज़िश थी. शुरू से लेकर अबतक का सारा किस्सा आज हम आपको बताने जा रहें हैं।
काहे बैन हुआ मरुआना ( MARIJUANA )
बात है साल 1985 की जब देश के प्रधानमंत्री स्व राजीव गाँधी हुआ करते थे तबतक भारत में गांजे से बहुत असरदार दवाइयां भी बनती थीं। गांजा कोई नशे भर का साधन नहीं था पौराणिक धर्म ग्रंथों में गांजा को सबसे बढ़िया औषधीय पौधा बताया गया है। खैर अब आते हैं इतिहास में. तो सबसे पहले UN मतलब यूनाइटेड नेशन ने साल 1961 में गांजे को सिंथेटिक ड्रग्स की केटेगिरी में शामिल कर दिया और भारत से कहा की भाई तुम इसको बैन करों, लेकिन भारत ने तब UN की बात नहीं मानी। मामला सिर्फ दवाई बनाने का नहीं हिन्दू आस्था का भी था। हिन्दू धर्म में गांजे और भांग को लेकर लोग धार्मिक रूप से इमोशनली अटैच थे। फिर 1885 में UN ने बहुत दबाव बनाया अंत में आकर राजीव गाँधी की ने इसे सिंथेटिक ड्रग की श्रेणी का मान लिया और बैन कर दिया। और गांजा बाजार में बेचना अवैध हो गया।
ये सिंथेटिक ड्रग क्या होता है
जैसे कोकीन , मैथ , हशीश , स्मैक और भी बहुत कुछ। क्या है की सिंथेटिक ड्रग उसे कहते हैं जो लेब में केमिकल का इस्तेमाल करके सिर्फ नशे के लिए बनाया जाता जाता है। गांजा किसी लेब में नहीं बनता भाई। ये एक पौधा है जो बीज डालने पर मिट्टी और पानी से उगता है , इस तरह तो आम अमरुद , लीची वो हर चीज़ जो मिटटी में बीज डालने से बनती है सिंथेटिक हो गई क्या ? लेकिन UN ने गांजे को सिंथेटिक ड्रग करार कर दिया। ऐसा लगता है UN में बैठे लोगों ने खुद ही 4 5 कश मारने के बाद इसे सिंथेटिक ड्रग की श्रेणी में डाला था।
क्या अमेरिका में लीगल हैं
और नहीं तो क्या ? यही तो असली खेला हुआ भारत के साथ। UN ने तो बैन करने को बोल दिया लेकिन खुद अमेरिका ने बाद में इसे लीगल कर दिया। वहां के 27 राज्यों में गांजे से कैंसर जैसी बीमरी की दवाई बनाई जाती है. हाँ भाई कैंसर की दवाई में गांजे का भी इस्तेमाल होता है। और वही महंगी दवाइयां भारत खरीदता भी है। अमेरिका छोड़ो दुनिया के 40 देशों में गांजा लीगल है। अमेरिका में गांजा छुप छुपा कर नहीं बेचा जाता वहां तो वेंडिंग मशीन में भी गांजे की बिक्री होती है। और सालाना सरकार को अरबों रूपए का मुनाफा होता है। कोरोना की वैक्सीन लगवाने के लिए अमेरिकी राज्यों ने कहीं कहीं तो वैक्सीन लगवाने पर लोगों को मुफ्त में गांजा भी बांटा है। की लो भाई घर में पड़े पड़े भंड रहो लेकिन वैक्सीन लगवा लो।
ये साज़िश किसके लिए रची गई
भाई तम्बाखू बनाने वाली कंपनिया और शराब बनाने वाले लोगों को लाभ पहुँचाने के लिए गांजे को बैन किया गया। सोचने वाली बात है की अगर गांजा को लीगल कर दिया जाए तो तम्बाखू इंडस्ट्री चौपट हो जाएगी।
तो भांग क्यों बैन नहीं है यार
भांग और गांजा एक ही पौधे से बनता है। फिर भी गांजा पीना एक टेबू ( Taboo ) है और भांग पीना मजा है। क्यों भाई ऐसी नाइंसाफी क्यों ? इसका जवाब है कि जब UN ने बोला चलो बैन करो गांजा तो भारत ने सरकार ने कहा ठीक है हम गांजा तो बैन किए दे रहे हैं लेकिन भांग नहीं बैन करेगें चाहे जो करना है कर लो। क्योंकि भांग हिन्दू संस्कृति का अहम हिस्सा है यहाँ के सन्यासियों से लेकर आम लोग तीज त्यौहार में इसे खा कर सारारारा गाने में डांस करते हैं। और ये हमारे भगवान को प्रसाद के रूप में चढ़ता है। तो UN ने थोड़ा बहुत नखरे दिखाए और बोला चलो ठीक है। इसी लिए गांजा बैन है और भांग लीगल।
इसका फायदा क्या है और ये हानिकारक क्यों हैं
शराब पिने से क्या फायदा है ? सिगरेट से कौन सा फेफड़ा मजबूत हो जाता है ? बल्कि यही तो कैंसर की जड़ है , पूरी दुनिया में मुँह और लीवर कैंसर के मरीज भारत में ही सबसे ज़्यादा मिलते हैं। लेकिन गांजा एक औषधीय पौधा है इसके कई फायदे हैं , एक तो 32 प्रकार के कैंसर की दवाई बनती है बाकी ज्वाइंडिस , डिस्प्रेशन, ANXITY , भूख ना लगना , शरीर दर्द , हड्डियों के जोड़ों में दर्द का इलाज करने में यह इस्तेमाल किया जाता है। अब नफा नुकसान भी जान लो लगातार गांजा पिने से इंसान का नर्वस सिस्टम एक समय के बाद बिगड़ जाता है, जो सिगरेट और अल्कोहल पीने से भी होता है. और ज़्यादा पीने पर इंसान बावला हो जाता है। किसी भी चीज़ का अधिक मात्रा में सेवन करने पर वो ज़हर ही बन जाता है। अगर आप दिन में ज़रूरत से ज़्यादा पानी भी पी लेंगे तो दिक्क्त होने लगेगी।
तो पीने मत लग जाना
इस आर्टिकल का अर्थ ये नहीं है की गांजा बड़ा अच्छा है इसको पीना चालू कर दो , भारत में जो कानून बना है उसका पालन करना हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है। यहाँ weed बैन है तो ना इसे खरीदों ना पियों बात ख़तम। आर्टिकल का मतलब सिर्फ गांजे के बैन होने का कारण बताना है. पीना मत शुरू कर देना। और वैसे भी गांजा तो बैन है कहीं मिलता ही नहीं (HAHAHA )