एमपी के उज्जैन की गौरव गाथा का गुणगान करेंगी महालोक की दीवारें, उकेरे जाएंगे इतिहास और संस्कृति के चित्र
MP News: एमपी के उज्जैन में महाकाल मंदिर के विस्तारीकरण का कार्य लगातार जारी है। महाकाल महालोक की दीवारें तैयार हो रही हैं जो अब भगवान भोलेनाथ के साथ उज्जैन के गौरवशाली इतिहास, संस्कृति और कला का गुणगान करेंगी।
एमपी के उज्जैन में महाकाल मंदिर के विस्तारीकरण का कार्य लगातार जारी है। महाकाल महालोक की दीवारें तैयार हो रही हैं जो अब भगवान भोलेनाथ के साथ उज्जैन के गौरवशाली इतिहास, संस्कृति और कला का गुणगान करेंगी। अहिल्याबाई मार्ग से जुड़े हुए नीलकंठ वन पहुंच मार्ग पर 20 फीट ऊंची और 225 मीटर लंबी दीवार बनाई गई है। जिसमें इतिहास और संस्कृति के चित्र उकेरे जाएंगे।
सात करोड़ रुपए आएगी लागत
उज्जैन में महाकाल महालोक की दीवारों में राजाधिराज बाबा महाकाल की सवारी के साथ महाकुंभ के शाही स्नान, चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य, राजपूत यौद्धा दुर्गादास राठौड़, महारानी अहिल्याबाई, पुरातत्वविद विष्णु श्रीधर वाकणकर सहित 36 से अधिक दुर्लभ चित्रों को अंकित किया जाएगा। कारीगरों द्वारा इन लंबी चौड़ी दीवारों को सजाने का काम जल्द ही प्रारंभ किया जाएगा। इस कार्य में 7 करोड़ रुपए लागत आएगी। स्मार्ट सिटी के अधिकारियों का दावा है कि 30 सितम्बर से पहले नीलकंठ पहुंच मार्ग की दीवारों का शिल्पांकन कार्य को पूरा कर लिया जाएगा।
शिव महापुराण के अंकित हैं चित्र
गत वर्ष रुद्र सागर के किनारे स्मार्ट सिटी द्वारा 500 मीटर लंबी और 25 फीट ऊंची दीवार तैयार की गई थी। जिसमें शिव महापुराण में उल्लेखित घटनाओं के चित्रों को उकेरा गया है। दीवारों पर उकेरे गए इन शैल चित्रों के माध्यम से मंदिर की स्थापत्य कला, आध्यात्मिक भाव और संस्कृति के दर्शन किए जा सकते हैं। उज्जैन में अब नीलकंठ वन पहुंच मार्ग में भी ऐसी ही दीवार का निर्माण कराया जा रहा है। जहां के लाल पत्थरों पर उज्जैन की महिला का बखान देखने को मिलेगा। जिसका उद्देश्य यह है कि जब देश-विदेश के पर्यटक यहां पहुंचे तो भगवान शिव की महिला जानने के साथ ही उन्हें उज्जैन नगरी की गौरव गाथा से रूबरू करवाया जा सके।
26सौ साल पुरानी उदयन वासुदत्ता का होगा उल्लेख
उज्जैन की महाकाल महालोक की दीवार पर 26सौ वर्ष पुरानी उदयन वासुदत्ता की प्रेम कहानी पर आधारित चित्र भी उकेरे जाएंगे। जिनमें पाटलिपुत्र के राजा उदयन हाथी पर बैठकर उज्जैन के राजा चंडप्रद्योत की बेटी वासुदत्ता का हरण कर ले जाते दिखाई देंगे। इसके बाद उनका पीछा करते सैनिक राजा द्वारा फेंकी गई मुद्राएं उठाते नजर आएंगे। इसके साथ ही महाकवि कालिदास की आराध्य देवी मां गढ़कालिका और शक्तिपीठ हरसिद्धि के चित्र भी दीवारों पर दिखाई देंगे।
प्राचीन राज चिन्हों की दिखाई देगी झलक
दीवारों में उज्जैन के प्राचीन राज चिन्ह की झलक भी देखने को मिलेगी। तकरीबन 500 वर्ष पहले चार गोल घेरे और बीच में क्रॉस इस तरह की डिजाइन का सिक्का उज्जैन का राज चिन्ह हुआ करता था जिसे नई दीवार पर शिल्पांकित किया जाएगा। इसके साथ ही अहिल्याबाई का चित्र भी उकेरा जाएगा। जिसमें उन्हें शिवलिंग हाथों में लिए हुए बताया जाने वाला है। 1772 में राजा जय सिंह द्वारा बनवाए गए जंतर मंतर का चित्रण भी किया जाएगा। इसके साथ ही पद्मश्री विष्णु श्रीधर वाकणकर के चित्र भी दीवारों पर उकेरे जाएंगे।