एमपी उज्जैन में युवक ने देशी जुगाड़ से स्कूटी को बना दिया आपातकालीन वाहन, 100 सुविधाओं से है लैस
एमपी में हुनरमंदों की कमी नहीं है। उज्जैन में भी एक व्यापारी ने जुगाड़ से अपनी स्कूटी को सौ सुविधाओं से लैस कर अपना हुनर दिखाया है।
एमपी में हुनरमंदों की कमी नहीं है। उज्जैन में भी एक व्यापारी ने जुगाड़ से अपनी स्कूटी को सौ सुविधाओं से लैस कर अपना हुनर दिखाया है। बताया गया है कि स्कूटी में आपातकालीन वाहन फायर ब्रिगेड का काम कर सकती है तो वहीं अन्य सौ सुविधाओं से भी लैस है। जुगाड़ से इसे तैयार करने में व्यापारी को केवल 8 हजार रुपए खर्च आया।
तंग गलियों में बुझा सकती है आग
उज्जैन के युवा व्यापारी गौरव मालपानी ने अपनी स्कूटी को इस तरह से तैयार किया गया है कि वह आग पर भी काबू पा सकती है। तंग गलियों में जहां अग्निशमन वाहन नहीं पहुंच पाता ऐसे में उनकी स्कूटी आसानी से पहुंच जाएगी। इसके देखकर लोग भी अचंभित हो रहे हैं। इतना ही नहीं अग्निशमन यंत्र के साथ ही आपातकाल में स्कूटी को सौ अन्य तरह की सुविधाओं से भी लैस किया गया है। गौरव की मानें तो एक पानी की बोतल से लेकर आग बुझाने के उपकरण तक इन साधनों में सम्मिलत हैं। हाल ही में बनाए गए इस आपातकालीन वाहन को वह प्रशासन को सौंपना चाहते हैं जिससे आपातकाल में जनता की सेवा हो सके।
ऐसे करती है काम
स्कूटी में लगी बैटरी के माध्यम से अग्निशमन यंत्र को चलाया जा सकता है। गाड़ी में जुगाड़ कर लगाए गए उपकरणों के माध्यम से पानी की बौछार कर आग पर काबू पाया जा सकता है। जिसमें पानी भी ज्यादा खर्च नहीं होता। लगाए गए यंत्र के माध्यम से पानी का प्रेशर इतना तेज रहता है कि आग काबू में आ जाती है। इसके लिए स्कूटी को स्टार्ट करने की भी आवश्यकता नहीं पड़ती। ज्यादा देर तक उपयोग करने पर ही इसको स्टार्ट करना पड़ेगा।
यह भी हैं सुविधाएं
जुगाड़ करके स्कूटी को अन्य सुविधाओं से भी लैस किया गया है। रात में जहां बल्व जला सकेंगे तो वहीं पंखा भी चला सकेंगे। इसके अलावा गाड़ी में एक फास्ट मोबाइल चार्जर, उसको लगाने का साकेट, फायर एक्सटिंग्विशर, गाड़ी पंचर होने पर हवा भरने की मशीन और उसको चलाने के लिए एक साकेट सहित एक डीसी फैन की भी सुविधा भी उसमें मौजूद हैं। गाड़ी में आग बुझाने के लिए लगाए गए पंप के माध्यम से 10 फीट की दूरी से भी आग पर काबू पाया जा सकता है। युवा व्यापारी गौरव की मानें तो स्कूटी से इन सुविधाओं से लैस करने में उन्हें मात्र 8 हजार रुपए का खर्च आया है। गाड़ी को तैयार करने में उन्हें लगभग एक माह का समय लगा।