MP Ujjain News: मवेशियों का तबेला बना स्कूल, दुर्गंध से पढ़ाई नहीं कर पा रहे छात्र
प्रदेश सरकार छात्रों को बेहतर शिक्षा दिलाने की मंशा से नित नए तरीके अपना रही है जिससे छात्र पढ़-लिखकर शिक्षित बन सकें। किंतु प्रशासनिक अदूरदर्शिता के चलते छात्र बेहतर शिक्षा ग्रहण करने से वंचित हो रहे हैं।
प्रदेश सरकार छात्रों को बेहतर शिक्षा दिलाने की मंशा से नित नए तरीके अपना रही है जिससे छात्र पढ़-लिखकर शिक्षित बन सकें। किंतु प्रशासनिक अदूरदर्शिता के चलते छात्र बेहतर शिक्षा ग्रहण करने से वंचित हो रहे हैं। कई जगह विद्यालयों का यह हाल है कि उसमें या तो अतिक्रमण हावी है या फिर वह मवेशियों का तबेला बन गया है। जिससे विद्यालयों के हाल बेहाल हो गए हैं। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है उज्जैन स्थित चिंतामन क्षेत्र के टंकारिया पंथ गांव में स्थित शासकीय प्राथमिक-माध्यमिक विद्यालय का।
बाउंड्रीवाल नहीं होने से स्कूल में बांधते हैं मवेशी
टंकारिया पंथ गांव स्थित सरकारी विद्यालय दुर्दशा का शिकार है। इस स्कूल में बाउंड्रीवाल नहीं है। जिसका खामियाजा यहां पदस्थ शिक्षकों व यहां अध्ययन करने आने वाले छात्रों को उठाना पड़ रहा है। बाउंड्री नहीं होने से स्थानीय लोग स्कूल परिसर में ही अपने मवेशी बांध देते हैं जो चारों ओर गंदगी मचाते रहते हैं। विद्यालय परिसर मवेशियों का तबेला बन जाने से दुर्गंध का वातावरण निर्मित रहता है। जिसके चलते स्कूल के कमरों की खिड़की तक खोलना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में इसका असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। इसके साथ ही बच्चों बीमारियों से भी ग्रसित हो रहे हैं।
प्राचार्य ने लिखी डीईओ को चिट्ठी
स्कूल परिसर मवेशियों का तबेला बन जाने से अभिभावकों में खासी नाराजगी है। बच्चों के बीमार पड़ने की आशंका से उन्होंने अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजने का भी मन बना लिया। इस संबंध में स्कूल प्राचार्य श्यामलाल द्वारा पंचायत से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी को चिट्ठी लिखी गई कि बाउंड्रीवाल बनवाएं व स्थायी रूप से स्कूल परिसर को मवेशियों से मुक्त बनाएं। ताकि बच्चे स्वच्छ व स्वस्थ माहौल में पढ़ाई कर सकें। डीईओ ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि मवेशियों की वह से बच्चों को पढ़ाई में कठिनाई पैदा हो रही है। अभिभावक भी शाला पहुंचाने में कतरा रहे हैं। शाला के आसपास गांव के लोग मवेशी बांधते हैं मना करने पर झगड़ा करने पर उतारू हो जाते हैं। जिसके चलते विद्यालय परिसर में बाउंड्रीवाल का निर्माण कराया जाना आवश्यक है।