MP Ujjain News: भगवान भैरवनाथ को लगाया 1500 तरह का भोग, चढ़ाया भांग गांजा और शराब

भैरव अष्टमी के दिन उज्जैन के प्राचीन मंदिर में भगवान भैरवनाथ को 1500 तरह की खाने-पीने की चीजों का भोग लगाया गया। जिसमें 60 किस्म की देसी-विदेशी शराब, 30 अलग-अलग तरह की तंबाकू और सादे पाउच से लेकर अफीम, चिलम, भांग और गांजा शामिल है।

Update: 2022-11-17 11:42 GMT

भैरव अष्टमी के दिन उज्जैन के प्राचीन मंदिर में भगवान भैरवनाथ को 1500 तरह की खाने-पीने की चीजों का भोग लगाया गया। बुधवार देर रात इस अनूठे महाभोग के श्रद्धालुओं ने भी दर्शन किए। रात 12 बजे महाआरती हुई इसके बाद भोग का यह प्रसाद श्रद्धालुओं के बीच बांट दिया गया। बताया गया है कि 60 किस्म की देसी-विदेशी शराब, 30 अलग-अलग तरह की तंबाकू और सादे पाउच से लेकर अफीम, चिलम, भांग और गांजा के साथ 22 तरह की बीड़ी-सिगरेट भोग में शामिल थे।

मंदिर का नाम है 56 भैरव

उज्जैन में भागसीपुरा स्थित काल भैरव मंदिर में शराब चढ़ाने की परंपरा है। यह मंदिर अति प्राचीन है। यहां भैरव बाबा की 56 प्रतिमाएं एक ही स्थान पर होने के चलते इनका नाम चमत्कारी छप्पन भैरव पड़ा। अवंतिका तीर्थ के अष्ट भैरव में इनकी गणना होगी। पुजारियों के अनुसार राजा भर्तृहरि और सम्राट विक्रमादित्य भी यहां आकर पूजा किया करते थे। यहां हर साल अष्टमी के दिन भगवान भैरवनाथ को तरह-तरह के भोग चढ़ाने की परंपरा रही है।

भैरवनाथ को चढ़ाई देसी-विदेशी मदिरा

भैरवनाथ मंदिर का दृश्य भैरव अष्टमी पर देखते ही बनता था। यहां देसी-विदेशी मदिरा का जहां भक्तों ने भैरवनाथ को भोग लगाया तो वहीं बाबा को सिगरेट, कोल्डड्रिंक आदि भी भोग स्वरूप परोसे गए। मंदिर में प्रति वर्ष अष्टमी को 56 भोग के लिए भैरवनाथ का भव्य श्रृंगार किया जाता है। इस बार भगवान भैरव को चांदी के बर्तन में भोग लगाया गया। खास बात यह है कि कार्यक्रम खत्म होने के बाद भोग को श्रद्धालुओं में वितरित कर दिया जाता है। वहीं मंदिर में हर साल बिजली सज्जा करने के लिए बाहर से इलेक्ट्रीशियन आते हैं। पुजारी पं. राजेश व्यास की मानें तो ब्राह्मण होने के कारण हम बाबा को शराब का भोग नहीं लगाते थे। किन्तु जब वर्ष 2004 में बाबा ने स्वप्न दिया तो फिर बाबा को मदिरा का भोग लगाया जाने लगा।

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