रीवा में जल संकट: कलेक्टर ने जल आभाव क्षेत्र घोषित किया, नलकूप खनन पर प्रतिबंध

रीवा कलेक्टर मनोज पुष्प ने आगामी जल संकट को देखते हुए जिले को जल आभाव क्षेत्र घोषित किया है. नलकूप खनन पूर्णरूपेण प्रतिबंधित रहेगा, जरुरत पड़ने पर निजी पेयजल स्त्रोतों को भी प्रशासन अधिग्रहीत कर सकता है.

Update: 2023-03-18 04:59 GMT

कलेक्टर ने जल आभाव क्षेत्र घोषित किया

रीवा। जिले में आने वाले दिनों में जल संकट के संकेत दे दिये गए हैं. इसलिये जिले को जल अभाव क्षेत्र घोषित कर दिया गया है. नलकूप खनन पर प्रतिबंध कलेक्टर ने लगाया है. अगर कहीं शासकीय जलस्रोत बंद हो जाते हैं और निजी स्रोतों की जरूरत पड़ती है तो उसे प्रशासन अधिग्रहण भी कर सकेगा. जिले में विभिन्न कार्यों के लिए भू-गर्भीय जल स्त्रोतों के अत्याधिक दोहन एवं तापमान बढने के साथ जल स्तर में तेजी से गिरावट के कारण जिले में आसन पेयजल संकट के कारण कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी मनोज पुष्प ने रीवा जिले में पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 के प्रावधानों के तहत जिले को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है.

रीवा कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के तहत जिले में 15 जुलाई 2023 तक किसी भी शासकीय भूमि पर स्थिति जल स्त्रोतों में पेयजल तथा घरेलू उपयोग को छोड़कर पानी के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है. जिले के सभी शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र के समस्त जल स्त्रोतों जिनमें नदी, नाले, स्टाप डैम, सार्वजनिक कूप एवं अन्य जल स्त्रोत शामिल है उन्हें पेयजल तथा घरेलू कार्यों हेतु तत्काल प्रभाव से सुरक्षित किये जाने के आदेश दिये गये हैं. प्रतिबंध की अवधि में किसी भी व्यक्ति अथवा निजी एजेंसी द्वारा सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना नवीन नलकूप खनन की अनुमति नहीं होगी.

फैक्ट फाइल

> निजी नलकूप खनन के लिए SDM के यहां से लेनी होगी अनुमति.

> शासकीय भूमि पर स्थित जल स्रोतों में पेयजल तथा घरेलू उपयोग को छोड़कर अन्य (उपयोग पर प्रतिबंध)

शासकीय नलकूप खनन की छूट

शासकीय नलकूप खनन को प्रतिबंधों से छूट दी गयी है. जारी आदेश के अनुसार प्रतिबंध की अवधि में यदि कोई व्यक्ति अपनी निजी भूमि पर नल कूप खनन कराना चाहता है तो उसे निर्धारित प्रारूप में शुल्क सहित अपने क्षेत्र के एसडीएम को आवेदन करना होगा. लिखित अनुमति मिलने के बाद ही नलकूप खनन किया जा सकेगा. यदि किसी क्षेत्र में सार्वजनिक पेयजल स्त्रोत सूख जाते हैं तथा विकल्प के रूप में अन्य सार्वजनिक पेयजल स्त्रोत उपलब्ध नहीं है ऐसी स्थिति में एसडीएम निजी पेयजल स्त्रोत को निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार अधिग्रहीत कर सकेंगे. प्रतिबंध के आदेश 15 जुलाई 2023 तक लागू रहेंगे.

24 घंटे के भीतर हैण्डपंप सुधारे जाएं

कलेक्ट्रेट कार्यालय में आयोजित बैठक में कलेक्टर मनोज पुष्प ने नलजल योजनाओं की प्रगति तथा पेयजल व्यवस्था की समीक्षा की. कलेक्टर ने कहा कि कार्यपालन यंत्री पीएचई बिगड़े हैण्डपंपों के सुधार के लिए अभियान चलाएं. किसी भी गांव से हैण्डपंप बिगड़ने की सूचना मिलने पर 24 घंटे में उसका सुधार कराएं. कलेक्टर ने समूह नलजल योजनाओं की प्रगति की विकासखण्डवार समीक्षा की. कलेक्टर ने कंदैला समूह नलजल योजना के पूरा होने में देरी पर नाराजगी व्यक्त की. बैठक में कार्यपालन यंत्री पीएचई शरद सिंह ने बताया कि जिले के लिए तीन बड़ी समूह नलजल योजनाएं मंजूर हुई हैं. इनसे 2251 गांवों में पेयजल की आपूर्ति की जाएगी. रायपुर, त्योंथर तथा सिरमौर विकासखण्डों में जल स्तर में तेजी से गिरावट हो रही है.

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