रीवा में नापतौल विभाग पर व्यापारियों का आरोप, सत्यापन के नाम पर वसूली का लगाया इल्ज़ाम

रीवा में व्यापारियों ने नापतौल विभाग पर सत्यापन के नाम पर अतिरिक्त शुल्क वसूलने का आरोप लगाया है। व्यापारियों ने इसके विरोध में प्रदर्शन भी किया।;

Update: 2025-02-14 14:03 GMT

रीवा समाचार 

रीवा में नापतौल विभाग के खिलाफ व्यापारियों का गुस्सा फूट पड़ा है। व्यापारियों का आरोप है कि विभाग द्वारा तौल कांटों के सत्यापन के नाम पर मनमानी रूप से शुल्क वसूला जा रहा है। गुरुवार को अमहिया गल्ला मंडी के पास व्यापारियों ने विभाग के कर्मचारियों और सत्यापनकर्ताओं के खिलाफ प्रदर्शन किया।

क्या हैं व्यापारियों के आरोप?

अतिरिक्त शुल्क की वसूली: व्यापारियों का कहना है कि सत्यापन और सील लगाने के लिए ₹200 का शुल्क तो ठीक है, लेकिन इसके अलावा ₹600-₹700 अतिरिक्त लिए जा रहे हैं।

रसीद नहीं दी जाती: अतिरिक्त शुल्क की कोई रसीद नहीं दी जा रही है।

कांटा खराब होने पर मनमानी: अगर कांटा खराब हो जाता है और उसे ठीक कराने के लिए विभाग को बुलाया जाता है, तो मनमानी रूप से पैसे लिए जाते हैं।

व्यापारियों की मांग

व्यापारियों की मांग है कि शुल्क वसूली की प्रक्रिया पारदर्शी हो और सभी शुल्कों की रसीद दी जाए।

विभाग का क्या कहना है?

तौल कांटों का सत्यापन करने पहुंचे राजेश तिवारी ने बताया कि वे नापतौल विभाग की ओर से काम करते हैं। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक कांटों का अलग-अलग शुल्क है और उसी के हिसाब से पैसे लिए जा रहे हैं।

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