रीवा शहर में दो प्रमुख स्थान चिह्नित: महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमा लगेगी

रीवा के प्रमुख स्थानों में महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमा लगाई जाएगी।

Update: 2022-09-11 02:16 GMT

Rewa News: रीवा रियासत के अंतिम शासक रहे महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी की शहर में प्रतिमा लगाए जाने को लेकर एक बार फिर पहल शुरू हो गई है। उम्मीद है कि जल्द ही प्रतिमा को लगाए जाने के लिए निगम प्रशासन प्रक्रिया पूरी कर लेगा। 

महापौर ने शुरू की पहल

नगर-निगम महापौर अजय मिश्रा बाबा ने दोनों महापुरूषों की प्रतिमा शहर के प्रमुख स्थनों में लगाए जाने के लिए निगम कमिश्नर को कहा है।  उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमा को लगाए जाने के लिए पूर्व में प्रस्ताव नगर निगम में पहुचा था। उस प्रस्ताव पर अमल करने के लिए पहल की गई है और कमिश्नर से कहा गया है कि प्रतिमा लगाए जाने के इस प्रस्ताव की प्रक्रिया पूरा करें।

यहां लगेगी प्रतिमा

महापौर अजय मिश्रा ने बताया कि महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव की प्रतिमा शहर के चोरहटा बाईपास चौराहे में लगाई जाएगी, जबकि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमा शहर के पीटीएस चौराहे में लगेगी।

एमआईसी सदस्यों ने लिखा पत्र

महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी की शहर में प्रतिमा लगाए जाने के लिए एमआईसी सदस्य धनेन्द्र सिंह एवं स्वतंत्र शर्मा ने महापौर को पत्र लिखा है। तो वही महापौर मिश्रा ने कहा है कि उक्त प्रस्ताव पर जल्द ही अमल किया जा रहा है।

एमपी हाईकोर्ट ने लगा रखी है रोक 

रीवा के दो चौराहों में महाराजा मार्तण्ड सिंह एवं पूर्व विस अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमाएं स्थापित करने के लिए प्रस्ताव तो तैयार कर लिया गया लेकिन मार्च 2022 में जारी माननीय हाईकोर्ट जबलपुर के आदेश के अनुसार ऐसा हो पाना मुश्किल ही है हाईकोर्ट जबलपुर द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश को आधार बनाते हुए 18 जनवरी 2013 के बाद प्रदेश के सभी चौराहों पर लगी प्रतिमाओं को हटाने के निर्देश जारी किए हैं 

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट जस्टिस शील नागू की बेंच ने कहा कि 18 जनवरी 2013 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश में साफ तौर पर कहा गया था कि चौराहों पर मनमाने तरीके से लगाई प्रतिमाओं को हटाना होगा नई प्रतिमाएं भी नहीं लगानी है इसी को आधार बनाते हुए प्रदेश में 18 जनवरी 2013 के बाद चौराहों पर लगी प्रतिमाओं को प्रदेशभर के चौराहों से हटाया गया था 

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