विंध्य के दो नेता दल-बदल की तैयारी में: एक कांग्रेस से भाजपा में... तो दूसरे कांग्रेस में घरवापसी कर सकते हैं, हनीट्रेप मामले में आ चुका है नाम

विंध्य के दो नेता अपनी-अपनी पार्टियों को बड़ा झटका देने वाले हैं। एक कांग्रेस से पूर्व लोकसभा प्रत्याशी रहें हैं, वे भाजपा में जाने की तैयारी में हैं। तो दूसरे भाजपा के सिटिंग एमएलए हैं, लेकिन टिकट न मिलने से वे कांग्रेस में घर वापसी कर सकते हैं।

Update: 2023-10-12 08:58 GMT

विधानसभा चुनाव 2023: मध्यप्रदेश में विधानसभा निर्वाचन की तारीख घोषित की जा चुकी है। 17 नवंबर को राज्य में एक ही चरण में वोटिंग होनी है। परिणाम 3 दिसंबर को आएंगे। इस बीच प्रदेश भर में नेताओं की दल-बदली भी तेजी से चल रही है। इस बीच खबर आ रही है कि विंध्य के दो नेता दल-बदल कर सकते हैं। एक कांग्रेस से रीवा के पूर्व लोकसभा प्रत्याशी रहें हैं, वे भाजपा में जाने की तैयारी में हैं। तो दूसरे मैहर से भाजपा के सिटिंग एमएलए हैं, लेकिन टिकट न मिलने से वे कांग्रेस में घर वापसी कर सकते हैं।

भाजपा जॉइन कर सकते हैं कांग्रेस के सिद्धार्थ तिवारी 'राज'

2019 में रीवा लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहें पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्व. श्रीनिवास तिवारी के पौत्र सिद्धार्थ तिवारी राज अपनी पार्टी कांग्रेस से नाराज चल रहें हैं। सिद्धार्थ रीवा जिले के त्योंथर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर टिकट चाहते हैं। वे लंबे समय से इस क्षेत्र का दौरा कर रहें हैं। कांग्रेस ने अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं, लेकिन सिद्धार्थ को त्योंथर से टिकट न मिलने की जानकारी मिली। इस वजह से वे पार्टी से नाराज हो गए। उनके कई समर्थकों ने कांग्रेस से इस्तीफा तक दे दिए।

बताया जा रहा है कि बुधवार सिद्धार्थ ने अपने सोशल मीडिया पेज और प्रोफ़ाइल से 'कांग्रेस' हटाकर 'विंध्य' कर दिया है। इस बीच यह भी खबर आई कि सिद्धार्थ भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं और वे कन्फ़र्म टिकट के वादे के साथ ही भाजपा में जा सकते हैं। सूत्र यह भी बताते हैं कि भाजपा सिद्धार्थ को गुढ़ से उम्मीदवारी थमा सकती है। भाजपा ने अभी तक जिले के चार विधानसभाओं त्योंथर, सेमरिया, मनगवां और गुढ़ के प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। हालांकि तिवारी अभी तक खुद को कांग्रेस में होने की बात कह रहें हैं।

मैहर विधायक नारायण तिवारी कर सकते हैं घर वापसी 

मैहर से चार बार के विधायक नारायण त्रिपाठी भी कांग्रेस में घर वापसी कर सकते हैं। नारायण त्रिपाठी भाजपा से मौजूदा विधायक हैं। वे 2015 में कांग्रेस से विधायक रहते हुए इस्तीफा देकर पहली बार भाजपा में आए थे। 2016 के उपचुनाव में वे भाजपा से विधायक बनें। 2018 में एक बार फिर भाजपा से निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंचे। लेकिन 2018 में सत्ता में कांग्रेस सरकार आते ही उन्होने बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे। हालांकि उन्होने अब तक भाजपा नहीं छोड़ा लेकिन भाजपा ने उन्हे जरूर छोड़ दिया और त्रिपाठी के स्थान पर श्रीकांत चतुर्वेदी को मैहर प्रत्याशी बनाया है। 

प्रेशर पॉलिटिक्स करने वाले नारायण त्रिपाठी पाँचवी बार विधानसभा जाने की तैयारी में हैं और फिर से कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। सूत्र बताते हैं कि शनिवार को नारायण कांग्रेस की सदस्यता ले सकते हैं। नारायण त्रिपाठी का हनीट्रेप मामले में नाम आ चुका है।

नारायण का राजनैतिक सफर

  • मप्र में समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष रहे।
  • 2003 में पहली बार समाजवादी पार्टी से विधायक बने।
  • 2006 में समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बने।
  • 2009 में कांग्रेस की सदस्यता ली।
  • 2013 में दूसरी बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने।
  • 27 अगस्त 2015 को विधायक के पद से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हुए।
  • फरवरी 2016 में हुए उपचुनाव में बीजेपी के टिकट पर तीसरी बार विधायक बने।
  • 2018 में बीजेपी के टिकट पर चौथी बार विधायक बने।

नारायण त्रिपाठी का हनीट्रेप मामले में नाम आ चुका है

करीब चार साल पहले एमपी के चर्चित हनीट्रेप मामले में भी नारायण त्रिपाठी का नाम आ चुका है। हनीट्रैप मामले में चालान पेश होने के बाद कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई हैै। पुलिस ने चालान में चारू उर्फ साक्षी भटनागर के बयान भी पेश किए हैं। बयान के मुताबिक श्वेता विजय जैन ने उसे भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी के पास एक फ्लैट पर भेजा था। साक्षी को पता नहीं था कि विधायक के साथ उसका वीडियो बनाया जा चुका है। साक्षी की प्रीति सिंह नामक मित्र थी जो श्वेता विजय की परिचित थी। उसने श्वेता के बारे में प्रीति से ही सुना था।

2019 में साक्षी ने बयान में उल्लेख किया है कि करीब दो साल पहले की बात है मुझे दिन याद नहीं। सुबह 11 बजे एक अजनबी व्यक्ति का फोन आया। उसने कहा तुम्हें पैसों की जरूरत है मुझे पता है। मैं मदद कर सकता हूं। तत्काल औरा माॅल के पास आकर मिलें। मेरे घर के पास ही माॅल था तो मैं चली गई। वह मुझे मिला, उसने कहा- मैं किसी विशेष व्यक्ति का पीए हूं। उसने कहा कि उसके पास एक काम है मेरे लिए। इसके लिए मुझे 15 हजार रुपए ऑफर किए। उसने मुझसे कहा कि मेरे बाॅस से शारीरिक संबंध बना लो। आर्थिक तंगी के चलते मैं तैयार हो गई। माॅल के पीछे जो फ्लैट्स हैं उसमें से किसी एक फ्लैट में गई थी। उस व्यक्ति ने फ्लैट पर ले जाते हुए बताया कि जिससे मिलने जा रही हो उसका नाम नारायण त्रिपाठी है, जो भाजपा से जुड़े हैं। मैने उस दिन पहली बार त्रिपाठी को देखा था। मैं फ्लैट पहुंची तो त्रिपाठी वहां पहले से मौजूद थेे। मैं आधा घंटा वहां रूकी। शारीरिक संबंध बनने के बाद त्रिपाठी ने मुझे 15 हजार रुपए दिए। मुझे पता नहीं था कि उस दिन त्रिपाठी के साथ मेरा वीडियो बनाया गया है। मैं श्वेता विजय, श्वेता स्वप्निल व आरती दयाल को व्यक्तिगत रूप से नहीं जानती। मेरा बरखा भटनागर से कोई रिश्ता नहीं है।

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