भोपाल आयुर्वेद अस्पताल के डॉक्टर की संदेहास्पद मौत, रीवा का रहने वाला था युवक
भोपाल (Bhopal) में एक डॉक्टर ने कमरे कर ली खुदकुशी
भोपाल रीवा (Rewa) के एक युवक की भोपाल (Bhopal) में संदेहास्पद मौत हो गई है। वह भोपाल के चूना भट्टी इलाके के निर्मल कल्पना सोसायटी में साथी डॉक्टर के साथ रह रहा था। मृतक की पहचान मूलतः रीवा जिले (Rewa District) के मउगंज (Mauganj) निवासी डॉक्टर संजय गुप्ता पुत्र शिरोमणि गुप्ता 36 वर्ष के रूप में की गई है। वह एमडी करने के बाद भोपाल के पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक कॉलेज से आयुर्वेद चिकित्सा में रिसर्च कर रहे थे।
मां के नाम मिला सोसाईट नोट
बताया जा रहा है कि डॉक्टर के मुंह पर पट्टी और पैर रस्सी से बंधे हुए थे। जिसके चलते मामला संदिग्ध हो गया, लेकिन कमरे का दरवाजा अंदर से बंद पाया गया है और पुलिस को मौके पर सुसाइड नोट मिला है। इसमें डॉक्टर ने लिखा- मैं अपने जीवन को बैलेंस नहीं कर पा रहा हूं...। मम्मी मुझे माफ करना, सॉरी-सॉरी...। मौत की जवाबदारी मेरी और किसी की नहीं है। मैं अपनी मां को बहुत मिस कर रहा हूं। ऐसी स्थित में पुलिस इसे सुसाइड मान रही है। वही मामले की जांच कर रही है और पुलिस की जांच के बाद ही मौत की असली वजह सामने आएगी।
साथी डॉक्टर ने दी पुलिस को जानकारी
डॉक्टर संजय गुप्ता के साथ भोपाल के कमरे में रहने वाले डॉक्टर दीपक सोनी ने पुलिस को बताया कि उनकी पोस्टिंग सतपुड़ा भवन में है। बुधवार सुबह करीब साढ़े दस बजे ड्यूटी के लिए निकल गए। कमरे में अकेले संजय गुप्ता थे। शाम करीब सात बजे ड्यूटी से घर लौटे तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। काफी देर तक आवाज देने के बाद भी दरवाजा नहीं खोला।
उन्होंने डॉक्टर गुप्ता के मोबाइल पर कॉल किया लेकिन फोन रिसीव नहीं किया। थोड़ी देर बाद उन्होंने खिड़की का कांच तोड़कर देखा। जहां डॉक्टर गुप्ता फांसी पर लटके मिले। उन्होंने तुरंत ही पुलिस को घटना की जानकारी दी। तब तक काफी देर हो चुकी थी।
शादी के बाद ही पत्नी ने छोड़ दिया था साथ
पुलिस के मुताबिक डॉक्टर संजय गुप्ता की शादी वर्ष 2016 में हुई थी। एक महीने तक पत्नी साथ रही और इसके बाद वह उन्हें छोड़कर चली गई। वर्ष 2019 में उनका पत्नी से तलाक भी हो गया था। बताया गया कि शादी के करीब आठ महीने बाद डॉक्टर गुप्ता की मां का निधन हो गया। डाक्टर गुप्ता के पिता वन विभाग से रिटायर्ड हैं। वह मऊगंज में रहते हैं। मां के निधन, पत्नी की जुदाई की वजह से डाक्टर तनाव में रहने लगे थें।