रीवा का गूगल बॉय: 14 महीने के 'यशस्वी मिश्रा' की मेमोरी देख वर्ल्ड रिकॉर्ड वालों की बुद्धि खुल गई
Rewa's Google Boy Yashasvi Mishra Got World Book of Records London: मात्र 14 महीने के बच्चे ने ऐसा क्या किया कि उसे वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड लंदन मिल गया
Rewa's Yashasvi s Mishra Got World Book of Records London: मध्य प्रदेश का रीवा जिला प्रतिभावानों से धनी है. रीवा सिटी के रहने वाले यशस्वी एस मिश्रा ने मात्र 14 महीने की उम्र में वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है. इस नन्हे बच्चे ने बड़ा काम किया है, छोटू से यशस्वी का बड़ा नाम हो गया है. एक साल 2 महीने की उम्र इस बच्चे को वर्ल्ड बुक रिकॉर्ड लंदन ने सर्टिफिकेट दिया है.
World's most intelligent child: ये जो नन्हा बालक आपको फोटो में दिखाई दे रहा है इसे बच्चा समझने की ग़लतफहमी मत पलियेगा, जहां बड़े-बड़े पढ़ोक्कर लोग कुछ पढ़ते ही भूल जाते हैं वहीं यशस्वी मिश्रा एक बार किसी चीज़ को पढ़ ले तो उसे कभी नहीं भूलता। जिस उम्र में यशस्वी ने अपनी मेमोरी पॉवर से वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है उस उम्र के बच्चे मुंह में अंगूठा दबाए मिमियाते रहते हैं. कहने का मतलब है यशस्वी की बुद्धि बड़े-बड़े धुरंधरों से ज़्यादा तेज़ है. मतलब यशस्वी दुनिया का सबसे तेज़ मेमोरी वाला बच्चा है (World's youngest child with sharp memory)
यसस्वी के पिता संजय मिश्रा बताते हैं कि जब वो सिर्फ 6-8 महीने का था तभी से चीज़ों को पहचानने लगा था, एक बार जिस चीज़ को वो देख ले उसे झट से वो नाम, कलर, झंडा या कुछ भी चीज़ हो याद हो जाती। जब वो 12 महीने का हुआ तो यशस्वी के पेरेंट्स ने एक एक्सपेरिंमेट किया, उसके सामने कई देशों के झंडे रख दिए और एक-एक बार उन देशों के नाम यशश्वी को सुनाए, क्योंकि इतनी कम उम्र में वो बच्चा ठीक से बोल नहीं पाता है इसी लिए वह उन देशों के झंडों में उंगली रख देता जिसका नाम दोहराया जाता, कस्सम से उस बच्चे ने एक-एक करके सारे देशों की झंडों को पहचान लिया। घर वाले समझ गए कि भाई ये कोई साधारण बालक नहीं है बल्कि अपने आप में इनसाक्लोपीडिया है.
रीवा के यशस्वी एस मिश्रा ने ऐसा क्या कारनामा कर दिया
रीवा सिटी के सामान क्षेत्र में रहने वाले मिश्रा परिवार के इस 14 महीने के बालक का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकार्ड्स लंदन की तरफ से 'दुनिया का सबसे कम उम्र के बच्चे की अद्भुत मैमोरी पॉवर' में दर्ज कर दिया है. और यशस्वी को इसके लिए बाकायदा सर्टिफिकेट भेजा है.
यशस्वी को 27 देशों के नेशनल फ्लैग पहचाने के लिए World Book of Records London ने Child Prodigy केटेगरी में दुनिया का सबसे कम उम्र के बच्चे का ख़िताब दिया है. लेकिन यशस्वी को उन 27 देशों की राजधानीके नाम भी याद है. असल में वीडियो 67 देशों के नेशनल फ्लैग पहचाने का था, लेकिन सिर्फ 27 देशों वाला वीडियो ही संसथान को भेजा गया. जबकि यशस्वी को 198 देशों के फ्लैग और उनके नक़्शे मालूम हैं. इतना ही नहीं कई प्रकार के फूल, जानवर, पक्षी, मछलियों, पेड़, आदि तरह के 500 चीज़ों को वह पहचानता है. वाकई यशस्वी रीवा का गूगल बॉय है.
जिस उम्र में बच्चा ठीक से मम्मा-पप्पा कहना नहीं सीख पाता उस उम्र में यशस्वी ने दुनिया भर के 27 देशों के राष्ट्रीय झंडो को देख उन्हें नाम गिना दिए. यह अपने आप में अद्भुत और अविश्वसनीय है. सिर्फ 14 महीने की उम्र में इतनी बड़ी मेमोरी पावर! यशस्वी ने अपनी दिमागी ताकत से सबको चकित कर दिया है।
यसस्वी एस मिश्रा के पिता संजय मिश्रा और माता शिवानी मिश्रा ने न सिर्फ रीवा जिले, विंध्य और प्रदेश बल्कि पूरे राष्ट्र का नाम ऊंचा किया है। यशस्वी को पूरी दुनिया में सबसे अलग पहचान मिली है. यह अपने आप में गर्व की बात है. यशस्वी के दादा जी अवनीश कुमार मिश्रा हायर सेकेंडरी स्कूल दुआरी के प्रिंसिपल हैं. पूरा घर शिक्षित है और उसका परिणाम यशस्वी में देखने को मिलता है.
अब आगे क्या करेगा यशस्वी
अभी अपना बचपना जियेगा, और पढाई करता रहेगा, जाहिर है वो अब कोई सामान्य बालक नहीं बल्कि करोड़ों में एक है या यूं कहें की पूरी दुनिया में एक है. 14 महीने की उम्र में उसने हासिल किया है जो बड़े-बड़े नहीं कर पाते। इसी लिए यशस्वी के परिवार वाले उसके इस टेलेंट को बढ़ती उम्र के साथ और निखारने का काम करेंगे। यशस्वी के पेरेंट्स उसके 18 महीने के होने का इंतज़ार कर रहे हैं तब वो एक और वर्ल्ड रिकॉर्ड की तैयारी करेगा जहां उसे दुनिया के सभी देशों के नाम, उनके झंडे, मैप, राजधानियां बतलानी होगी।
लगे हाथ यशस्वी का वीडियो देख लीजिये
वाकई रीवा के गूगल बॉय यशस्वी में कमाल का हुनर है. RewaRiyasat.com यशस्वी को खूब नाम कमाने की शुभकामनाएं देता है.