रीवा के युवक ने अनूठे अंदाज में मनाया अपना जन्मदिन, देहदान का दस्तावेज सौंप बन गए युवा दधीच

Rewa News: एमपी रीवा जिले के निवासी सचिन ने 1 अगस्त को अपना जन्मदिन अनूठे अंदाज में मनाया। सचिन ने अपने पिता जगभान कुशवाहा की मौजूदगी में श्यामशाह मेडिकल कॉलेज को अपनी देहदान कर युवा दधीच बनते हुए मिसाल कायम कर दी।

Update: 2023-08-02 08:16 GMT

एमपी रीवा जिले के निवासी सचिन ने 1 अगस्त को अपना जन्मदिन अनूठे अंदाज में मनाया। सचिन ने अपने पिता जगभान कुशवाहा की मौजूदगी में श्यामशाह मेडिकल कॉलेज को अपनी देहदान कर युवा दधीच बनते हुए मिसाल कायम कर दी। इतना ही नहीं सचिन के साथी व समाजसेवा में अग्रणी एक और युवा प्रद्युम्न सिंह ने भी अपनी देहदान का दस्तावेज डीन डॉ. मनोज इंदुलकर को सौंप दिया। मंगलवार को मेडिकल कॉलेज के सभागार में चिकित्सकों, पुलिस विभाग के अधिकारियों व गणमान्यजनों के साथ-साथ दोनों युवाओं के परिजनों की मौजूदगी में एक नया सोपान देखने को मिला। यहां उल्लेखनीय है कि सचिन बारहवीं की पढ़ाई कर क्लैट की तैयारी कर रहा है तो वहीं प्रद्युम्न सिंह ने आईआईटी की शिक्षा ग्रहण करते हुए अपने माता.पिता को घर बनाकर देने की तैयारी कर रखी है।

20वें जन्मदिन पर लिखी नई इबारत

आज के दौर में ज्यादातर युवा अपना जन्मदिन पार्टी मनाने पिकनिक स्पॉट या अपने दोस्तों के बीच मनाते हैं लेकिन रीवा के गांगी पोस्ट कटरा तहसील मऊगंज निवासी सचिन कुशवाहा ने 1 अगस्त को अपने 20वें जन्मदिन पर एक नई इबारत लिख दी। सचिन पिछले कुछ समय से रक्तदान सहित अन्य समाज कार्य में बढ़.चढ़कर हिस्सा ले रहा था जिसने उसे देहदान की ओर खींच लिया। सचिन के पिता जगभान कुशवाहा आयुक्त निवास में बतौर माली पदस्थ हैं। जबकि माता विमला कुशवाहा गृहणी हैं। इस दौरान सचिन के पिता जगभान कुशवाहा के अलावा चाचा प्रदीप कुशवाहा, विजय कुशवाहा, रजनीश कुशवाहा, भाई हिंचलाल व प्रदीप कुशवाहा, डॉ. मेघना मौजूद रहीं।

दधीच बन लोगों को दूंगा प्रेरणा

रीवा के इंजीनियरिंग कॉलेज से शिक्षा लेने के बाद गुवाहाटी से आईआईटी कर लौटे प्रद्युम्न सिंह ने अपने किसान पिता दिनेश सिंह, मां माया सिंह से अनुमति लेकर श्यामशाह मेडिकल कॉलेज को अपनी देह सौंपने के लिए बकायदा दस्तावेज मेडिकल कॉलेज के डीन को सौंपे। ग्राम जुड़मनिया पैपखरा निवासी प्रद्युम्न सिंह ने बताया कि वह शिक्षा ग्रहण करने के बाद वायजू जैसी कोचिंग संस्था में शिक्षक की नौकरी करने के बीच वह रीवा लौट आए तथा आर्थिक अभाव के चलते अपने माता-पिता के लिए अपने हाथ से बिना श्रमिकों के सहारे घर बनाने का कार्य कर रहे हैं। युवा समाजसेवी प्रद्युम्न सिंह ने बताया कि छात्र जीवन से ही वह राजनीति तथा समाजसेवा के क्षेत्र में अग्रणी रहा है। इंजीनियरिंग कॉलेज में न्यायालय बनाए जाने को लेकर किए गए विरोध में उसने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। देहदान के पीछे क्या वजह थी। इस पर प्रद्युम्न ने बताया कि वह काफी समय से सोच रहा था कि कुछ ऐसा किया जाए जो घर परिवार ही नहीं बल्कि समाज के लिए मिसाल बन जाए और तभी उसे भी सचिन की तरह देहदान की प्रेरणा मिली। यही ऐसा काम है जो मरकर भी मुझे अमर कर जाएगा।

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