रीवा: पिता स्कूल फीस नहीं भर पाए, तो प्रिंसिपल ने 4थी क्लास के बच्चे को धुप में घंटों नंगे पैर खड़े रहने की सज़ा देदी

मामला मध्य प्रदेश के रीवा जिले के गढ़ का है, जहां प्राइवेट स्कूल के प्रिंसिपल ने 4थी क्लास के छात्र को घंटों नंगे पैर धूप में खड़े रहने की सज़ा दी है, क्योंकि वह फीस जमा नहीं कर पाया था

Update: 2022-12-22 10:40 GMT

रीवा न्यूज़: मध्य प्रदेश के रीवा जिले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के परखच्चे उड़ा देने और शिक्षा के अधिकार के हनन का मामला सामने आया है. जहां गढ़ में मौजूद एक निजी स्कूल के प्रिंसिपल ने चौथी क्लास में पढ़ने वाले 7-8 साल के मासूम को ऐसी सजा दी है जिसकी प्रैक्टिस वो खुद कर ले तो पैरों में फफोले पड़ जाएं। प्रिंसिपल ने छात्र को नंगे पैर घंटों धुप में खड़े रहने की सज़ा दी थी और वो भी सिर्फ इस लिए क्योंकि उसने अपने स्कूल की फीस जमा नहीं की थी. फीस को लेकर छोटे बच्चे के साथ प्राचार्य द्वारा किया गया ऐसा टॉर्चर एमपी के एजुकेशन सिस्टम का सिर झुका देता है. 

फीस जमा नहीं हुई तो धुप में खड़ा कर दिया 

मामला गढ़ क्षेत्र के प्राइवेट स्कूल 'सरस्वती ज्ञान मंदिर हाई स्कूल' का है. जहां 4th क्लास में पढ़ने वाले दीपांश द्विवेदी को स्कूल प्रिंसिपल ने पूरी क्लास के सामने फीस को लेकर न सिर्फ बेज्जत किया बल्कि उस मासूम को क्लास के बहार बिना जूतों के धुप में घंटों खड़े रहने की सज़ा दे डाली। दीपांश ने बताया कि प्रिंसिपल सर हमेशा उसे फीस को लेकर ऐसी ही सज़ा देते हैं. उसने कहा कि उसे हमेशा एक-दो घंटे के लिए यह सज़ा दी जाती है. इस दौरान उसके कई पीरियड मिस हो जाते हैं. बच्चे ने ये भी कहा कि उसकी बड़ी बहन भी उसी स्कूल में पढ़ती है, और स्कूल वाले जानबूझकर उसे परेशान करने के लिए बच्ची के रिकॉर्ड में डेट ऑफ़ बर्थ बदल देते हैं 

पिता किसान हैं और छोटी सी दुकान चलाते हैं 

जिस दीपांश द्विवेदी को सिर्फ इस लिए इतनी कठोर सज़ा दी जा रही है क्योंकि उसने स्कूल की फीस जमा नहीं है की है, उसने पिता सुरेंद्र दुबे छोटे किसान हैं और साइकल-बाइक रिपेयरिंग का काम करते हैं. परिवार की माली हालत ठीक नहीं है. गरीब ब्राह्मण परिवार के पास कोई बैकअप नहीं है मगर इसका मतलब ये तो नहीं है कि उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा से वांछित कर दिया जाए.

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इस मामले में दीपांश के परिवार वाले तो कोई एक्शन नहीं लेना चाहते थे मगर सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने इसे उजागर किया और दीपांश का वीडियो शेयर किया।


सामाजिक कार्यकर्त्ता ने इस मामले की शिकायत CM Helpline में की और उसके बाद BRCC से लेकर  DEO, और रीवा कलेक्टर से की और उन्हें भी वीडियो सेंड किया। अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन और शिक्षा विभाग चौथी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे को फीस को लेकर प्रताड़ित करने वाले प्रिंसिपल के खिलाफ क्या एक्शन लेता है. 


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