REWA: सिक्योरिटी गार्ड का बेटा बना असिस्टेंट साइंटफिक ऑफिसर, राहुल शुक्ला का भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में चयन

रीवा के राहुल शुक्ला का भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में हुआ चयन, पूरे देश में उनकी 6 वीं रैंक आई है

Update: 2022-07-18 11:02 GMT

Rewa News: मध्य प्रदेश रीवा जिले के देवतालाब क्षेत्र में छोटे से गांव मैराहा के रहने वाले राहुल कुमार शुक्ला ने पूरे मध्य प्रदेश को गौरवान्वित कर दिया है. राहुल का चयन भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (Bhabha Atomic Research Center) में बतौर असिस्टेंट साइंटिफिक ऑफिसर (Assistant scientific officer) पद पर हुआ है. राहुल कुमार शुक्ल ने इस पद को पाने के लिए जो परीक्षा दी थी उसमे पूरे देश में उनकी 6th रैंक आई है. 



KGF फिल्म का एक डायलॉग है- "पॉवरफुल पीपल मेक्स पॉवरफुल प्लेसेज" देवतालाब के मैराहा गांव में रहने वाले ASO राहुल कुमार शुक्ल ने इस डायलॉग को सच साबित करने का काम किया है. छोटे से गांव को राहुल ने सुर्ख़ियों में ला दिया है. 

राहुल के पिता सिक्योरिटी गार्ड हैं 


भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में Assistant scientific officer बनने वाले राहुल कुमार शुक्ला के पिता शिवकुमार शुक्ला पेशे से सिक्योरिटी गार्ड  का काम करते थे, रीवा सिटी के सिंगरौली हॉउस की रखवाली के लिए उन्हें महीने के 5 हज़ार रुपए मिलते थे, बाद में उन्हें स्टोर कीपर बना दिया गया और अब उन्हें 7 हज़ार रुपए मिलते है. राहुल शुक्ला की माता संगीता शुक्ला घर का काम-काज संभालती हैं. 

रीवा के राहुल शुक्ल का भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में में चयन 


रीवा के देवतालाब के पिछड़े गांव मैराहा में गरीब ब्राम्हण परिवार में पले बढे राहुल शुक्ला ने साबित कर दिया है कि आरक्षण के इस दौर में भी सामान्य वर्ग का गरीब छात्र अपने सपने पूरा कर सकता है. और वो मुकाम हासिल कर सकता है जो बाकियों के लिए सिर्फ सपना बन कर रह जाता है. ASO राहुल शुक्ला ने देश के सर्वोच्च स्थान भाभा परमाणु शोध केंद्र में असिस्टेंट साइंटिफिक ऑफिसर पद पर पदस्थ होकर अपने माता-पिता परिवार और पूरे रीवा जिला का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है.

इंजीनियरिंग करते हुए नौकरी की 

राहुल शुक्ला के परिवार में कमाने वाले सिर्फ उनके पिता थे, जिन्हे सिर्फ महिने में 5 हज़ार रुपए की मेहनताना मिलती थी. राहुल के पढाई का खर्च, परिवार का भरण पोषण सब राहुल कुमार शुक्ला के पिता शिवकुमार शुक्ला पर था. राहुल रीवा सिटी के विभीषण नगर में अपने चाचा के घर रहकर पढाई करते थे. राहुल के चाचा अरुण शुक्ल पेशे से सॉफ्ट वेयर इंजीनियर हैं. 

 राहुल की स्कूली पढाई मनेन्द्रगढ़ में कक्षा पांच तक हुई और इसके बाद 12वीं तक वह गीता ज्योति स्कूल में पढ़े, बाद में Rewa GEC में उनका एडमिशन हो गया. उन्होंने B.Tech की पढाई की. राहुल ने GEC Rewa से सिविल ब्रांच के फ़ाइनल ईयर के छात्र हैं. राहुल कुमार शुक्ला हमेशा से अव्वल छात्र रहे हैं. राहुल ने पढाई करते हुए छोटी सी नौकरी भी शुरू की थी. 

भाभा परमाणु शोध केंद्र में नौकरी कैसे मिली 


भाभा परमाणु शोध केंद्र की तरफ से वेकेंसी निकाली गई थी, 4 अप्रैल को जबलपुर में परीक्षा हुई और 31 मई को उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया गया. 12 जुलाई को परिणाम आया और भाभा परमाणु शोध केंद्र में Assistant scientific officer बनने के लिए इन 187 इंजिनीयर्स ने परीक्षा दी थी उनमे से राहुल ने 6वीं रैंक हासिल की. और अब राहुल असिस्टेंट साइंटफिक ऑफिसर बन गए हैं. राहुल कुमार शुक्ला को 12 लाख रुपए का एनुअल पैकेज मिला है. 

ASO राहुल शुक्ला ने अपने माता-पिता, चाचा, दादा-दादी, दोस्त और पूरे परिवार को अपनी सफलता का श्रेय दिया है. राहुल ने कहा- युवा सिर्फ लक्ष्य तय करें और उसे पूरा करने के लिए जीतोड़ मेहनत करें। 

IAS बनना चाहते हैं राहुल 

 Assistant scientific officer बनने के बाद राहुल को अब हर महीने एक लाख रुपए और साइंटिस्ट का दर्जा मिलेगा, लेकिन उनकी इक्षा IAS ऑफिसर बनने की है. राहुल का कहना है कि वो UPSC की तैयारी करते रहेंगे। 

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