रीवा का स्टूडेंट डाटाबेस फीडिंग में पहला स्थान, प्रदेश में सतना दूसरे पायदान पर
Rewa News: एमपी के रीवा ने प्रदेश में डाइस स्टूडेंट डाटाबेस फीडिंग में पहला स्थान अर्जित किया है। जबकि सतना दूसरे पायदान पर है। वहीं सिंगरौली ने अंडर-10 में स्थान बनाया है।
एमपी के रीवा ने प्रदेश में डाइस स्टूडेंट डाटाबेस फीडिंग में पहला स्थान अर्जित किया है। जबकि सतना दूसरे पायदान पर है। वहीं सिंगरौली ने अंडर-10 में स्थान बनाया है। सीधी डाटाबेस फीडिंग में सबसे फिसड्डी रहा जिसकी रैंकिंग 40वें पायदान पर पहुंच गई हैं। बता दें कि रीवा के यू डाइस फीडिंग में मध्यप्रदेश में पहले पायदान में रीवा ने जगह पहले ही बना ली थी और इन्फ्रास्ट्रक्चर में शत प्रतिशत फीडिंग पूरी करने के बाद दूसरे चरण में स्टूडेंट प्रोफाइल फीडिंग का काम जारी रहा। इस कार्य के लिए स्कूल शिक्षा के साथ राज्य शिक्षा केन्द्र के अधिकारियों ने कड़ी मेहनत की
रीवा स्कूल डाटाबेस की इंट्री में अव्वल
द्वितीय चरण में स्कूल स्टूडेंट डाटाबेस की इंट्री की जानी थी। जिसमें 54 कॉलम की जानकारी भरनी थी। अप्रैल माह में जारी हुई सूची में रीवा जिला प्रदेश के 47वें पायदान पर था किंतु इस बार राज्य शिक्षा केन्द्र से जारी सूची में रीवा टॉप पर पहुंच गया है। बता दें कि छात्रों की फीडिंग का कार्य काफी तेजी से किया गया जिसमें छात्रों का पूरा विवरण, आधार कार्ड एवं समग्र आईडी, विकलांगता आदि की जानकारी फीड की गई। इसके अलावा 54 कॉलम की इंट्री भी भरी गई थी। इस काम को तेजी से पूरा करने के लिए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. सौरभ सोनवणे द्वारा लगातार मॉनीटरिंग की जा रही थी। जिससे रीवा ने स्कूल डाटाबेस इंट्री में अव्वल स्थान हासिल किया।
शत-प्रतिशत की फीडिंग
यू डाइस फीडिंग का काम दो चरणों में किया जा रहा है। पहली यू डाइस फीडिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर की गई थी जिसमें विद्यालय भवन, शौचालय, विद्युत, कम्प्यूटर, टीवी तथा मानव शक्ति जैसे 62 कॉलम में जानकारी फीड की जानी थी। इस चरण में जिले की शत प्रतिशत फीडिंग को अप्रैल महीने में ही राज्य शिक्षा केन्द्र ने पूरा कर लिया था और जारी हुई रैंकिंग में रीवा ने पहले पायदान में जगह बनाई।
जिला पंचायत सीईओ ने तेजी लाने दिए थे निर्देश
छात्रों की स्कूल स्टूडेंट डाटाबेस की इंट्री जिसमें स्कूल प्रोफाइल, स्कूल फैकल्टी एवं शिक्षकों की डाटा इंट्री के साथ ही अन्य जानकारियां फीड की जानी थी। इसको लेकर रीवा काफी पीछे चल रहा था जिसमें तेजी लाने के लिए जिला पंचायत सीईओ ने स्कूल शिक्षा विभाग के डीईओ, बीईओ, बीआरसी, नोडल विकासखण्ड अधिकारी तथा एमआरसी एवं अशासकीय विद्यालयों के जिला अध्यक्ष, विकासखण्ड अध्यक्षों को काम में तेजी लाने के लिए निर्देश दिए थे। जिसके बाद रणनीति बनाकर तेजी से काम किया गया और फीडिंग का टारगेट पूरा कर लिया गया है। बता दें कि जिले की कुल 4333 शासकीय स्कूलों के साथ ही प्राइवेट स्कूलों में भी यह फीडिंग की जानी थी। अशासकीय विद्यालयों के प्राचार्यों को फीडिंग करने के निर्देश दिए गए थे।
रीवा ने प्रदेश के सभी जिलों को किया पीछे
स्कूल प्रोफाइल फैसिलिटी फीडिंग के मामले में सतना से रीवा आगे है तो वहीं स्कूल स्टूडेंट डाटाबेस की इंट्री में भी अब रीवा ने प्रदेश के सभी जिलों को पीछे कर दिया है। प्रदेश में रीवा पहले स्थान पर तो सतना दूसरे स्थान पर है। इसी प्रकार सिंगरौली ने टॉप-10 में जगह बनाई है जबकि सीधी की रैंकिंग बेहतर नहीं है। जिसको लेकर संभाग स्तर पर जानकारी मांगी गई है। शहडोल भी बेहतर रैंकिंग में पहुंच गया है।
इनका कहना है
इस संबंध में डीपीसी रीवा देवकरण मिश्रा के मुताबिक यू डाइस स्टूडेंट डाटा फीडिंग में रीवा टॉप पोजीशन पर पहुंच गया है। जिसमें स्टूडेंट की आईडी, आधार सहित पूरा विवरण दिया जाता है। दिव्यांगों के संबंध में भी समस्त जानकारी दी जाती है तथा 54 कॉलम की जानकारी भरी जाती है। पूरे देश में कहीं भी यह जानकारी उपलब्ध हो जाएगी। अधिकारियों, कर्मचारियों की मेहनत का यह नतीजा है जिसके कारण रीवा को यह मुकाम हासिल हो सका।