Mukundpur Tiger Safari: रीवा के मुकुंदपुर टाइगर सफारी को येलो टाइगर के बदले मिला सफेद बाघ ‘टीपू‘
Mukundpur White Tiger Safari: मध्यप्रदेश के रीवा स्थित मुकुंदपुर टाइगर सफारी को येलो टाइगर के बदले सफेद बाघ ‘टीपू‘ मिल गया है। अब यहां सफेद बाघों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है।
Mukundpur White Tiger Safari: मध्यप्रदेश के रीवा स्थित मुकुंदपुर टाइगर सफारी को येलो टाइगर के बदले सफेद बाघ ‘टीपू‘ मिल गया है। अब यहां सफेद बाघों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है। व्हाइट टाइगर टीपू के मुकुंदपुर जू हां पहुंचने पर गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। मई माह में व्हाइट टाइगर सफारी मुकुंदपुर में सफेद बाघिन विंध्य की मौत हो जाने के बाद टाइगर सफारी में केवल दो ही सफेद बाघ बचे थे। जिसमें एक नर एवं मादा थे। बाघों की संख्या कम होने की वजह से पर्यटकों की संख्या में भी खासा असर पड़ा था।
दिल्ली प्राणी उद्यान से आया सफेद बाघ
महाराजा मार्तण्ड सिंह व्हाइट टाइगर सफारी मुकुंदपुर प्रबंधन द्वारा दिल्ली स्थित प्राणी उद्यान को पत्र लिखकर एक सफेद बाघ की डिमांड की गई थी। उसके बदले येलो बंगाल टाइगर देने पर सहमति बनी थी किंतु सेंट्रल जू अथारिटी द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने की वजह से यह मामला लटका हुआ था। व्यवस्थाओं एवं मौसम की अनुकूलता को देखने के बाद मुकुंदपुर टाइगर सफारी को सफेद बाघ देने की स्वीकृति प्रदान की गई। बताया गया कि मुकुंदपुर के टाइगर सफारी से हरी नामक बंगाल टाइगर जिसे बांधवगढ़ से रेस्क्यू कर लाया गया था, उसे दिल्ली स्थित प्राणी उद्यान भेज दिया गया। जबकि उसके बदले में सफेद बाघ वन विभाग की टीम टाइगर सफारी लेकर पहुंची है।
जू में सफेद बाघों की संख्या हुई तीन
बताया गया है कि प्राणी उद्यान दिल्ली से लाए गए सफेद बाघ टीपू की उम्र लगभग 8 साल 4 माह 16 दिन बताई गई है। जैसे ही सफेद बाघ टाइगर सफारी पहुंचा वहां एक बार फिर खुशी का माहौल निर्मित हो गया। सफेद बाघ का जू प्रबंधन द्वारा गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया है। अब मुकुंदपुर टाइगर सफारी में बाघों की संख्या बढ़कर 3 हो गई है। जिनमें दो बाघ एवं एक बाघिन सोनम शामिल है। मई महीने में विंध्या की मौत के बाद सफेद बाघ रघु व सोनम ही बचे थे। सेंट्रल जू अथारिटी द्वारा सभी मापदण्डों का आंकलन करने के बाद ही सफेद बाघ टाइगर सफारी को दिया गया है।
मुकुंदपुर जू में बचे पांच बंगाल टाइगर
व्हाइट टाइगर सफारी मुकुंदपुर में अब तक 6 बंगाल टाइगर थे लेकिन हरी नामक बंगाल टाइगर को दिल्ली स्थित प्राणी उद्यान सेंटर भेज दिया गया जिसके बाद अब केवल पांच ही बंगाल टाइगर बचे हैं। टाइगर सफारी के अंदर बाघों को व्यवस्थित रखने के लिए बाड़े बनाए गए हैं। जिन बाड़ों में इन टाइगरों को रखा जा रहा है। वहीं अतिरिक्त बाड़ों का निर्माण भी टाइगर सफारी के अंदर किया गया है। जल्द ही अन्य प्रजाति के जीव जंतुओं को लाने की प्रक्रिया की जाएगी।
इनका कहना है
इस संबंध में महाराजा मार्तण्ड सिंह व्हाइट टाइगर सफारी एण्ड जू के डायरेक्टर एसएस सेंद्रयाम का कहना है कि दिल्ली प्राणी उद्यान से सफेद बाघ टीपू को टाइगर सफारी मुकुंदपुर से भेजे गए बंगाल टाइगर हरी के बदले लाया गया है। बाघ की उम्र 8 साल 4 महीने 16 दिन की है। अब टाइगर सफारी में सफेद बाघों की संख्या 2 एवं एक बाघिन है जिसकी देखरेख टाइगर प्रबंधन द्वारा की जा रही है।