Rewa-Govindgarh Rail Line: रीवा-गोविंदगढ़ के बीच पटरी बिछाने का काम तेजी पर, मार्च 2022 तक पूर्ण करने के निर्देश

Rewa-Govindgarh Rail Line: मार्च 2022 तक रीवा-गोविंदगढ़ रेलवे स्टेशन के बीच रेल लाइन बिछाने का कार्य पूरा करने को लेकर रेल प्रबंधन कर चुका है निर्देशित।

Update: 2022-02-27 06:28 GMT

Rewa Govindgarh Rail Line Update: WCR के अंतर्गत रीवा रेलवे स्टेशन से गोविंदगढ़ रेलवे स्टेशन (Rewa to Govindgarh Railway Station) की ओर जाने वाली लाइन का कार्य इन दिनों तेज गति से होता हुआ दिखाई दे रहा है। Rewa to Govindgarh Railway Line का कार्य जहां विगत कई वर्षों से चल रहा है लेकिन इसमें अचानक तेजी दिखाई दे रही है। वर्तमान में रीवा और गोविंदगढ़ के बीच मिट्टी के ऊपर गिट्टी बिछाने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। वहीं ग्राम अमिलिकी के पास बने रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे से गुजरने वाली लाइन में पटरी बिछाने का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य को पूरा करने के उद्देश्य से मशीनी उपकरणों के साथ ही साथ मजदूरों को कार्य करते हुए देखा जा रहा है।

मार्च 2022 तक कार्य पूर्ण करने के निर्देश

उल्लेखनीय है कि अब से लगभग दो माह पहले रेलवे महाप्रबंधक द्वारा निर्माण क्षेत्र का दौरा किया गया था। साथ ही उन्होंने निर्माण कार्यों की जानकारी भी ली थी। उन्होंने दौरे के समय निर्माण एजेंसी को भी कुछ आवश्यक हिदायतें दी गई थीं। सूत्रों का कहना है कि उन्होंने रीवा से गोविंदगढ़ तक का कार्य हरा हाल में मार्च 2022 तक पूरा करने के लिए निर्देशित किया था। तभी से अधूरे लाइन कार्य को पूरा करने के लिए निर्माण एजेंसी ने अपनी गतिविधियां तेज कर दी थीं। जबकि इसके पहले लाइन निर्माण का कार्य सुस्त गति से चल रहा था। जिसे देखते हुए आम लोगों को इसके जल्द पूरा होने की कोई उम्मीद नहीं बची थी।

गोविंदगढ़ रेलवे स्टेशन का कार्य पूरा

एक ओर जहां रीवा से लेकर गोविंदगढ़ रेलवे स्टेशन (Govindgarh Railway Station) के बीच रेलवे पटरी बिछाने का कार्य तेज गति से किया जा रहा है। वहीं गोविंदगढ़ रेलवे स्टेशन के साथ ही साथ रीवा के मध्य जहां पर रेलवे स्टापेज निर्धारित किए गए हैं। वहां का रेलवे स्टेशन भी बनकर पूरी तरह तैयार हो चुका है। वर्तमान में शुरू किए गए रेलवे पटरी कार्य को देखते हुए अब स्थानीय लोगों में इसे लेकर उत्साह देखा जा रहा है और उनका कहना है कि यह सब वर्षों पुराने सपने का पूरा होने जैसा है। रेल संचालन को लेकर उनकी उम्मीदें अब धरातल पर उतरती दिखाई दे रही हैं।

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