रीवा: बार-बार खराब हो रही कोरोना जांच मशीन को हटाया गया, नई लगी, 80 सैंपलों की जांच भी हुई
रीवा. संजय गांधी अस्पताल में लगी कोरोना जांच मशीन में आई खराबी से सेंपल जांच खासा प्रभावित हुई। मशीन की खराबी न दूर होने पर अंतत: उसकी जगह नई
भोपाल से आए इंजीनियर ने किया इंस्टालेशन का कार्य
रीवा. संजय गांधी अस्पताल, रीवा में लगी कोरोना जांच मशीन में आई खराबी से सेंपल जांच खासा प्रभावित हुई। मशीन की खराबी न दूर होने पर अंतत: उसकी जगह नई मशीन को शिफ्ट किया गया और कोरोना सेंपल जांच प्रक्रिया शुरू हो गई।
शनिवार को भोपाल से रीवा आये इंजीनियर एवं टेक्निशन ने पुरानी मशीन को हटाकर उसकी जगह नई मशीन को शिफ्ट किया और इंस्टालेशन की प्रक्रिया को पूर्ण किया। तत्पश्चात शनिवार दोपहर से ही सेंपलों की जांच प्रक्रिया शुरू हो गई। इसकी जानकारी लगते ही मेडिकल कालेज प्रबंधन के साथ ही प्रशासनिक अमले को भी राहत मिली है।
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ज्ञात हो कि वायरोलॉजी लैब की मशीन कई दिनों से बार-बार खराब हो रही थी, जिससे सेंपलों की जांच प्रभावित हो रही थी। 80 सेंपलों की हुई जांच मेडिकल कालेज की वायरोलॉजी लैब मशीन में दोपहर से ही जांच प्रक्रिया शुरू हो गई। कुल 110 सेंपलों में से 80 की जांच होने की जानकारी प्राप्त हुई है। वहीं कालेज के जिम्मेदारों का कहना है कि नई मशीन आ जाने से सेंपल जांच प्रक्रिया आसान हो जायेगी।
डॉक्टरों और स्टाफ की कमी
जिले में अब तक लिए गए सैंपलों में सर्वाधिक सेंपल जिला अस्पताल के डाक्टरों द्वारा लिए गए हैं। निरंतर जिला अस्पताल के डाक्टरों द्वारा अधिक से अधिक सेंपल लिए जा रहे हैं। जबकी वास्तविकता है कि जिला अस्पताल में इन दिनों डाक्टरों की कमी है। दंत रोग के मात्र दो डाक्टरों के भरोसे ही आने वाले लोगों के सैंपल जांच के लिए जा रहे हैं। प्रतिदिन 50 से अधिक सेंपल मात्र दो डाक्टरों द्वारा लिया जाना डाक्टरों के लिए मुसीबत बन गई है।
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वहीं जिला अस्पताल प्रबंधन ने भी आवश्यकता के अनुरूप डाक्टरों की कमी को स्वीकार किया है। इस बावत सीएमएचओ ने मेडिकल कालेज के डीन को पत्र लिखकर दो और डाक्टरों की मांग की है। सीएमएचओ द्वारा भेजे गए पत्र में इस बात का उल्लेख किया गया है कि जिले में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है वहीं बाहर से आने वाले प्रवासीजनों का सिलसिला जारी है। ऐसे में अधिक से अधिक सैंपल लिए जाने अनिवार्य निर्देश दिये गए हैं। लेकिन जिला अस्पताल में आवश्यकता के अनुरूप कम डॉटर हैं। जिसके चलते परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।