रीवा-सीधी की मोहनिया घाटी पर बन रही टनल को लेकर आई बड़ी खबर, पढ़िए
रीवा -सीधी की मोहनिया घाटी पर बन रही टनल को लेकर आई बड़ी खबर, पढ़िएरीवा और सीधी को जोडऩे वाली राष्ट्रीय राजमार्ग में बन रही मोहनिया घाटी पर
रीवा -सीधी की मोहनिया घाटी पर बन रही टनल को लेकर आई बड़ी खबर, पढ़िए
रीवा और सीधी को जोडऩे वाली राष्ट्रीय राजमार्ग में बन रही मोहनिया घाटी पर भूमिगत टनल का कार्य अपने निरंतर प्रगति पर है। अब तक मे साठ प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। बचा हुआ चालीस प्रतिशत कार्य को पूर्ण होने में अगले साल के अंत तक समय लग सकता है। दिलीप बिल्डिकॉन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किये जा रहे इस टनल के कार्य में अभी तक बिना किसी कर्मचारी के शारीरिक हानि हुए लगातार कार्य जारी है। कॅरोना जैसी महामारी से लड़ते हुए पूरे शोसल डिस्टेंसिंग के साथ कंपनी द्वारा सभी कर्मचारियों को मास्क एवं सेनिटाइजर उपलध कराया है। भारत की सबसे चौड़ी सुरंग जो लगभग साढ़े चार किलोमीटर लंबा व जुड़वा इस टनल का निर्माण प्रोजेट मैनेजर गणेश के नेतृत्व में किया जा रहा है।मध्यप्रदेश: अतिथि शिक्षकों के लिए सबसे बड़ी खबर, तुरंत पढ़िए
भोपाल (विपिन तिवारी) : बिगत 8 महिनों से लगातार मध्यप्रदेश अतिथि विद्वान ने नियमितिकरण को लेकर संघर्ष कर रहे थें. प्रदर्शन कर रहे थे।सरकारें सुन नही रही थी।बीते कुछ दिनों पहले ही अतिथि विद्वान संघ को NSUI प्रतिनिधि मंडल का साथ मिला था. Nsui के प्रवक्ता सुहिर्द तिवारी जे नेतृत्व में अतिथि विद्वानों के लिए लड़ाई लड़ी गई।फलस्वरूप अतिथि शिक्षकों के लिए राहतभरी खबर आई है। प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग ने अतिथि विद्वानों के लिए आंमत्रण कैलेण्डर जारी किया गया है। यह शिक्षा विभाग अधिकारी मुकेश कुमार शुक्ल द्वारा 13 अगस्त को जारी किया गया हैं. वहीं NSUI प्रदेश अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी का कहना हैं कि प्रतिनिधि मंडल के समर्थन के बाद शिवराज सरकार को झुकना पड़ा, लेकिन हमारी मांग है कि जल्द से जल्द सभी अतिथि विद्वानों को नियमित किया जाये. जब तक शिक्षा की रीड़ कहे जाने वाले अतिथि विद्वानों को नियमित नहीं किया जाता है, तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेंगा. वहीं NSUI के प्रदेश के प्रवाक्ता सुहृद तिवारी कहते है कि मध्यप्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में लागातार गिरावटे आ रही हैं, इससे छोटे बच्चों ज्याद प्रभावित हो रहे हैं, इसका मात्र एक ही कारण हैं शिक्षकों कि कमी. अतिथि विद्वानों को जल्द से जल्द नियमित कर प्रदेश के बच्चों का भविष्य सुधारा जा सकता हैं.