'गजोधर भैया' राजू श्रीवास्तव को रीवा में मिला था बीरबल सम्मान
तकरीबन 15 वर्ष पहले रीवा के एनसीसी मैदान में राजू की प्रस्तुती को लोग याद कर रहे है।
वर्ष था 2007 का और डेट थी 30 अप्रैल, जब हास्य कवि राजू श्रीवास्तव रीवा के एनसीसी मैदान में पहुचें तो रीवा के हजारों कला प्रेमियों में न सिर्फ उत्साह और उमंग भर गई बल्कि अपनी तालियों से उन्होने अपने चहेते कलाकार का भव्य स्वागत किए थें, तो वही हास्य कलाकर ने इस अभिवादन को भी अपनी हास्य रचनाओं से सभी को ठहाके लगाने के लिए मजबूर कर दिया था।
रीवा के कला प्रेमियों ने बताया कि राजू की प्रस्तुती को आज भी नहीं के लोग नही भूल पाए और उनके बीमार होने की खबर ने सभी को हिला दिया था वही मौत की खबर ने रूला दिया है।
15 वर्ष पहले के पल को याद करते है लोग
तकरीबन 15 वर्ष पहले रीवा के एनसीसी मैदान में राजू की प्रस्तुती को लोग याद कर रहे है। युवा कवि सिद्धार्थ श्रीवास्तव का कहना है कि उनके मंच में वे भी पहुचे थें और उन्हे अपनी रचनाओं को पढ़ने का मौका भी मिला था। उन्होंने बताया कि हास्य कवि राजू जो ठहाके भरे रचनाओं को रीवा के लोगो को परोसा था वह आज भी याद करके हंसी तो आती है लेकिन दूसरा ही पल रूलाने वाला है, क्योकि ऐसे महान कवि कम उम्र में दुनिया को अलविंदा कह गए।
किया गया था सम्मान
युवा कवि सिद्धार्थ बताते है कि रीवा में हास्य कवि राजू को बीरबल सम्मान से सम्मानित भी किया गया था। ज्ञात हो कि कवि बीरबल मुगल दरबार के नव रत्नों में से एक थें और उनका विंध्य से रिश्ता था।
रीवा के लोगो ने जताया शोक
हास्य कवि राजू श्रीवास्तव के निधन से रीवा में शोक की लहर है। कला जगत के साथ ही पूर्व मंत्री एवं रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ला, सांसद जर्नादन मिश्रा, भाजपा के सभागीय मीडिया प्रभारी योगेन्द्र शुक्ला आदि ने अपनी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि देश ने हास्य जगत की हस्ती को खो दी।