भाजपा में राज का ग्रैंड वेलकम: सिद्धार्थ तिवारी का रीवा में सैकड़ों समर्थकों ने किया जोरदार स्वागत, कांग्रेस छोड़कर पहली बार BJP कार्यालय पहुंचे
कांग्रेस छोड़ भाजपा की सदस्यता लेने के बाद पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी के पोते सिद्धार्थ तिवारी 'राज' शुक्रवार को भोपाल से रीवा पहुंचे। जहां समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया।
भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रहें स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी के पोते सिद्धार्थ तिवारी 'राज' का पहली बार रीवा आगमन हुआ। जहां उनका ग्रैंड वेलकम हुआ। सिद्धार्थ दो दिन पहले कांग्रेस छोडकर भाजपा में आए हैं। उन्होने भोपाल स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के हाथो भाजपा की सदस्यता ली है।
शुक्रवार की दोपहर 12 बजे चोरहटा स्थित रीवा प्रवेश द्वारा पर सैकड़ों चार पहिया और दो पहिया वाहनों में सवार होकर सिद्धार्थ के समर्थक पहुंचे हुए थे। जैसे ही सिद्धार्थ आए, गाजे बाजे के साथ उनका जोरदार स्वागत किया गया। इसके बाद उनका काफिला चोरहटा से पडरा होते हुए ढेकहा स्थित भाजपा कार्यालय अटल कुंज पहुंचा। जहां त्योंथर के कुछ भाजपाइयों को छोडकर सांसद, विधायक और पूरे जिले के भाजपा कार्यकर्ता, पदाधिकारी पहुंचे और सिद्धार्थ का भाजपा में स्वागत किया।
अटल कुंज में सिद्धार्थ तिवारी राज के स्वागत का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जहां विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम, जनसम्पर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल, सांसद जनार्दन मिश्रा, गुढ़ विधायक नागेंद्र सिंह, सेमरिया विधायक केपी त्रिपाठी, जिलाध्यक्ष अजय सिंह समेत जिले के अन्य विधायक और भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहें।
कांग्रेस छोडकर भाजपा में आए
सिद्धार्थ तिवारी राज रीवा के पूर्व सांसद स्वर्गीय सुंदरलाल तिवारी के बेटे और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी के पोते हैं। कांग्रेस के कद्दावर नेता रहें दादा और पिता के निधन के बाद से ही सिद्धार्थ राजनीति में एक्टिव हो गए थे। कांग्रेस के पंजा चुनाव चिन्ह से उन्होने 2019 रीवा लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था। चुनाव में हार के बाद से ही वे विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गए, उन्होने कांग्रेस आलाकमान से त्योंथर विधानसभा से चुनाव लड़ने की पेशकश की थी। सकारात्मक जवाब मिलने के बाद वे त्योंथर विधानसभा के लिए चुनाव की तैयारियों में सालों पहले से जुट गए थे। लेकिन ऐन पहले उनके स्थान पर दो बार हार झेल चुके पूर्व प्रत्याशी रमाशंकर पटेल को कांग्रेस ने टिकट थमा दी। इससे नाराज होकर सिद्धार्थ ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया। 71 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है जब अमहिया के तिवारी परिवार से किसी की टिकट कटी हो।