रीवा में 1 मई तक 5034 किसानों से 282798 क्विंटल गेंहू की खरीद
जिले में निर्धारित खरीदी केन्द्रों में एक अप्रैल से समर्थन मूल्य पर गेंहू की खरीद की जा रही है।
जिले में निर्धारित खरीदी केन्द्रों में एक अप्रैल से समर्थन मूल्य पर गेंहू की खरीद की जा रही है। जिले में एक मई तक 5034 किसानों से 282798 क्विंटल गेंहू की खरीद अब तक की गयी है। इसके लिए किसानों को 678 करोड़ 71 लाख 60 हजार की राशि मंजूर की गयी है। इस संबंध में अपर कलेक्टर तथा प्रभारी जिला आपूर्ति नियंत्रक श्रीमती सपना त्रिपाठी ने बताया कि उपार्जित गेंहू का भण्डारण कराया जा रहा है। अब तक खरीदे गये गेंहू में से 187240 क्विंटल गेंहू का परिवहन किया जा चुका है। अब तक किसानों के बैंक खाते में 71 करोड़ 95 लाख 55 हजार 562 रूपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है। गेंहू खरीदी के लिए अब तक 9311 किसानों ने स्लॉट बुक किये हैं। जिले में सहकारी समितियों के मध्याम से गेंहू का उपार्जन किया जा रहा है। अधिकतर खरीदी केन्द्र गोदाम स्तर पर बनाये गये हैं। गेंहू खरीद की अंतिम तिथि 20 मई है।
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रिट याचिकाओं एवं अवमानना प्रकरणों की समीक्षा बैठक आज
रीवा: उच्च न्यायालय जबलपुर में विभिन्न विभागों के लंबित रिट याचिकाओं एवं अवमानना प्रकरणों की समीक्षा कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल द्वारा 3 मई को प्रात: 11 बजे कलेक्ट्रेट में की जायेगी। संबंधित विभागीय अधिकारियों को अद्यतन जानकारी के साथ उपस्थिति के निर्देश दिये गये हैं।
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स्कूल स्वायल हेल्थ कार्ड कार्यक्रम का हुआ आयोजन
रीवा: स्कूल स्वायल हेल्थ प्रोग्राम के अन्तर्गत केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक-एक का चयन किया गया है। जिसके तहत पंजीकृत छात्रों द्वारा मृदा नमूना एकत्र कर प्रयोगशाला में विश्लेषण कर किया जाकर कृषकों को स्वायल हेल्थ कार्ड वितरित किया जायेगा। गत दिवस विद्यालय में पंजीकृत शिक्षक मो. इखलाख आजाद एवं 25 छात्रों के समूह द्वारा रीवा विकासखण्ड अन्तर्गत ग्राम अजगरहा में मृदा नमूना एकत्रीकरण का कार्य किया गया। कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु उप संचालक कृषि यूपी बागरी, एके पाण्डेय, डॉ. अखिलेश पटेल, डॉ. बीपी सिंह, आरके पटेल एवं विनोद कुमार सिंह के साथ मिट्टी परीक्षण कार्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।
इस दौरान डॉ. बी.पी. सिंह द्वारा मिट्टी परीक्षण का महत्व एवं मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाइन मृदा नमूना लेने की विधि विस्तार से समझाई गई। डॉ. अखिलेश पटेल द्वारा मृदा नमूना एकत्रीकरण का प्रैक्टिकल कराया गया। प्रशिक्षण में उप संचालक श्री बागरी द्वारा किसानों से अपील की गई कि खरीफ मौसम में पूर्व मृदा परीक्षण अनिवार्यत: करवायें ताकि मृदा में उपलब्ध पोषक तत्वों के आधार पर अनुशंसित उर्वरकों का ही प्रयोग कराया जा सके। साथ ही बच्चों को भी तकनीकी सलाह दी गई। डॉ. एके पाण्डेय द्वारा मृदा में उपलब्ध पोषक तत्वों के महत्व, एवं अनुशंसित उर्वरकों के प्रयोग के बारे में विस्तारपूर्वक समझाया गया। डॉ. केएस बघेल वैज्ञानिक द्वारा मृदा विश्लेषण एवं विभिन्न पोषक तत्वों की जानकारी दी गई। डॉ. स्मिता सिंह वैज्ञानिक द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड, उर्वरक अनुशंसा एवं रसायन मुक्त फसल उत्पादों के बारे में छात्रों को जानकारी दी गई।