रीवा में डीएपी की कमी नहीं, NPK और SSP से भी मिलेगा बेहतर उत्पादन : उपसंचालक कृषि

रीवा जिले में डीएपी खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही, कृषि विभाग ने किसानों को एनपीके और एसएसपी खाद का उपयोग करने की सलाह दी है। इन खादों से न केवल फसल उत्पादन में वृद्धि होगी बल्कि किसानों को आर्थिक लाभ भी होगा।

Update: 2024-10-15 18:39 GMT

रीवा जिले के उप संचालक कृषि यूपी बागरी ने जिले के किसानों को आगामी फसल की बोनी के लिए एनपीके और एसएसपी (सिंगल सुपर फास्फेट) खाद का उपयोग करने की अपील की है। उन्होंने बताया कि जिले में डीएपी खाद की पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, लेकिन डीएपी के विकल्प के रूप में किसान एनपीके मिश्रण और सिंगल सुपर फास्फेट खाद का उपयोग कर सकते हैं। इन खादों के उपयोग से फसल उत्पादन में डीएपी के समान ही प्रभावकारी परिणाम मिलते हैं।

उन्होंने आगे बताया कि डीएपी खाद में मुख्य रूप से नाइट्रोजन और फास्फोरस होता है, जबकि एनपीके और एसएसपी के मिश्रण से फसल को नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटैशियम तीनों तत्व संतुलित मात्रा में प्राप्त होते हैं। इसके अलावा, सिंगल सुपर फास्फेट में सल्फर भी होता है जो सरसों की फसल के लिए विशेष रूप से लाभदायक होता है।

उप संचालक ने यह भी बताया कि एनपीके और एसएसपी के मिश्रण का उपयोग करने से किसानों को आर्थिक लाभ भी होगा। क्योंकि इस मिश्रण की कीमत डीएपी की तुलना में कम होती है और यह फसल उत्पादन में भी अधिक प्रभावी होता है।

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