REWA जिले का सबसे पावन और बड़ा धार्मिक तीर्थस्थल बदहाली का शिकार

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रीवा (Rewa) का देवतालाब मंदिर (Dev Talab Mandir) हो रहा बदहाली का शिकार

Update: 2021-12-08 14:34 GMT

रीवा जिले (Rewa District) का सबसे पावन और धार्मिक तीर्थस्थल देवतालाब (Devtalab Mandir) जिम्मेदारों की उदासीनता के कारण बदहाली का शिकार है। जबकि यहां विंध्य ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश व देश के कोने-कोने से धार्मिक आस्था रखने वाले यहां पहुंचते हैं। यह स्थल धार्मिक महत्व एवं आस्था के लिये देश भर में प्रसिद्ध है। यहां विराजे देवाधिदेव महादेव के प्रति लोगों में अगाध आस्था है। जबकि दूसरी ओर जिम्मेदार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

नहीं हो सका विकास

बताते चलें कि इस ऐतिहासिक तीर्थ स्थल का विकास उस गति से नहीं हो सका जिस तरह की अपेक्षा श्रद्धालु और इस स्थल प्रसिद्धि के आधार पर होना चाहिए। जिससे यहां आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को मुश्किल का सामना करना पड़ता है। दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं जानकारी के अभाव में भटकते रहते हैं, उन्हें कोई बताने वाला नहीं रहता कि शुद्ध पानी कहां मिलेगा अथवा कहां पर थोड़ा विश्राम कर अपनी थकान दूर सकते हैं।

धार्मिक पर्यटन का नहीं मिला दर्जा

पावन शिवालय देवतालाब को धार्मिक पर्यटन क्षेत्र का दर्जा दिए जाने की चर्चाएं काफी समय से चल रही हैं लेकिन अब तक यह उपलब्धि नहीं मिल सकी है। जनप्रतिनिधियों ने इस दिशा में ठोस कदम नहीं लिया। उच्च पद पर आसीन होने के बाद भी विकास की गति रफ्तार नहीं पकड़ पाई है।

दिन ढलते ही अंधेरा

इस धार्मिक परिसर में दिन ढलते ही अंधेरा छा जाता है। इसके बाद परिसर के आसपास असामाजिक तत्वों का चारो तरफ जमावड़ा लग जाता है। नशा के शौकीन इसके आसपास मडराते रहते हैं। जिससे दूरदराज से पहुंचने वाले श्रद्धालु डरे-सहमे रहते हैं।

श्रद्धालु होते हैं लूट का शिकार

दूरदराज से भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिये पहुंचने वाले श्रद्धालुओं द्वारा यदि यहां कुछ खरीददारी की है तो उनसे मनमानी दाम वसूला जाता है। लेकिन श्रद्धालु धार्मिक स्थल होने के नाते कुछ बोल नहीं पाते और चुपचाप पैसा देना ही उचित समझते हैं।

सुरक्षा का अभाव

पुलिस गश्त के अभाव में कभी कभार यहां बड़ी संख्या में दूरदराज से आने वाली दर्शनार्थी रात्रि में मंदिर परिसर में बने टीनशेड में विश्राम करते हैं जिनकी सुरक्षा का खतरा बना रहता हैं। रात्रि में असाामजिक अपना शिकार बनाने की ताक में लगे रहते हैं। श्रद्धालुजन के साथ ही स्थानीय व्यापारियों ने पुलिस चैथी स्थापित करने की मांग की है।

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