रीवा के महेंद्र ने प्याज की खेती कर चुकाया 7 लाख का कर्ज, अब हर साल कमा रहे 10 लाख से अधिक

Rewa MP News: किसी भी काम को अगर मन लगा कर मेहनत के साथ किया जाय तो देर से ही सही उसमे सफलता जरूर मिलती है।

Update: 2022-10-31 09:47 GMT

Rewa MP News: किसी भी काम को अगर मन लगा कर मेहनत के साथ किया जाय तो देर से ही सही उसमे सफलता जरूर मिलती है। लोगों के साथ समस्या यह होती है कि उनके पास धैर्य कर कमी होती है। थोड़ी सी असफलता मिलने पर वह रास्ता बदल देते हैं। ऐसा नहीं है कि सबको मंजिल आसानी से मिल जाती है, आज जो भी कामयाब है उनके पीछे उनकी अथक मेहनत, धैर्य और कई सालों की मेहनत है। इस बात को साबित करके दिखाया है जिले के एक किसान ने।

मनगवा क्षेत्र के सेमरीकला निवासी महेन्द्र पटेल आज कामयाब है, हर साल 10 लाख से अधिक की इनकम प्राप्त कर रहे हैं। इनकी गिनती क्षेत्र के प्रगतिशील किसान के रूप मंे होती है। दो एकड़ जमीन के मालिक महेन्द्र ने आखिर यह सफलता कैसे हासिल की यह जानना काफी रोचक है।

नहीं है जमीन

किसान महेन्द्र के पास इतनी जमीन नहीं है कि वह लाखों की आय प्राप्त कर सके। इसके बाद भी वह खेती से विशेष रूप से प्याज की खेती से हर साल 7 लाख से अधिक की आय प्राप्त कर रहे है। इसके अलावा टमाटर, गोभी, पालक आदि की खेती से किसान महेन्द्र को लाखों की आय होती है। इस प्रकार किसान को हर साल 10 लाख की आय होती है। अब सवाल यह है कि ज्यादा जमीन न होने के बाद भी महेन्द्र कैसे इतनी खेती और आय प्राप्त कर रहे हैं।

इसका जवाब देते हुए किसान महेन्द्र ने बताया कि मैं दूसरे की जमीन लेकर खेती करता हूं। मैने गांव के किसानों कि तकरीबन 10 एकड़ जमीन ले रखी है। इसी जमीन पर मैं खेती करता हूं। तकरीबन 7 एकड़ जमीन में मैं प्याज लगाता हूं। हर साल मैं तकरीबन 5 से 6 सौ क्विंटल प्याज की बिक्री करता हूं। कम से कम मुझे केवल प्याज से ही 7 से 8 लाख की आय हो जाती है।

परिस्थितियां रही विपरीत

बताया गया है कि तकरीबन 10 साल पूर्व किसान के पिता की किडनी खराब हो गई थी। पिता का ईलाज कराने के लिए किसान को तकरीबन 8 लाख का कर्जा भी लेना पड़ा। लेकिन किसान महेन्द्र ने हार नहीं मानी। गांव वालों की जमीन किराए पर ली। अपनी किस्मत को आजमाते हुए प्याज की खेती शुरू की। किस्मत ने किसान का ऐसा साथ दिया कि दो साल में ही किसान ने पिता की बीमारी मंे लिया गया पूरा कर्जा पटा दिया। आज किसान की पारिवारिक स्थिति न सिर्फ सुधर गई है, बल्कि बेहतर हो गई है। 

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