साहित्यकार व कवि समाज के मार्गदर्शक हैं – एमपी विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम
रीवा एमएलए राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि हमारे रीवा शहर एवं विन्ध्य में कलाकारों एवं प्रतिभाओं की कमी नहीं है। जरूरत है तो मंच प्रदान करने व प्रोत्साहन की।
बघेलखण्ड सांस्कृतिक महोत्सव समिति द्वारा आयोजित विन्ध्य शिखर सम्मान समारोह को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित करते हुए प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष श्री गिरीश गौतम ने कहा कि साहित्यकार व कवि समाज के मार्गदर्शक हैं। समाज की संवेदनाओं को जोड़ने का काम कवि व लेखक करते हैं। इनके द्वारा संवेदनशीलता, परकाया विशेष, अभिव्यक्ति को स्व से अन्य को जोड़ने का कार्य किया जाता है। बड़े-बड़े लेखक व साहित्यकार स्वयं तप कर समाज को सूर्य के समान प्रकाश देने का कार्य करते हैं।
कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम में आजादी के अमृत महोत्सव एवं समिति के 35 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में श्री गौतम ने कहा कि बघेली व रिमही बोली में थोड़ा ही अंतर है। हमें बघेलखण्ड व रीवा के साहित्यकारों, नाटककारों, कवियों, लेखकों को आगे बढ़ने का अवसर देना होगा। उन्होंने मध्यप्रदेश की विधानसभा में इन्हें आमंत्रित भी किया।
श्री गौतम ने कहा कि यह सभागार हमारे रीवा की पहचान बने इसलिये इसमें हमार रीवा लिखा हो तथा यह साहित्यिक व सांस्कृतिक गतिविधियों के लिये नि:शुल्क उपलब्ध रहे। उन्होंने आश्वस्त किया कि बसामन मामा व आनंद रघुनंदन नाटक का मंचन मध्यप्रदेश की विधानसभा में कराया जायेगा।
कार्यक्रम में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में पूर्व मंत्री एवं रीवा विधायक श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि विकास की अंधी दौड़ में इस प्रकार के साहित्यिक आयोजन हमें ऊर्जा प्रदान करते हैं। उन्होंने आयोजकों को आयोजन के लिये धन्यवाद भी दिया। श्री शुक्ल ने कहा कि हमारे रीवा शहर एवं विन्ध्य में कलाकारों एवं प्रतिभाओं की कमी नहीं है। जरूरत है तो मंच प्रदान करने व प्रोत्साहन की। उन्होंने आश्वस्त किया कि ऐसे कार्यक्रमों की श्रंखला निरंतर चलती रहेगी। यह ऑडिटोरियम ऐसे आयोजनों के लिये नि:शुल्क उपलब्ध हो इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करायी जायेगी।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पूर्व मंत्री श्री पुष्पराज सिंह ने अपने बघेली उद्बोधन में कहा कि आज के युवकन मा लाइब्रोरी जायं के आदत नहीं आय। येसे या जरूरी होइगा है कि बघेली के किताबन का ई लाईब्रोरी मा डाला जाय ताकि हमरे भाषा व बोली का अधिक से अधिक लोग जान सकैं। उन्होंने कहा कि आनंद रघुनंदन नाटक पूरे भक्ति भाव से लिखा गा है। एखर मंचन दिल्ली मा तथा मध्यप्रदेश के विधानसभा मा होय तो अपने विन्ध्य का अउर अधिक सम्मान मिली।
विशिष्ट अतिथि महाराजा ग्रुप के चेयरमैन देवेन्द्र सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि नाट¬ मंचन व साहित्यिक गतिविधियों के आयोजन के लिये वह अपनी तरफ से हर संभव मदद देंगे। उन्होंने बघेली बोली, खान-पान व आचार-विचार के संरक्षण की बात भी कही।
साहित्यकार डॉ. चंद्रिका प्रसाद चंद्र ने आधार वक्तव्य देते हुए शंभू काकू के बारे में कहा कि वह बघेली के लोकप्रिय कवि थे। जिन्होंने विषम परिस्थितियों व झंझावातों से लड़ते हुए अपनी कविताओं के माध्यम से सभी को हंसाने का काम किया। उनकी कविताओं का संग्रह कर विमोचन कराने के कार्य के लिये रामनरेश तिवारी निष्ठुर साधुवाद के पात्र हैं।
विन्ध्य शिखर सम्मान समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभूतियों पद्मश्री बाबूलाल दाहिया, पंडित चन्द्रकांत शुक्ल, सुशील तिवारी, निर्मला बहन, सरदार प्रहलाद सिंह, श्रुतिवंत प्रसाद दुबे, डॉ. प्रभाकर चतुर्वेदी, डॉ. सुद्युम्न आचार्य, रामशखा नामदेव, रामानुज श्रीवास्तव, तहूर मंसूरी निगार, प्रोफेसर प्रणय, शिवबालक तिवारी, अमीरउल्ला खान, डॉ. प्रमोद जैन, डॉ. रामभिलास सोहगौरा, डॉ. सूर्यनारायण गौतम, इन्द्रावती नाट¬ संस्था सीधी, योगेश त्रिपाठी, जयंत जैन, रामनरेश तिवारी निष्ठुर, सुजीत द्विवेदी, डॉ. मुकेश येंगल, अशोक अकेला तथा समयलाल पाण्डेय का शॉल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर साहित्यकार एवं कवि रामनरेश तिवारी निष्ठुर के प्रयासों से संकलित बघेली के कवि शंभू काकू के कविता संग्रह बोले चला निरा लबरी का अतिथियों ने विमोचन किया। इस अवसर पर प्रोफेसर प्रणय की पुस्तक अँगरा, डॉ. प्रमोद जैन की पुस्तक कुर्सीनामा व शिक्षा में शांति, रामशखा नामदेव की किताब केसे कही का विमोचन भी हुआ। सर्वेश यादव की किताब इत्ती सी खुशी का भी विमोचन किया गया।
स्वागत उद्बोधन देते हुए डॉ. मुकेश येंगल ने बघेलखण्ड साहित्यिक महोत्सव द्वारा किये गये आयोजनों की जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन बघेलखण्ड साहित्यिक महोत्सव के अध्यक्ष जगजीवनलाल तिवारी ने किया। कार्यक्रम का संचालन रामनरेश निष्ठुर एवं डॉ. प्रवेश तिवारी ने किया। इस अवसर पर हेमंत त्रिपाठी, गजेन्द्र सिंह गज्जू, राजेश वर्मा सहित बड़ी संख्या में सुधी श्रोता, साहित्यकार, पत्रकार व अन्य विशिष्टजन उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में इन्द्रावती नाट¬ संस्था रीवा द्वारा बसामन मामा की नाट¬ प्रस्तुति बघेली में की गई।