विधि महाविद्यालय रीवा में शुरू होगा पांच वर्षीय बीएएलएलबी कोर्स, जानिए पूरा प्रोसेस

रीवा- शासकीय विधि महाविद्यालय रीवा में आगामी सत्र से पांच वर्षीय बीएएलएलबी का कोर्स शुरू होने के आसार नजर आ रहे हैं।

Update: 2022-10-27 05:48 GMT

रीवा- शासकीय विधि महाविद्यालय रीवा में आगामी सत्र से पांच वर्षीय बीएएलएलबी का कोर्स शुरू होने के आसार नजर आ रहे हैं। कोर्स प्रारंभ करने के लिए कॉलेज प्रबंधन ने कवायद शुरू कर दी है। इसी परिप्रेक्ष्य में प्रबंधन द्वारा गत दिवस बीएएलएलबी कोर्स की संबद्धता के लिए अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा को आवेदन दिया है। माना जा रहा है कि नवुंबर माह में विवि द्वारा विधि महाविद्यालय कॉलेज प्रबंधन को बीएएलएलबी कोर्स की संबद्धता दे दी जाएगी। अगर सब सही रहा तो आगामी सत्र से विधि महाविद्यालय रीवा में बीएएलएलबी कोर्स प्रारंभ हो जाएगा।

जनभागीदारी समिति ने दी अनुमति

विधि महाविद्यालय प्रबंधन की माने तो गत माह कलेक्ट्रेट के सभागार कक्ष में जनभागीदारी समिति की बैठक का आयोजन किया गया था। जनभागीदारी समिति ने पांच वर्षीय बीएएलएलबी कोर्स प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान कर दी। जनभागीदारी समिति से अनुमति मिलने के प्रबंधन द्वारा एपीएसयू में संबद्धता के लिए आवेदन दिया गया।

बीसीआआई करेगी निरीक्षण

बताया गया है कि विवि से संबद्धता मिलने के बाद कॉलेज प्रबंधन द्वारा बार काउंसिल ऑफ इण्डिया को आवेदन दिया जाएगा। बीसीआई द्वारा महाविद्यालय का निरीक्षण कर यह जानने का प्रयास करेगा कि कॉलेज बीएएलएलबी कोर्स प्रारंभ करने के लिए पात्र भी है या नहीं। अगर महाविद्यालय निर्धारित मापदण्ड को पूरा करेगा तो बीसीआई द्वारा कोर्स प्रारंभ करने की अनुमति दे दी जाएगी। गौरतलब है कि बीसीआई के निरीक्षण के पूर्व कॉलेज द्वारा 5 लाख की किताबों की खरीदी की जाएगी, साथ ही पांच अतिथि विद्वानों की नियुक्ति भी की जाएगी। जिससे महाविद्यालय को मान्यता मिलने में किसी प्रकार की परेशानी न हो।

60 सीटों में होगा एडमीशन

विधि महाविद्यालय में आगामी सत्र से संभावित बीएएलएलबी के कोर्स के प्रथम वर्ष में 60 सीटों में एडमीशन दिया जाएगा। आगामी 5 साल मे ंबीएएएलएलबी में 300 विद्यार्थी अध्ययन करेंगे। शासन की गाइडलाइन के अनुसार ही विद्यार्थियों का एडमीशन किया जाएगा।

वर्जन

अगले सत्र से विधि महाविद्यालय में बीएएलएलबी का कोर्स शुरू हो जाएगा। जनभागीदारी से कोर्स शुरू करने की अनुमति भी मिल गई है। कुछ और औपचारिकताएं है जिन्हें पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।

प्रो. योगेन्द्र तिवारी, प्राचार्य शासकीय विधि महाविद्यालय रीवा 

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