महिला अपराध में FIR भर से नहीं चलेगा काम, पूर्ण न्याय दिलाना सुनिश्चित करें, रीवा आईजी-कलेक्टर ने दिए निर्देश

रीवा। परेशान महिलाओं को मदद पहुँचाने के लिये सरकार के द्वारा तरह-तरह की व्यवस्था बनाई गई है। लेकिन उसका लाभ उन्हे नही मिल पा रहा है। डीजीपी के निर्देशों के बाद अब महिला अपराधो को लेकर समीक्षा की जा रही है। 

Update: 2021-07-16 20:56 GMT

रीवा। परेशान महिलाओं को मदद पहुँचाने के लिये सरकार के द्वारा तरह-तरह की व्यवस्था बनाई गई है। लेकिन उसका लाभ उन्हे नही मिल पा रहा है। डीजीपी के निर्देशों के बाद अब महिला अपराधो को लेकर समीक्षा की जा रही है। 

उसी के तहत शुक्रवार को रीवा रेंज के आईजी की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक पुलिस कंट्रोल रूम रीवा में आयोजित की गई। जिसमें महिला अपराधों को लेकर न सिर्फ चर्चा की गई बल्कि परेशान महिलाओं को सहायता पहुचने के लिये मौजूद लोगो को जानकारी भी दी गई है।

FIR से नही चलेगा काम

जानकारी के तहत पुलिस महिला अपराध में एफआईआर दर्ज करके अपना कर्तव्य पूरा कर देती है, जबकि पीड़ित महिलाओं कों सुरक्षा के साथ आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा तथा कानूनी लाभ दिलवाया जाना शमिल है।

रीवा रेंज के आईजी उमेश जोगा ने बताया कि रीवा के 18 थानों में महिला डेस्क संचालित है, लेकिन वे सही तरीके से काम नही कर रहा है। महिला अपराधों में किसी भी तरह की लापरवाही नही होनी चाहिये और उसे संबधित विभागों से मदद दिलवाये। इस दौरान डीआईजी अनिल सिंह कछवाहा ने बैठक में शमिल हुये लोगो को महिला अपराध पर तैयार बुकलेंट भी उपलब्ध कराया है।

कलेक्टर ने दी जानकारी 

बैठक में शमिल हुये कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने परेशान महिलाओं को मिलने वाली सुविधा की जानकारी देते हुये बताया कि ऐसी महिलाओं को 6 तरह की सुविधा है। यानि की अगर उसके साथ अपराध हुआ है तो पुलिस एफआईआर तो दर्ज करती ही है, पर उसे पूर्ण न्याय दिलाने के लिये काम करे। महिलाओं के लिये सामाजिक सुरक्षा, पेंशन योजना सहित कई तरह की सुविधाएं शासन दी जा रही है।

बैठक में पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सिंह, महिला बाल विकास अधिकारी, विधिक सेवा अधिकारी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिवकुमार वर्मा सहित महिला थाना प्रभारी एवं जिले में संचालित महिला डेस्क प्रभारी मौजूद रहे।

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