रीवा जिले में रक्षाबंधन के चलते बाजार में पहुंचने लगी नकली खोवे की खेप, ऐसे कर सकते हैं पहचान!

Rewa News: एमपी के रीवा जिले में खाद्य पदार्थों की जांच को लेकर खाद्य विभाग गंभीर नहीं है। रक्षाबंधन के मद्देनजर जिले में नकली खोवा की खेप पहुंचने लगी है।

Update: 2023-08-29 09:28 GMT

एमपी के रीवा जिले में खाद्य पदार्थों की जांच को लेकर खाद्य विभाग गंभीर नहीं है। रक्षाबंधन के मद्देनजर जिले में नकली खोवा की खेप पहुंचने लगी है। बस एवं निजी वाहनों से आये दिन सैकड़ों किलो खोवा लाया जा रहा है। दुकानदार मांग पूरा करने के लिये ग्राहकों की जान से खिलवाड़ करने के लिये रेडी हो चुके हैं।

दस गुना बढ़ जाती है डिमांड

यहां पर बता दें कि रक्षाबंधन में मिठाई की डिमांड दस गुना ज्यादा बढ़ जाती है। इसकी तैयारी दुकानदार एक सप्ताह पहले से ही करने लगते हैं। सूत्रों का दावा है कि ज्यादातर दुकानदार मिलावटी अथवा नकली खोवा मिठाई बनाने के लिये उपयोग करते हैं। जिसका सीधा असर स्वास्थ्य पर पड़ता है। लेकिन स्वास्थ्य महकमा का खाद्य विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। जबकि आये दिन नकली खोवा की खेप रीवा पहुंच रही है। ऐसे में जाहिर है कि मिलावट करने वाले दुकानदारों को खाद्य विभाग का खुला संरक्षण प्राप्त है। यही वजह है कि त्योहार सामने होने के बाद भी खाद्य विभाग हाथ में हाथ धरे बैठा है। सेंपलिंग व जांच की कार्रवाई न के बराबर हो रही है।

आकर्षक बनाने के लिए जानलेवा रंग का करते हैं उपयोग

सूत्रों की मानें तो दुकानदार मिठाईयों को आकर्षित बनाने के लिये कलर का उपयोग करते हैं। जबकि इस तरह के रंग पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है। इसका असर स्वास्थ्य पर पड़ता है। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो इससे कैंसर जैसी घातक बीमारी तक हो सकती है। लेकिन इसके बाद भी दुकानदार बेधड़क तरीके से रंग का उपयोग करते दिखाई दे जाते हैं।

यहां से आती है मिलावटी खोवे की खेप

इस कारोबार से जुड़े लोगों ने बताया कि बस के द्वारा आये दिन भिंड-मुरैना से नकली व मिलावटी खोवा की खेप आती है। बस स्टैंड में बस के रुकते ही कुली खेप को नीचे उतारते हैं। इसके बाद दुकानदार पलक झपकते इस खेप को अपने रिक्शा व ऑटो में रख कर रफूचक्कर हो जाते हैं। बाद में इसी खोवे से मिठाई बना कर बेची जाती है।

ऐसे करें पहचान

जानकारों क मानें तो नकली मावा की पहचान इस तरह की जा सकती है। मावे में थोड़ी चीनी डालकर गरम करें यदि यह पानी छोड़ने लगे तो यह नकली है। मावा को अपने अंगूठे के नाखून पर रगड़ें यदि वह असली है तो इसमें घी की महक आएगी। मावा की गोली बनाएं यदि यह गोली फटने लगे तो समझ लें कि मावा नकली अथवा मिलावटी है। असली मालवा मुंह में चिपकता नहीं है जबकि नकली मावा चिपक जाएगा। असली मावा खाने से मुंह में कच्चे दूध जैसा स्वाद आता है। 2 ग्राम मावा को 5 एमएल गरम पानी में घोल लें और इसको ठंडा होने दें। ठंडा होने के बाद इसमें टिंचर आयोडीन डालें यदि मावा नकली है तो इसका रंग नीला हो जाएगा। इसके साथ ही रंगों वाली मिठाई से परहेज करें। क्योंकि इन मिठाइयों में सिंथेटिक रंगों का इस्तेमाल होता है।

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