रीवा के गेंहू की कई राज्यों में डिमांड: हैदराबाद, बैंगलोर और छत्तीसगढ़ को भाया रीवा का गेहूं, किसानों को MSP से अधिक मिल रही कीमत

रीवा से उत्पादित अनाज की डिमांड हैदराबाद, बैंगलोर और छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों से भी आने लगी है।

Update: 2023-11-24 07:59 GMT

रीवा से उत्पादित अनाज की डिमांड हैदराबाद, बंगलौर और छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों से भी आने लगी है।

रीवा जिले में नहरों का जाल बिछने के बाद गेहूं के उत्पादन में भी उत्तरोत्तर वृद्धि हुई। ऐसे में जहां किसानों का मुनाफा बढ़ा तो वहीं अच्छे गेहूं के उत्पादन की वजह से रीवा से उत्पादित अनाज की डिमांड हैदराबाद, बैंगलोर और छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों से भी आने लगी है। वहीं किसानों को एमएसपी से अधिक कीमत भी मिल रही है। ऐसे में अब मंडी में गेहूं की आवक घटने लग गई है।

गौरतलब है कि जिले में उत्पादित होने वाले गेहूं की बेहतर गुणवत्ता को देखते हुए अन्य राज्यों से लगातार डिमांड बढ़ती जा रही है। रीवा के गेहूं की हैदराबाद और बंगलौर सहित छत्तीसगढ़ में मांग बढ़ गई है। जिसकी वजह से किसानों को व्यापारियों से गेहूं की कीमत समर्थन मूल्य से ज्यादा मिल रही है। बता दें कि किसानों के पास गेहूं अब खत्म हो रहा है। जिसकी वजह से करहिया मण्डी में गेहूं की आवक घट गई है।

2 हजार प्रति क्विंटल हो रही आवक

बता दें कि हैदराबाद, बैंगलोर और छत्तीसगढ़ में गेहूं का उत्पादन कम होता है। जिससे इन स्थानों में गेहूं की आपूर्ति रीवा से होती है। कृषि उपज मण्डी करहिया में इस समय रोजाना 1500 से 2000 क्विंटल गेहूं की आवक हो रही है। जबकि पूर्व में मण्डी में चार से पांच हजार क्विंटल गेहूं की आवक हो रही थी। मण्डी में कम मात्रा में गेहूं आने की वजह से व्यापारी भी ज्यादा कीमत में किसानों से गेहूं की खरीदी कर रहे हैं।

2600 रुपए क्विंटल हो रही खरीदी

मण्डी प्रबंधन ने जुड़े सूत्रों के अनुसार इस समय मण्डी के लाइसेंसी व्यापारी 2550 से 2600 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं की खरीदी कर रहे हैं। जबकि पूर्व में समर्थन मूल्य पर किसानों का गेहूं 2200 रुपए के आसपास खरीदा जा रहा था। बताया गया है कि व्यापारी किसानों से गेहूं की खरीदी कर उसका स्टाक करते हैं। गेहूं जब एक ट्रक और उससे ज्यादा मात्रा में एकत्र हो जाता है तो उसे दूसरे राज्यों में भेज दिया जाता है। हालांकि कम मात्रा में गेहूं आने पर एक से दो ट्रक गेहूं एकत्र होने में समय लग जाता है। जबकि पूर्व में चार से छह ट्रक प्रतिदिन गेहूं की आवक मंडी में होती थी।

किसानों को हो रहा मुनाफा

जिस तरह से मंडी में गेंहू की आवक घट रही है तो वहीं जिन किसानों ने गेहूं का भण्डारण कर रखा था उनको अब मुनाफा हो रहा है। हालांकि गेहूं की आवक काफी कम हो गई है। इसके बाद भी प्रतिदिन दो से तीन हजार क्विंटल गेहूं करहिया स्थित मण्डी में पहुंच रहा है। बताया गया है कि जिन किसानों को ज्यादा राशि मिलने की जानकारी होती है और उनके पास गेहूं का भण्डारण है वह अपना अनाज बेचने के लिए करहिया मण्डी पहुंच रहे हैं।

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