स्वच्छता सर्वेक्षण 2023: रीवा देश का 42वां सबसे स्वच्छ शहर, एमपी में 10वां स्थान; 2017 में 38वें रैंक पर था

स्वच्छता की परीक्षा में रीवा शहर ने पिछले साल से बेहतर प्रदर्शन किया है। स्वच्छ शहरों की सूची में रीवा नगर निगम ने पिछले वर्ष मिली रैंक से 13 नंबर आगे बढ़कर 42वां स्थान हासिल किया है।

Update: 2024-01-12 05:05 GMT

स्वच्छता सर्वेक्षण 2023: स्वच्छता की परीक्षा में रीवा शहर ने पिछले साल से बेहतर प्रदर्शन किया है। गुरुवार को घोषित स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 के परिणाम में देश के सबसे स्वच्छ शहरों की सूची में रीवा नगर निगम ने पिछले वर्ष मिली रैंक से 13 नंबर आगे बढ़कर 42वां स्थान हासिल किया है, जबकि प्रदेश में 10वें स्थान पर है। 2022 की परीक्षा में रीवा देशभर में 55वें स्थान पर था। इस साल रैंकिंग में सुधार होने के चलते पूरे शहर के लोगों ने प्रसन्नता जाहिर की है।

स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 सर्वे के लिए तय 9500 अंक में से रीवा को 7064.30 मिले

  • सिटीजन वाइस - 2170/1816.12
  • सर्विस लेवल प्रोग्रेस - 4830/3798.2
  • सर्टिफिकेशन - 2500/१४५०
  • (क) स्टार रेटिंग - 1375/725
  • (ख)ओडीएफ - 1125/725

स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में रीवा सिटी का रिपोर्ट कार्ड

  • डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन - 99
  • छांटे गए कचरे का दोबारा उपयोग - 98
  • अपशिष्ट उत्पादन का प्रसंस्करण - 90
  • डंप साइट के कचरे का ट्रीटमेंट - 00
  • आवासीय क्षेत्र में सफाई - 87
  • व्यवसायिक क्षेत्र में सफाई- 87
  • जल संरचनाओं की सफाई - 75 
  • पब्लिक टॉयलेट्स की सफाई - 100 

पिछले वर्ष की रैंकिंग में तकनीकी त्रुटियां भी थी

रीवा नगर निगम की पिछले वर्ष रैंकिंग में तकनीकी त्रुटियां भी हो गई थी। जिससे पहले चरण के जारी परिणाम में देशभर में 97वें रैंक मिली थी। रीवा के समकक्ष शहरों में 75वां स्थान था। इसमें रीवा को ओडीएफ प्लस प्लस सर्टिफिकेट मिला था जिसके 600 अंक मिले थे लेकिन मुख्य सर्वे में 200 अंक ही जोड़े गए थे। 400 अंक के नुकसान से रैंकिंग काफी नीचे चली गई थी। बाद में तत्कालीन आयुक्त मृणाल मीना ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई तो केन्द्र सरकार ने सुधार कराया और नई रैंकिंग जारी कर रीवा को 55वां स्थान दिया। राज्य स्तर की रैंकिंग में रीवा 19वें स्थान पर था।

अब तक रीवा को मिली रैंकिंग

वर्ष - रैंकिंग

  • 2023 - 42
  • 2022 - 55
  • 2021 - 93
  • 2020 - 116
  • 2019 - 75
  • 2018 - 49
  • 2017 - 38
  • 2016 - 398

नगर निगम ने मानकों के अनुरूप कराए काम

रीवा की स्वच्छता रैंकिंग में बीते कुछ वर्षों से लगातार सुधार हुआ है, जिससे अब संभावना भी बढ़ी है कि आने वाले दिनों में शहर को और बेहतर रैंक हासिल हो सकती है। पूर्व के वर्षों में स्वच्छता के लिए अच्छे काम करने के बाद भी नगर निगम पिछड़ जाता था। इसकी प्रमुख वजह रही कि डाक्यूमेंटेशन जिस तरह से होना चाहिए उस तरह से नहीं हो पाता था। इस बार निगम प्रशासन ने पूरी निगरानी बढ़ाई और आउटसोर्स कंपनी और वालेंटियर्स के साथ मिलकर मानकों के अनुरूप काम कराए। यही वजह रही कि समय पर स्वच्छता सर्वे से जुड़ी जानकारी पोर्टल पर अपलोड की जाती रही।

सर्वे के लिए फील्ड विजिट पर टीम आई तब भी स्वच्छता से जुड़ी व्यवस्थाएं ठीक पाई गईं। बीते कई वर्षों से शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण हो रहा है, जिसके चलते अब शहर के लोगों में अपने शहर को बेहतर स्थान पर लाने के लिए मानसिकता भी बढ़ रही है। लोग स्वयं सर्वे से जुड़े ऑनलाइन फीडबैक में हिस्सा लेने लगे हैं और डोरटूडोर कचरा कलेक्शन में सूखा और गीला कचरा अलग देने लगे हैं। यही कारण रहा कि अन्य वर्षों की तुलना में रीवा को नेशनल और प्रदेश स्तर पर अच्छी रैंक मिली है। इस पूरे सर्वे में देशभर से 4447 शहरों ने हिस्सेदारी की थी।

त्योंथर को छोटे शहरों की श्रेणी में 51वां स्थान मिला

स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 की रैंकिंग में नगर निगम के साथ ही सभी नगरीय निकायों की जारी की गई है। जिसमें रीवा और मऊगंज जिले के नगरीय निकायों की स्थिति ठीक नहीं रही है। त्योंथर के अलावा अन्य सभी की स्वच्छता रैंकिंग मायूष करने वाली है। मऊगंज कुछ महीने पहले ही जिला बना है। नए जिले के मुख्यालय वाले नगर परिषद की रैंकिंग भी मायूष है। इन नगरीय निकायों में स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारियां उसी तर्ज पर प्रारंभ हुई थी जिस तरह से नगर निगम रीवा में हुई थी। रीवा शहर के लोगों ने नगर निगम के कामों में हाथ बढ़ाया और सिटीजन फीडबैक सहित अन्य कामों में सहयोग दिया लेकिन दूसरे निकाय स्थानीय निवासियों को इस अभियान में नहीं जोड़ पाए। यही कारण रहा कि जिले का कोई भी नगरीय निकाय ऐसी रैंक तक नहीं पहुंचा जिससे लोगों में उत्साह कायम हो सके।

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