रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल का बड़ा निर्देश, ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टेड और इनके ऊपर FIR दर्ज करे
कलेक्ट्रेट के मोहन सभागार में नल-जल योजनाओं की प्रगति तथा पेयजल व्यवस्था की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
कलेक्ट्रेट के मोहन सभागार में नल-जल योजनाओं की प्रगति तथा पेयजल व्यवस्था की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने कहा कि जिन नल-जल योजनाओं का कार्य 90 प्रतिशत पूरा हो गया है उनका कार्य 15 मई तक पूरा कराकर उसे ग्राम पंचायत को हैण्डओवर कराएं। शेष नल-जल योजनाओं का कार्य 31 मई तक पूरा कराएं। कार्यपालन यंत्री पीएचई नल-जल योजनाओं की प्रगति की हर सप्ताह रिपोर्ट प्रस्तुत करें। नल-जल योजनाओं के निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्यवाही करें। जिन ठेकेदारों की प्रगति 15 प्रतिशत से कम है तथा समयावधि लगभग पूरी हो रही है उन्हें ब्लैक लिस्टेड करें। प्रत्येक घर को नल का कनेक्शन देने के लिए तैयार कार्ययोजना में जिन गांव की बस्तियाँ छूट गई हैं उनके पूरक प्रस्ताव 15 मई तक अनिवार्य रूप से शासन को प्रेषित करें।
कलेक्टर ने कहा कि जिले में इस वर्ष औसत से कम वर्षा होने के कारण भूजल स्तर में तेजी से गिरावट हो रही है। पेयजल की आपूर्ति के लिए जहाँ तक संभव हो सतही जल का उपयोग करें। हैण्डपंपों में राइजर पाइप लगाने के लिए प्रत्येक विकासखण्ड में पर्याप्त मात्रा में राइजर पाइप उपलब्ध कराएं। साथ ही वाहन एवं अन्य संसाधनों के साथ हैण्डपंप सुधार के लिए दल तैनात करें। विकासखण्ड एवं जिला स्तर पर पेयजल व्यवस्था के लिए बनाए गए कंट्रोल रूम में प्राप्त सूचनाओं पर तत्काल कार्यवाही करें। जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रत्येक ग्राम पंचायत में पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करें। छोटी-मोटी कठिनाई के कारण जो नल-जल योजनाएं बंद हैं उन्हें सुधारकर तत्काल चालू कराएं। पूर्ण नल-जल योजनाओं को ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित कराएं। नल-जल योजनाओं से नल कनेक्शन के बाद ग्राम पंचायत निर्धारित राशि की वसूली करे। लक्ष्य में 70 प्रतिशत से अधिक वसूली करने वाली ग्राम पंचायतों को जिला खनिज मद से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि पूरे जिले में 30 अप्रैल तक अभियान चलाकर अनुपयोगी और खुले बोरवेल बंद कराए गए हैं। राजस्व अधिकारी तथा जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी क्षेत्र में भ्रमण के दौरान इसका सत्यापन करें। यदि अब भी कोई बोरवेल खुला पाया जाता है तो उसके मालिक के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी। साथ ही संबंधित जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के विरूद्ध भी कड़ी कार्यवाही की जाएगी। जिला पंचायत तथा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सभी पूर्ण नल-जल योजनओं का मौके पर सत्यापन कर प्रतिवेदन दें।
बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ सौरभ सोनवणे ने कहा कि कार्यपालन यंत्री पीएचई सभी ठेकेदारों से नल-जल योजना के लिए बिजली कनेक्शन के प्रस्ताव आज ही प्राप्त कर लें। इसे अधीक्षण यंत्री विद्युत मण्डल को प्रस्तुत कर तत्काल कनेक्शन की कार्यवाही कराएं। ग्रामीण क्षेत्र में निर्माण कार्यों से नल-जल योजना की पाइपलाइन क्षतिग्रस्त न हो इसके लिए मानक प्रक्रिया तथा निर्देश जारी कराएं। जिन निर्माण एजेंसियों ने पाइपलाइन क्षतिग्रस्त की है उनसे सुधार कराया जाएगा। नल-जल योजना के ठेकेदार भी पाइपलाइन में सुधार के बाद ही ग्राम पंचायत को हैण्डओवर करें।
बैठक में कार्यपालन यंत्री पीएचई संजय पाण्डेय ने बताया कि जिले में जल जीवन मिशन के तहत 427 नल-जल योजनाएं स्वीकृत हैं। इनमें से 237 का निर्माण कार्य पूरा हो गया है तथा 62 ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित कर दी गई हैं। जिले में वर्तमान में 209 नल-जल योजनाओं का कार्य प्रगति पर है। जिले में बिगड़े हैण्डपंपों के सुधार के लिए प्रत्येक विकासखण्ड में समुचित व्यवस्था की गई है। जिन नल-जल योजनाओं का कार्य 60 प्रतिशत पूरा हो गया है उन्हें 31 मई तक शत-प्रतिशत पूरा करके ग्राम पंचायतों को हैण्डओवर कर दिया जाएगा। बैठक में सभी एसडीएम, जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला प्रबंधक जल जीवन मिशन चित्रांशु, पीएचई के अनुविभागीय अधिकारी तथा उपयंत्री एवं संबंधित ठेकेदार उपस्थित रहे।