African Swine Fever: रीवा से अफ्रीकन स्वाइन फीवर की दस्तक, 11 सुअरों में वायरस के संक्रमण की पुष्टि

MP Rewa News: रिपोर्ट आने के बाद सक्रियता से बीमारी की रोकथाम के लिए प्रयास किया जाएगा।

Update: 2022-08-20 06:32 GMT

MP Rewa News: मध्यप्रदेश के रीवा से सुअरों की महामारी अफ्रीकन स्वाइन फीवर ने दस्तक दे दी है। रीवा जिले (Rewa District) से जांच के लिए आए भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान में जांच के लिए आए 11 सैंपलों में से अफ्रीकन स्वाइन फीवर संक्रमण पाया गया। एनआईएचएसडी सूत्रों की माने तो मप्र में अफ्रीकन स्वाइन फीवर (African Swine Fever)  का यह पहला आउटब्रेक है। संस्थान की आरे से जांच रिपोर्ट राज्य शासन को भेज दी गई है।

कैसे चला पता

रीवा जिले के वेटरनरी विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक शहर के वार्ड 15 में धोबिया टंकी इलाके में सुअरों के बीमार होने की जानकारी मिली थी। लक्षणों के आधार पर बीमार सुअरों के सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजे गए थे। वेटरनरी उप संचालक डॉ. राजेश मिश्रा की माने तो उन्हें अभी जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। इस कारण से रोकथाम के लिए अभी कोई कदम नहीं उठाया गया है। रिपोर्ट आने के बाद सक्रियता से बीमारी की रोकथाम के लिए प्रयास किया जाएगा।

मारे जाएंगे सैकड़ो सुअर

ASF Ki Roktham: अफ्रीकन स्वाइन फीवर को नियंत्रित करने की राष्ट्रीय गाइडलाइन के मुताबिक जिस स्थान पर बीमारी का संक्रमण पाया जाता है, उसके एक किलोमीटर के दायरे में मौजूद सुअरों को मार दिया जाता है। जिससे दूसरे जानवरों को बीमारी के संक्रमण से बचाया जा सके। इसके अलावा तीन किलोमीटर के दायरों में सभी जानवरों की सैंपलिंग कर निगरानी करनी होगी। विशेषज्ञों की माने तो सुअरों से दूसरों जानवरों में इस बीमारी से संक्रमित होने का खतरा बना रहता है।

क्या है एएसएफ

African Swine Fever Kya Hai: विशेषज्ञ चिकित्सकों की माने तो यह एक बहुत ही घातक संक्रामक रोग है, यह अफ्रीकन स्वाइन फीवर नामक वायरस के माध्यम से फैलता है। पालतू और जंगली सुअरों दोनो ही इसके शिकार बनते हैं। संक्रमित सुअरों में तीव्र रक्तस्त्रावी बुखार आता है। इसके अलावा बुखार के साथ एनोरेक्सिया, भूख न लगना, त्वचा में रक्तस्त्राव, उल्टी-दस्त भी बीमारी के लक्षण है।

विभाग की लापरवाही आई सामने

African Swine Fever In Rewa: बीते एक माह पूर्व जिले के मऊगंज क्षेत्र में सुअरों के अचानक से बीमारी होने और उसके बाद मौत होने की खबर सामने आई थी। क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक सुअरों की मौत हो गई थी। लेकिन विभाग द्वार मऊगंज क्षेत्र में होने वाली सुअरों की मौत को गंभीरता से नहीं लिया। जब शहर के सुअरों के बीमार होने और मौत के बारे में पता चला तब विभाग द्वारा सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजा गया। मऊगंज में सुअरों की मौत का कारण अगर यह बीमारी हुई तो मामले में हुई देरी कहीं बड़ी घटना की वजह न बन जाए।

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