ललितपुर-रीवा-सिंगरौली रेल लाइन का 90 फीसदी कार्य पूरा, जल्द चलाई जाएगी ट्रेन, जानें क्या है UPDATE?
Lalitpur Rewa Singrauli Railway Line News: मध्यप्रदेश में रीवा-ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन प्रोजेक्ट का कार्य 90 फीसदी पूरा कर लिया गया है। शेष कुछ हिस्सा बचा है जिसमें रेलवे द्वारा पटरी बिछाने का कार्य किया जा रहा है।
Lalitpur Rewa Singrauli Railway Line: मध्यप्रदेश में रीवा-ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन प्रोजेक्ट का कार्य 90 फीसदी पूरा कर लिया गया है। शेष कुछ हिस्सा बचा है जिसमें रेलवे द्वारा पटरी बिछाने का कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही रेलवे की वादाखिलाफी को लेकर चल रहा आंदोलन पटरी बिछाने के काम में रोड़ा बन गया है जिससे कार्य की गति धीमी पड़ गई है। किंतु रेलवे सूत्रों का कहना है कि जल्द ही शेष बचे कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। इससे ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं जल्द ही इस रूट पर लोगों को ट्रेन की सुविधा मिल जाएगी।
गोविंदगढ़ तक किया जा चुका है परीक्षण
ललितपुर-सिंगरौली के बीच रेलवे द्वारा जल्द ही ट्रेन का संचालन प्रारंभ कर दिया जाएगा। हालांकि परीक्षण के तौर पर गोविंदगढ़ तक रेल इंजन चलाया भी जा चुका है। ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन प्रोजेक्ट के संबंध में रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर सौरव कुमार के मुताबिक गोविंदगढ़ तक ट्रेन चलाने के लिए रेलवे द्वारा तेजी के साथ प्रयास किए जा रहे हैं। इसके साथ ही उनका कहना था कि रीवा-गोविंदगढ़ के बीच लगभग 90 प्रतिशत कार्य को पूरा कर लिया गया है। अब केवल पटरी में छोटे-मोटे कार्य ही बचे हैं जिनको भी जल्द ही पूर्ण कर लिया जाएगा। कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी के निरीक्षण के बाद ही ट्रेन चलाने की अंतिम तिथि निर्धारित की जाएगी। इसके पूर्व प्रशिक्षण के तौर पर गोविंदगढ़ तक ट्रेन को चलाया जाएगा।
नौकरी की जगह एकमुश्त राशि देने से बिगड़ा मामला
रीवा-ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन में रेलवे को कई बाधाओं का सामना करना पड़ा किंतु प्रशासनिक सहयोग की वजह से आ रही रुकावटों को दूर करते हुए पटरी बिछाने का कार्य काफी हद तक पूरा कर लिया गया है। अब केवल छुटपुट कार्य ही शेष बचे हैं जिनको भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा। रेलवे की मानें तो जल्द से जल्द गोविंदगढ़ तक ट्रेन संचालित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। यहां पर यह बता दें कि ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन के लिए रीवा से मड़वा तक रेलवे द्वारा भूमि का अधिग्रहण किया गया था। किंतु रेलवे ने नौकरी देने की नीति को वापस ले ली जिसके बाद मामला बिगड़ गया। रेलवे का कहना था कि भूमि अधिग्रहण के बदले रेलवे संबंधितों को एकमुश्त राशि प्रदान करेगा। किंतु भूमि स्वामी नौकरी के लिए अड़े हुए हैं।
17 गांवों की भूमि का हुआ था अधिग्रहण
ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन के लिए रीवा से मड़वा तक 17 गांवों की भूमि का अधिग्रहण रेलवे द्वारा किया गया। पूर्व में रेल मंत्रालय ने रेलवे बोर्ड के माध्यम से यह जानकारी दी थी कि ऐसे भूमि स्वामी जिनकी भूमि रेल लाइन के लिए अधिग्रहीत की गई है उनको नौकरी नहीं दी जाएगी बल्कि प्रभावित किसानों को नौकरी के स्थान पर एकमुश्त राशि दी जाएगी। भारत सरकार के रेलवे बोर्ड एवं पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर द्वारा सूचित करते हुए कहा गया था कि भू-अर्जन के प्रभावित किसानों को अब एकमुश्त राशि पांच लाख रुपए प्रदान किए जाने का प्रावधान किया गया है। जिससे नौकरी का इंतजार कर रहे कुछ लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया और वह आंदोलन की राह पर उतर आए।
आनंदविहार ट्रेन रोकने दी थी चेतावनी
सूत्रों का मुताबिक रेलवे द्वारा भू-स्वामियों से जमीन का अधिग्रहण तो कर लिया गया किंतु अब उन्हें नौकरी नहीं दी जा रही है। ऐसे में जमीन के बदले रेलवे में नौकरी पाने का इंतजार कर लोग आंदोलन पर उतर आए। जिनके द्वारा गत दिनों रीवा रेलवे स्टेशन में आनंदविहार ट्रेन को रोकने की चेतावनी भी दी गई थी। जिसके बाद जिला प्रशासन द्वारा रेलवे स्टेशन में धारा 144 लागू करते हुए सख्त हिदायत भी दी गई थी। फिलहाल रेलवे अब इस मामले के ठंडा होने का इंतजार कर रहा है।