तेज तर्रार युवा IPS नवनीत भसीन रीवा के पुलिस कप्तान होंगे, कार्यशैली ऐसी की नाम से कांपने लगते हैं अपराधी
शनिवार को राज्य में 27 आईएएस और 34 आईपीएस अफसरों के तबादले किए गए हैं. रीवा पुलिस की कमान 2009 बैच के IPS नवनीत भसीन को सौंपी गई है.
रीवा. शनिवार को राज्य में 27 IAS और 34 IPS अफसरों के तबादले किए गए हैं. रीवा पुलिस की कमान 2009 बैच के IPS अधिकारी नवनीत भसीन (IPS Navneet Bhasin) को सौंपी गई है. वहीं रीवा एसपी (Superintendent of Police) रहे राकेश कुमार सिंह को सेनानी, 13वीं वाहिनी, विसबल, ग्वालियर का दायित्व सौंपा गया है. इसके साथ ही रीवा जोन के पुलिस महानिरीक्षक उमेश जोगा का तबादला जबलपुर रेंज में कर दिया गया है एवं उनके स्थान पर 1995 बैच के IPS अफसर केपी वेंकटेश्वर राव (IPS KP Venkateswara Rao) को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रीवा जोन बनाकर भेजा गया है.
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कौन हैं IPS नवनीत भसीन
नवनीत भसीन मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के निवासी एवं 2009 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अफसर हैं. 1979 में जन्मे आईपीएस नवनीत भसीन को सहायक पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस मुख्यालय (PHQ), भोपाल से रीवा पुलिस अधीक्षक पद के लिए तबादला कर भेजा गया है.
इसके पहले नवनीत भिंड, खंडवा और ग्वालियर जैसे जिलों में पुलिस अधीक्षक का पद सम्हाल चुके हैं. पदस्थापना वाले जिलों में बतौर एसपी उन्होंने अपराध पर काफी अंकुश लगा दिया था. नवनीत तेज तर्रार पुलिस अफसरों में गिने जाते हैं. ग्वालियर में उनकी पदस्थापना के दौरान अपराध के ग्राफ में 45 फीसदी तक की गिरावट देखी गई थी. जब उन्हें ग्वालियर में पदस्थ किया गया था, तब जिले में अपराध अपनी चरम पर था. लेकिन उनके आने के बाद नशे, हथियार की तस्करी से लेकर आपराधिक प्रवृत्ति तक के लोग जल्द ही पुलिस के खौफ में आ गए थें.
तबादला रुकवाने सड़क पर उतर आई थी जनता
कुछ ही ऐसे अफसर होते हैं जो जनता के चहते बन जाते हैं. 30 नवंबर 2016 को भिण्ड जिले के तत्कालीन एसपी नवनीत भसीन तबादले को लेकर भी देखने को मिला जहां लोग सड़क पर उतर आए थें और स्वेच्छा से अपनी दुकाने बंद रखकर एसपी भसीन के तबादला रुकवाने की मांग करने लगे. हालांकि उनका तबादला रोका नहीं था और खंडवा में एसपी के रूप में पदस्थ कर दिया गया। जैसे कटनी के लोग आईपीएस गौरव तिवारी के लिए प्रदर्शन कर रहे थें वैसे ही भिंड शहर के लोग, खासतौर से युवा 30 नवबंर 2016 को सड़क पर उतरकर एसपी भसीन का तबादला रुकवाने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे. लोगों का कहना था नवनीत भसीन के एसपी पद में आने के बाद बदमाशों और अपराधियों से जिले को छुटकारा मिल गया है. हम उन्हें नहीं जाने देंगे.
जनता के साथ मधुर संबंध
आईपीएस नवनीत भसीन का मानना है कि पुलिस अधिकारियों से लेकर पुलिस कर्मियों तक सभी को जनता के साथ मधुर सम्बन्ध रखना चाहिए. भसीन कहते हैं कि हम सभी जनता की सेवा और उनकी रक्षा के लिए पुलिस की सर्विस में आए हैं. इसलिए जनता के साथ घुल मिलकर और उनके अपनेपन के साथ ही किसी भी स्थान की क़ानून व्यवस्था दुरुस्त की जा सकती है.
रीवा वासियों को नए एसपी से उम्मीद
रीवा लंबे अर्से से नशाखोरी, नशा तस्करी, अवैध हथियारों की तस्करी से जूझ रहा है, जिस पर पुलिस न तो लगाम लगा पा रही है और न ही ऐसे लोगों के विरूद्ध कार्रवाई कर पा रही है. तत्कालीन एसपी आकाश जिंदल ने कुछ हद तक अपने कार्यकाल में रीवा की क़ानून व्यवस्था दुरस्त कर दी थी, लेकिन उनका तबादला होने के बाद वापस अपराधियों के हौसले बुलंद हो गए. एसपी राकेश कुमार सिंह ने भी नशे पर लगाम लगाने की कोशिश की, कई अभियान चलाएं, नशे की खेप पकड़ने में सफल रहें, लेकिन वे भी नशे के तस्करों की गिरेबान तक पहुँच पाने में असफल रहें.
महिलाएं सुरक्षित नहीं
पुलिस और क़ानून का खौफ ख़त्म हो चुके रीवा जिले की जनता को अब नवनीत भसीन से काफी उम्मीदें हैं. क्योंकि पिछले कुछ सालों में रीवा ऐसा जिला बन गया है, जहां महिलाएं दिन में भी सुरक्षित नहीं हैं. राह चलते महिलाओं के साथ चैन स्नैचिंग हो रही है, उनके साथ छेड़खानी हो जाती है. लेकिन पुलिस ऐसे कृत्य करने वालों तक नहीं पहुंच पाती और न ही महिलाओं की सुरक्षा कर पाती है.
नशा और अपराध अपने चरम पर
रीवा में क़ानून का खौफ इस कदर ख़त्म हो चुका है की युवावर्ग नशीली सिरप, शराब, गांजे में लिप्त हो चुका हैं और पढ़ने, नौकरी करने की उम्र में वह आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो जाता है. सीमापार राज्य से आ रही अवैध हथियारों पर भी रीवा पुलिस अंकुश लगा पाने में नाकाम रही है. जिसकी वजह से कभी भी और कहीं भी हथियारबंद अपराधी वारदात को अंजाम देकर रफूचक्कर हो जाते हैं.
कई चुनौतियों का सामना करना होगा
आईपीएस नवनीत भसीन को ऐसे ही कई चुनौतियों का सामना रीवा में करना है और अपने पुलिसिया अंदाज से क़ानून को हांथ में लेने वाले बेख़ौफ़ अपराधियों से रीवा और रीवा की जनता को सुरक्षित करना है. लंबे समय से गहरी नीद में सोए पुलिस तंत्र को एक बार फिर एक्टिव करना होगा. मुखबिर तंत्र को एक्टिव करना होगा. आदतन अपराधियों में लगाम लगाने के लिए उचित कदम उठाने समेत पुलिस और जनता के बीच मधुर सम्बन्ध स्थापित कराना भी उनके लिए बड़ी चुनौती होगी.