रीवा के लोक अदालत में निपटाये गये 1607 प्रकरण, 9 करोड़ 76 लाख 45 हजार रूपये के अवार्ड पारित
रीवा जिला न्यायालय परिसर में आज आयोजित लोक अदालत का शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष आरसी वाष्र्णेय ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
रीवा। जिला न्यायालय परिसर में आज आयोजित लोक अदालत का शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष आरसी वाष्णेय ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
उन्होंने कहा कि लोक अदालत में आपसी सुलह एवं समझौते के आधार पर प्रकरणों का निराकरण किया जाता है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि जिला न्यायालय के साथ ही तहसील स्तर में भी अदालतों का गठन कर प्रकरणों का निराकरण किया गया है।
उन्होंने बताया कि जिला एवं तहसील न्यायालयों में कुल 47 खण्डपीठों का गठन कर एक हजार 607 प्रकरणों का निराकरण कर 9 करोड़ 76 लाख 45 हजार 185 रूपये की समझौता राशि पारित की गई। इसके पूर्व मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री प्रकाश श्रीवास्तव ने लोक अदालत का ऑनलाइन शुभारंभ किया।
इस अवसर पर विशेष न्यायाधीश एवं राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रभारी उमेश पांडव, प्रधान न्यायाधीश श्री वाचस्पति मिश्रा, प्रथम जिला न्यायाधीश श्री गिरीश दीक्षित, द्वितीय जिला न्यायाधीश श्री संजीव सिंघल, तृतीय जिला न्यायाधीश श्री सुधीर सिंह रौठार, चतुर्थ जिला न्यायाधीश श्री राजेन्द्र शर्मा, नवम जिला न्यायाधीश श्री नरेन्द्र कुमार गुप्ता, सप्तम जिला न्यायाधीश सुबोध कुमार विश्वकर्मा, 13वें जिला न्यायाधीश श्री उपेन्द्र देशवाल, ग्यारवें जिला न्यायाधीश श्री मुकेश यादव, पंचम जिला न्यायाधीश श्री विवेकानंद त्रिवेदी, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी श्री आशीष ताम्रकार, जिला रजिस्ट्रार महेन्द्र कुमार उइके, न्यायाधीश श्री शशांक सिंह, न्यायाधीश श्री तथागत याज्ञनिक, न्यायाधीश सुश्री रीतिका शर्मा, श्री सचिन साहू, सुश्री श्वेता परते, सुश्री कंचन चौकसे, सुश्री रेशमा खातून, श्रीमती पद्मिनी सिंह, श्री मनोरम तिवारी, श्रीमती ऋचा चिंह, श्री अजय कुमार नागेश, श्री संजीव रहंगडाले, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री अभय कुमार मिश्रा सहित अधिवक्ता व पक्षकार उपस्थित रहे।
जिला विधिक सहायता अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में आपसी समझौते के तहत प्रिलिटिगेशन के 1054 प्रकरण तथा 553 लंबित प्रकरणों का निराकरण किया गया।
उन्होंने बताया कि लोक अदालत में दाण्डिक के 65 तथा पारिवारिक विवाद के 27 प्रकरण निपटाये गये। इसी प्रकार चेक बाउंस के 84 प्रकरणों में एक करोड़ 78 लाख 14 हजार 239 रूपये की समझौता राशि, मोटर क्लेम के 107 प्रकरणों में दो करोड़ 86 लाख 17 हजार 100 रूपये की समझौता राशि, सिविल के 37 प्रकरणों में 79 लाख 17 हजार 969 रूपये की समझौता राशि पारित की गई।
विद्युत के लंबित 197 प्रकरणों में 35 लाख 15 हजार 690, रूपये की समझौता राशि, श्रम के 6 प्रकरणों में 15 लाख 85 हजार 460 रूपये की समझौता राशि, विद्युत प्रिलिटिगेशन के 84 प्रकरणों में 8 लाख 72 हजार 363 रूपये की समझौता राशि, बैंक प्रिलिटिगेशन के 407 प्रकरणों में 2 करोड़ 43 लाख 70 हजार 594 रूपये की समझौता राशि, जल कर प्रिलिटिगेशन के 469 प्रकरणों में 11 लाख 28 हजार 603 रूपये की समझौता राशि, अन्य लंबित 30 प्रकरणों में एक करोड़ 14 लाख 49 हजार 726 रूपये की समझौता राशि तथा अन्य प्रिलिटिगेशन के 94 प्रकरणों में 3 लाख 73 हजार 441 रूपये की समझौता राशि पारित की गई।