रीवा के सेंट्रल जेल से गणतंत्र दिवस पर 16 कैदियों को मिली रिहाई, 20 साल की सज़ा पूरी करने के बाद लौटे घर
रीवा की केंद्रीय जेल से 16 कैदियों को गणतंत्र दिवस के अवसर पर रिहा किया गया। ये सभी कैदी आजीवन कारावास की सज़ा काट रहे थे और उन्होंने 20 साल की सज़ा पूरी कर ली थी।;
गणतंत्र दिवस के अवसर पर रीवा की केंद्रीय जेल से 16 कैदियों को रिहा किया गया। यह उन कैदियों के लिए एक खास तोहफा था जो आजीवन कारावास की सज़ा काट रहे थे। इन कैदियों ने 14 साल की सज़ा और 6 साल की माफ़ी मिलाकर कुल 20 साल की सज़ा पूरी कर ली थी।
कैदियों को मिला प्रशिक्षण
जेल अधीक्षक एस.के. उपाध्याय ने बताया कि इन कैदियों को जेल के अंदर ही उद्योग और ट्रेनिंग सेंटर से प्रशिक्षण दिया गया है ताकि वे रिहा होने के बाद खुद का रोज़गार शुरू कर सकें। इसके साथ ही, ज़िला प्रशासन को भी इन कैदियों के पुनर्वास के लिए योजनाओं का लाभ देने के लिए कहा गया है।
किन-किन ज़िलों के थे कैदी?
रिहा किए गए कैदियों में से 5 अनूपपुर ज़िले से, 5 रीवा से, 2 शहडोल से और सिंगरौली, चित्रकूट, सीधी और उमरिया से 1-1 कैदी थे। इनमें 15 पुरुष और 1 महिला शामिल थी।
इन्हें मिली रिहाई
- मृदंग सिंह उर्फ मकोले सिंह उर्फ मोलई पिता रणजीत सिंह (37)
- रामकुमार कोल पिता हीरालाल कोल (39)
- राजा राम सहीश पिता लालचन्द्र सहीश (73)
- जाकिर हुसैन उस्मानी पिता मजहर उस्मानी (41)
- रामकेश उर्फ रजऊआ यादव पिता परसन यादव (71)
- नगीना यादव पिता भीकम यादव (44)
- चंद्रिका पिता बांकेलाल पाल (43)
- रामसुमिरन बैगा पिता भागवत बैगा (66)
- हजारी पनिका पिता बुध्दू पनिका (42)
- रामबहोर उर्फ लाला यादव पिता चंदीदीन यादव (52)
- रज्जन सिंह पिता मनफेर सिंह (46)
- कोमल महरा पिता रामकुमार महरा (36)
- रामधनी चेरवा उर्फ चुल्लू पिता रामसहाय अगरिया (41)
- सीमा उर्फ बुटान पति भीमसेन साकेत (54)
- सीताशरण पिता रामरतन खैरवार (54)
- रामलाल उर्फ ललुआ पिता जनकू लोहार (61)
आजीवन कारावास से मुक्ति
इन कैदियों के लिए गणतंत्र दिवस और भी खास था क्योंकि उन्हें आजीवन कारावास से मुक्ति मिल गई। अब वे समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर एक नई ज़िंदगी की शुरुआत कर सकते हैं।