रीवा: विवि की 511 हेक्टेयर भूमि पर 13 लोगो ने किया अतिक्रमण, प्रबंधन ने प्रशासन को भेजा पत्र

Rewa MP News: अवधेश प्रताप विश्वविद्यालय की 511 हेक्टेयर भूमि पर 13 अतिक्रमणकारियों ने अतिक्रमण कर रखा है। जबकि विवि प्रबंधन द्वारा जमीन की राशि न्यायालय में जमा करा दी है।

Update: 2022-10-21 08:14 GMT

Rewa MP News: अवधेश प्रताप विश्वविद्यालय की 511 हेक्टेयर भूमि पर 13 अतिक्रमणकारियों ने अतिक्रमण कर रखा है। जबकि विवि प्रबंधन द्वारा जमीन की राशि न्यायालय में जमा करा दी है। इसके बाद भी विवि को अभी तक अपनी जमीन नहीं मिल पाई है। अब एक बार फिर से विवि प्रबंधन ने अपनी जमीन पाने के लिए विवि प्रबंधन को पत्र लिखा है। अब विवि को अपनी जमीन मिल पाएगी या नहीं यह तो आने वाले में समय में ही पता चल पाएगा। इतना तो तय है कि जमीन न मिल पाने से विवि का विकास कार्य रूका हुआ है।

क्या है मामला

बताया गया है कि विवि प्रबंधन ने 2008 में अनंतपुर के 13 किसानो ने तकरीबन 511 हेक्टेयर जमीन ली थी। प्रशासन के आदेश के बाद किसान अपनी जमीन देने को राजी भी हो गए थे। जमीन लेने के बाद विवि प्रबंधन ने नियमों का पालन करते हुए जमीन के बदले तकरीबन 2 करोड़ 56 लाख रूपए न्यायालय में जमा करा दिया।

विवि द्वारा जमीन के बदले पैसा न्यायालय में जमा कराने के बाद भी अभी तक किसानों ने जमीन पर कब्जा कर रखा है। कई बार किसानों को नोटिस देकर जमीन से कब्जा छोड़ने के लिए कहा गया। लेकिन किसानो ने जमीन नहीं छोड़ी, यहां तक कि किसानों ने जमीन पर मकान भी बना लिया है। इसी कड़ी में विवि प्रबंधन द्वारा पत्र लिख कर प्रशासन से जमीन खाली कराने में सहयोग मांगा है।

9 किसानों ने नहीं लिया पैसा

विवि प्रबंधन के अधिकारियों की 13 किसानों की जमीन के बदले 2 करोड़ 56 लाख की राशि न्यायालय में जमा करा दी गई थी। इन 13 किसानों में से 9 किसानों ने जमीन के बदले दिया जाने वाले पैसा नहीं लिया है, जबकि चार किसानों को भू अर्जन अधिकारी द्वारा तकरीबन 33 लाख रूपए दे दिए गए है। विडंबना तो यह है कि पैसा लेने वाले चार किसानां ने भी जमीन से अधिपत्य नहीं छोड़ा। जमीन पर अन्य किसानां की तरह कब्जा कर रखा है।

नहीं बन पा रहा शैक्षणिक भवन

विवि के अधिकारियों की माने तो जमीन न मिल पाने के कारण शैक्षणिक भवन का निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा है। प्रशासन द्वारा सही तरीके से सहयोग भी नहीं किया जा रहा। फिर से पत्र लिख कर प्रशासन से हस्तक्षेप कर सहयोग मांगा गया है।

वर्जन

विवि की 511 हेक्टेयर भूमि में 13 लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। जबकि जमीन का पैसा न्यायालय में 2017 में ही जमा करा दिया गया था। प्रशासन को इस संबंध में पत्र भेजा गया है।

यादवेन्द्र सिंह चौहान, यंत्री एपीएसयू रीवा

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