रीवा में पुलिस पर फायरिंग करने वाले को 10 साल का कारावास, न्यायालय ने सुनाया फैसला

हत्या के प्रयास, अपहरण व डकैती के आरोपी को रीवा न्यायालय ने कारावास व अर्थदंड से दंडित किया है।

Update: 2024-05-11 10:02 GMT

रीवा। हत्या के प्रयास, अपहरण व डकैती के आरोपी को न्यायालय ने कारावास व अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड जमा न करने पर उसे अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी।

1 मार्च 2018 को पनवार थाने की पुलिस ने आर्म्स एक्ट में फरार आरोपी भागवेन्द्र सिंह को पकडने के लिए घेराबंदी की। जैसे ही पुलिस पहुंची तो आरोपी ने अपनी पिस्टल से पुलिस पर फायर कर दिया। उसने पांच फायर किए जिसमें एक गोली आरक्षक सुनील मर्सकोले की ऊंगली पर लगी। बाद में आरोपी फायर करते हुए गांव से भाग गया।

आरक्षक की शिकायत पर पनवार थाने में हत्या के प्रयास का मामला दर्ज हुआ और जांच के उपरांत धारा 332 व डकैती अधिनियम की धारा बढ़ाई गई। आरोपी को गिरफ्तार कर पुलिस ने न्यायालय में पेश किया। मामले की विवेचना कर चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया। अतिरिक्त विशेष न्यायाधीश विक्रम सिंह के न्यायालय में सुनवाई हुई।

अभियोजन की ओर से पैरवी लोक अभियोजक शशि तिवारी ने की। न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुना और आरोपी को पुलिस पर हमले का दोषी मानते हुए उसे दस वर्ष के कारावास व अर्थदंड से दंडित किया है।

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