Maharana Pratap Jayanti 2022: महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़े रोचक तथ्य
Maharana Pratap Jayanti 2022: इतिहास का एक ऐसा योद्धा जिसके हाथों में अपार बल था, अपराजेय महाराणा प्रताप के बाहुबल की गाथाएं आज सदियों बाद भी प्रासंगिक हैं।
Maharana Pratap Jayanti 2022: भारत के महान योद्धा (Great indian warrior) महाराणा प्रताप सिंह (Maharana Pratap) की आज 482 वीं जयंती मनाई जा रही है। महाराणा प्रताप उत्तर-पश्चिम भारत के मेवाड़, राजस्थान के राजपूत राजा थे। जिनका जन्म 9 मई 1540 को एक राजपूत परिवार में हुआ था। उनके पिता उदय सिंह द्वितीय (Maharana Pratap Father) मेवाड़ वंश के 12 वें शासक और उनकी राजधानी चित्तौड़ थी। उदय सिंह द्वितीय उदयपुर के संस्थापक भी थे।
महाराणा प्रताप अपने परिवार में सबसे बड़े बच्चे थे। उनके तीन भाई और दो सौतेली बहन थी। महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) ने अपने जीवन काल में मुगलों के अतिक्रमण के खिलाफ अनेकों लड़ाइयां लड़ी, जिसमें हल्दीघाटी की लड़ाई (Battle of Haldighati) उनकी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही। महाराणा प्रताप की जयंती के ऊपर आज हम आपको महाराणा प्रताप के कुछ अनसुने तथ्य (Facts about Maharana Pratap) के बारे में बताएंगे।
●महाराणा प्रताप का जन्म (Maharana Pratap Birth Date) 9 मई 1540 में कुंभलगढ़, राजस्थान में हुआ था। वह मेवाड़ के 13 वें राजा और उदय सिंह द्वितीय के ज्येष्ठ पुत्र थे।
● महाराणा प्रताप के घोड़े का नाम चेतक (Maharana Pratap Horse Name) था। युद्ध के दौरान चेतक ने किले से छलांग लगा दी थी। जिसके बाद वह घायल हो गया और कुछ दिन बाद चेतक की मृत्यु (How did Chetak die?) हो गई।
●महाराणा प्रताप का वजन (Maharana Pratap Weight) 110 किलो था। और वह 7 फुट 5 इंच लंबे थे (Maharana Pratap Hight)। उनके सीने के कवच का वजन 72 किग्रा (Maharana Pratap Armour Weight) और उनके भाले का वजन (Maharana Pratap Spear Weight) 81 किग्रा था। महाराणा प्रताप की ढाल, भाला, दो तलवारें और कवच का कुल वजन लगभग 208 किलो था (Maharana Pratap Total Weight With Weapons)।
● महाराणा प्रताप के 11 पत्नियां, पांच बेटियां और 17 बेटे थे (Maharana Pratap Family)। उनकी पत्नियों के नाम अजबदे पंवार, रानी चंपाबाई झाटी, रानी लखनबाई, रानी शाहमति हाड़ा, रानी रतावतीबाई परमार, रानी अमर बाई राठौड़, रानी सोलंखिनीपुर बाई, रानी फुल बाई राठौड़, रानी जसोबाई चौहान, रानी आलमदेबाई चौहान और रानी खिचर आशाबाई।
● मेवाड़ राज्य की एक अस्थाई सरकार उदय सिंह और उनके औजदरबारियों द्वारा गोगुंदा में स्थापित की गई थी ।
● 1572 में उदय सिंह के निधन के बाद, रानी धीरबाई में उदय सिंह के सबसे बड़े बेटे को ताज पहनाया जाने का ऐलान किया था। लेकिन वरिष्ठ दरबारियों ने प्रताप को गद्दी पर बैठाया।
महाराणा प्रताप को चेतक के अलावा रामप्रसाद (Maharana Pratap Elephant ) नाम का हाथी भी बहुत प्रिय था। राजा मानसिंह ने रामप्रसाद को पकड़ने के लिए सात हाथियों को तैनात किया था।
● इतिहासकारों के अनुसार, हल्दीघाटी का युद्ध अब तक की लड़ी गई सबसे भीषण लड़ाइयों में से एक था। जिसमें मुगल सेना ने राजपूत सेना को हरा दिया था।
● महाराणा प्रताप ने मुगल शासक अकबर के खिलाफ कई लड़ाइयां लड़ी, अन्य पड़ोसी राजपूत शासकों के विपरीत महाराणा प्रताप ने बार-बार शक्तिशाली मुगलों के सामने झुकने से इंकार कर दिया और वह अंतिम सांस तक साहस पूर्वक मुगलो से लड़ते रहें। राजपूत वीरता, परिश्रम और वीरता के प्रतीक महाराणा प्रताप मुगल सम्राट अकबर की ताकत से लड़ने वाले एकमात्र राजपूती योद्धा थे। महाराणा प्रताप सिंह को पहला स्वतंत्रता सेनानी माना जाता है।
19 जनवरी 1597 को महाराणा प्रताप का निधन हो गया (Maharana Pratap Death)।