सीधी: धोखाधड़ी मामला, अभी तक बरामद नहीं हो पाया एटीएम का कैश, पुलिस जगह-जगह दबिश दे रही
सीधी (विपिन तिवारी ) । बीते दिनों एटीएम कैश में हुई धोखाधड़ी का मामला सामनें आया। एटीएम कैश मामला आज भी संदेहास्पद बना हुआ है।एटीएम में कैस डालने के काम में लगी कंपनी सीएमएस के कर्मचारियों द्वारा करोड़ों रुपए की नगदी की धोखाधड़ी किए जाने के मामले के अभी भी कई रहस्य की परतें खुलनी बाकी हैं। बैंक एवं पुलिस के आला अफसर उक्त प्रकरण की सही जानकारी अभी तक मीडिया को उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं। पूरा मामला सवालों के घेरे में है।
आरोपी बाइक से भागे थे
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस मामले के गिरफ्तार आरोपी एटीएम एजेंसी के कर्मचारी कैश बैन को सीधी में छोंडकर बाईक से सिंगरौली गये थे और वहां से स्विफ्ट कार किराए से लेकर बनारस चले गये। बनारस से लौटते समय सीधी पुलिस द्वारा उनका उत्तर प्रदेश में ही पीछा किया जा रहा था जिसकी सूचना पर मिलने पर सिंगरौली पुलिस ने धर दबोचा था।
एटीएम में कैश डालने के नाम पर पिछले कई महीनों से एटीएम एजेंसी के कर्मचारियों द्वारा लगातार धोखाधड़ी की जाती रही परंतु काफी समय बाद बैंकर्स होश में आए और उनके द्वारा सिटी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गयी। रिपोर्ट दर्ज कराने की देरी पर अब बैंक कर्मचारी एटीएम की ऑडिट में देरी होने की बात कह रहे हैं। अभी तक मात्र 8 एटीएम की ऑडिट होने की बात सामने आ रही है। बैंक के सूत्रों की मानें तो यह घोटाला मात्र 4 सितंबर का है। 3 सितंबर को भी कैश में गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। हालांकि बैंकर्स द्वारा ये भी बात सामने आ रही है कि 10 जनवरी के बाद से अभी तक एटीएम्स में डाली गयी संपूर्ण नकदी की ऑडिट नहीं हो पाई है। 8 माह की ऑडिट होने के बाद ही इस कंपनी के द्वारा कितनी-कितनी खयानत की गयी है इसका खुलासा हो पाएगा।
गिरफ्तारी के वक्त ढाई लाख की खबर
अपुष्ट सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक सीधी पुलिस की सूचना पर सिंगरौली में जब आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया तो उनके पास मात्र ढाई लाख रुपए ही थे। शेष राशि कहां गयी इसका कोई खुलासा अभी तक पुलिस के द्वारा नहीं किया जा सका है।
पुलिस की दबिश जारी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरोपियों के द्वारा बताये गये स्थानों में पुलिस द्वारा दबिश दी जा रही है एवं कैश की बरामदी की जा रही है। जल्द ही इसका पूरा खुलासा कर दिया जाएगा।
बैंक के कर्मचारियों का कहना है कि सीएमएस की वैन पूरे सुरक्षा व्यवस्था के साथ कैश डालने जाती थी। सवाल यह उठता है कि इतनी सुरक्षा के बाद भी करोड़ों का कैश कैसे चोरी हो गया। अभी तक इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है कि कैश वैन के साथ दो या उससे अधिक लोग साथ में आते थे। सीधी से कैश लेकर ये लोग किस रास्ते से उत्तर प्रदेश पहुंचे और फिर वापस बीजापुर के रास्ते से क्यों सिंगरौली वापस आए। एटीएम कैश घोटाले के कई रहस्यों से पर्दा उठना अभी भी बाकी है।