बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री बोले- ज्ञानवापी शिव मंदिर है, मस्जिद कहना बंद करो
एक तरफ ज्ञानवापी के ASI सर्वे में यहां मंदिर होने के प्रमाण मिल रहे हैं और दूसरी तरफ ज्ञानवापी में मंदिर घोषित किया जा रहा है
Dhirendra Shastri On Gyanvapi: पर्चे में लोगों को कच्चा-चिट्ठा लिख देने वाले बागेश्वर बालाजी धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री भी ज्ञानवापी मामले में कूद पड़े हैं. उन्होंने वाराणसी में मौजद ज्ञानवापी को भगवान शिव जी का मंदिर बताया है और ज्ञानवापी को मस्जिद कहने का विरोध जताया है.
धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री रामकथा के लिए मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा पहुंचे थे. सोमवार 7 अगस्त को रामकथा करने के लिए एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ ने उन्हें निमंत्रण दिया था. इसी दौरान धीरेन्द्र शास्त्री की बाइट लेने के लिए मीडिया भी पहुंच गई. मीडिया ने धीरेन्द्र कृष्ण से नूह हिंसा और ज्ञानवापी को लेकर प्रश्न किए
धीरेन्द्र शास्त्री ज्ञानवापी पर क्या बोले
धीरेन्द्र शास्त्री से पुछा गया: ज्ञानवापी मस्जिद के ASI सर्वे पर आप क्या कहेंगे?
उन्होंने जवाब में कहा-: ज्ञानवापी मस्जिद नहीं है, पहले तो ये कहना बंद करिये, ज्ञानवापी भगवान शिव का मंदिर है.
कहा जा रहा कि धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री कमलनाथ के बुलावे पर रामकथा करने पहुंचे हैं. लेकिन कमलनाथ ने निमंत्रण वाली बात से इंकार किया है. उन्होंने कहा है “उन्हें मैंने नहीं बुलाया. बागेश्वर बाबा ने खुद अपना कार्यक्रम बनाया है, मैंने अखबारों में पढ़ा कि उनका विचार बना तो हमने कहा- आइए, स्वागत है.”
हालांकि इससे पहले एक कार्यक्रम में कमलनाथ ने खुद कहा था कि- "मैंने काफी समय से महाराज जी से निवेदन किया, आप छिंदवाड़ा आइए और हमारा सौभाग्य है कि महाराज जी ने छिंदवाड़ा की धरती पर अपना पैर रखा."
बता दें कि कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की राम कथा सुनने पहुंचे थे. लेकिन अब लोग सवाल उठा रहे हैं कि धीरेन्द्र कृष्ण तो हमेशा हिन्दू राष्ट्र की बात करते हैं, और कांग्रेस हमेशा से हिन्दू राष्ट्र के कांसेप्ट के खिलाफ रही है, तो कोंग्रेसी हिन्दू राष्ट्र की विचारधारा रखने वाले के आगे क्यों नतमस्तक हो जाते हैं?