अगर नहीं रोते है आप तो तुरंत शुरू करे रोना, होंगे अंजान फायदे
मनुष्य कई सारे भावनाओं को अपने अंदर बसाकर रखता है कुछ भावनाओं को प्रदर्शित करता है वही कुछ को समाज से छुपाता है। ऐसा ही एक भाव है अपनी पीड़ा दर्द को दर्शाने का जिसे आंसुओं के जरिए प्रकट किया जाता है जिसे हम बोलचाल की भाषा में रोना कहते हैं।
मनुष्य कई सारे भावनाओं को अपने अंदर बसाकर रखता है कुछ भावनाओं को प्रदर्शित करता है वही कुछ को समाज से छुपाता है। ऐसा ही एक भाव है अपनी पीड़ा दर्द को दर्शाने का जिसे आंसुओं के जरिए प्रकट किया जाता है जिसे हम बोलचाल की भाषा में रोना कहते हैं। हालांकि हमारे समाज में यह मानसिकता बना दी गई है कि जो व्यक्ति रोता है वह कमजोर है बचपन से ही हमें यह सिखाया जाता है कि रोने से व्यक्ति कमजोर होता है और कमजोर दिखता है जिसके कारण हम पूरे जीवन अपने इस भावना को छुपाते फिरते हैं।
हम यह कोशिश करते हैं कि कोई भी हमें रोता देख कमजोर ना समझे। मगर यह तो एक सामाजिक पहलू है मगर क्या आप यह जानते हैं कि रोने के हमारे शरीर पर मात्र सकारात्मक प्रभाव ही पड़ते हैं ना कि नकारात्मक, रोने की क्रिया से हमारे शरीर को कई सारे फायदे मिलते हैं आज हम आपको कुछ उन्हीं फायदों के बारे में बताएंगे।
मेडिकल न्यूज टुडे की रिपोर्ट कहती है आंसू तीन तरह से निकलते हैं। पहला- यह आंखों में नमी बनाए रखने का काम करते हैं। दूसरा- आंखों में हवा, धूल और धुआं पहुंचने पर तीसरी सबसे अहम वजह है इंसान का इमोशनल हो जाना जैसे- दुखी होना, आघात लगना आदि
तनाव होता है गायब
वैज्ञानिकों के अनुसार रोली की क्रिया या हम तब होते हैं जब हम बेहद दुखी होते हैं जब हम दुखी होते हैं तो आंसू के जरिए हमारे मस्तिष्क के कुछ ऐसे रसायन बाहर निकलते हैं जो हमारे मस्तिष्क में या मन में हो रही पीड़ा को कुछ हद तक कम करते हैं इसलिए अक्सर लोग कहते हैं कि सोने के बाद अच्छा लग रहा है।
बैक्टीरिया से बचाता है
आंसुओं में खास तरह का केमिकल लाइसोजोम पाया जाता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल खूबी होती है। जो बैक्टीरिया के संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। इसलिए आंसू निकलने पर इन्हें बह जाने दें। ऐसा होने से बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है।